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कोरोनाकाल में मिट्टी के बर्तनों की बढ़ी मांग, दुकानदार हुए खुश - dk sharma, doctor of hathras district hospital

हाथरस में कोरोना वायरस की वजह से लोगों ने फ्रिज का पानी पीना बंद कर दिया है. इसके चलते लोग मिट्टी से बने बर्तनों और घड़ों का इस्तेमाल कर रहे हैं. बर्तनों की बिक्री अच्छी होने के चलते दुकानदार खुश नजर आ रहे हैं. वहीं जिला अस्पताल के चिकित्सक डी के शर्मा ने बताया कि घड़े (मटका) का पानी स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है.

मिट्टी के बर्तनों की अच्छी बिक्री से दुकानदार खुश
मिट्टी के बर्तनों की अच्छी बिक्री से दुकानदार खुश
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Published : Apr 29, 2021, 1:16 PM IST

हाथरस : कोरोना ने लोगों को पुराने जमाने में लौटने को मजबूर कर दिया है. इस बीमारी के चलते अधिकांश लोग फ्रिज का ठंडा पानी पीने से परहेज कर रहे हैं. लोगों को घड़े (मटका) आदि मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल करते देखा जा रहा है. वहीं मिट्टी के बर्तन का कारोबार करने वाले लोग इसमें आधुनिकता देने में लगे हैं. बर्तनों की बिक्री अच्छी होने से यह लोग भी खुश हैं.

मिट्टी के बर्तनों की मांग बढ़ी

'कोरोना ने लोगों को पुराने जमाने में लौटने को किया मजबूर'

इस बीमारी के चलते जहां जड़ी-बूटियों का सेवन लोग पहले से बहुत अधिक करने लगे हैं. वहीं फ्रिज का ठंडा पानी पीने से भी अधिकांश लोग परहेज कर रहे हैं. लोगों को वापस मटके आदि पर लौटता देख मिट्टी के बर्तनों को बनाने वालों ने भी इसमें आधुनिकता का टच देना शुरू कर दिया है. जहां पहले सादा मटके बाजार में बिका करते थे, वहीं अब उनके साथ मिट्टी के कैम्पर और बोतलें भी बाजार में आ गई हैं. हाथरस में मिट्टी का सामान बेचने वाले दुकानदार आगरा से टोंटी वाले घड़े (मटके) तथा राजस्थान से कैंपर, मिट्टी की बोतलें, तवा आदि बर्तन मंगा कर बेच रहे हैं. इन सामानों को बेच कर यह लोग खुश हैं.

कोरोना के दौर में फ्रिज के ठंडे पानी से बताया गया है परहेज

मिट्टी का घड़ा (मटका) खरीदने वाले एक ग्राहक घनश्याम सिंह ने बताया कि कोरोना चल रहा है. ठंडे पानी से परहेज बताया गया है. ठंडा पानी पीने से सर्दी, जुकाम की शिकायत हो जाती है. इससे कोरोना होने की आशंका रहती है. गर्मी में ठंडे पानी की आवश्यकता रहती है, इसीलिए मिट्टी का मटका खरीदा है.

मिट्टी के बर्तनों की अच्छी बिक्री से दुकानदार खुश

मिट्टी के बर्तन बेचने वाले दुकानदार सुनील कुमार ने बताया कि कोरोनाकाल चल रहा है. फ्रिज का ठंडा पानी बंद हो चुका है. पहले मिट्टी की न तो बोतल हुआ करती थी और ना ही कैंपर. घड़े (मटके) की दुकानदारी भी अच्छी नहीं थी. लेकिन, कोरोना की वजह से जब लोगों ने फ्रिज का पानी पीना बंद किया तब से घड़े और बाकी बर्तनों की मांग बढ़ गई है. अब इन सब के साथ मटके भी अच्छे बिक रहे हैं.

'घड़े का पानी स्वास्थ्य के लिए होता है लाभकारी'

जिला अस्पताल के चिकित्सक डीके शर्मा ने बताया कि घड़े (मटका) का पानी स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है. घड़े का पानी पीने से कैल्शियम मिलता है. साथ ही शरीर को कोई नुकसान भी नहीं होता. जबकि फ्रिज का ठंडा पानी लोगों के शरीर को कई तरह के नुकसान पहुंचाता है.

इसे भी पढ़ें-हाथरस कांड के आरोपी संदीप का झूठ आया सामने, पॉलीग्राफ टेस्ट में खुलासा

हाथरस : कोरोना ने लोगों को पुराने जमाने में लौटने को मजबूर कर दिया है. इस बीमारी के चलते अधिकांश लोग फ्रिज का ठंडा पानी पीने से परहेज कर रहे हैं. लोगों को घड़े (मटका) आदि मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल करते देखा जा रहा है. वहीं मिट्टी के बर्तन का कारोबार करने वाले लोग इसमें आधुनिकता देने में लगे हैं. बर्तनों की बिक्री अच्छी होने से यह लोग भी खुश हैं.

मिट्टी के बर्तनों की मांग बढ़ी

'कोरोना ने लोगों को पुराने जमाने में लौटने को किया मजबूर'

इस बीमारी के चलते जहां जड़ी-बूटियों का सेवन लोग पहले से बहुत अधिक करने लगे हैं. वहीं फ्रिज का ठंडा पानी पीने से भी अधिकांश लोग परहेज कर रहे हैं. लोगों को वापस मटके आदि पर लौटता देख मिट्टी के बर्तनों को बनाने वालों ने भी इसमें आधुनिकता का टच देना शुरू कर दिया है. जहां पहले सादा मटके बाजार में बिका करते थे, वहीं अब उनके साथ मिट्टी के कैम्पर और बोतलें भी बाजार में आ गई हैं. हाथरस में मिट्टी का सामान बेचने वाले दुकानदार आगरा से टोंटी वाले घड़े (मटके) तथा राजस्थान से कैंपर, मिट्टी की बोतलें, तवा आदि बर्तन मंगा कर बेच रहे हैं. इन सामानों को बेच कर यह लोग खुश हैं.

कोरोना के दौर में फ्रिज के ठंडे पानी से बताया गया है परहेज

मिट्टी का घड़ा (मटका) खरीदने वाले एक ग्राहक घनश्याम सिंह ने बताया कि कोरोना चल रहा है. ठंडे पानी से परहेज बताया गया है. ठंडा पानी पीने से सर्दी, जुकाम की शिकायत हो जाती है. इससे कोरोना होने की आशंका रहती है. गर्मी में ठंडे पानी की आवश्यकता रहती है, इसीलिए मिट्टी का मटका खरीदा है.

मिट्टी के बर्तनों की अच्छी बिक्री से दुकानदार खुश

मिट्टी के बर्तन बेचने वाले दुकानदार सुनील कुमार ने बताया कि कोरोनाकाल चल रहा है. फ्रिज का ठंडा पानी बंद हो चुका है. पहले मिट्टी की न तो बोतल हुआ करती थी और ना ही कैंपर. घड़े (मटके) की दुकानदारी भी अच्छी नहीं थी. लेकिन, कोरोना की वजह से जब लोगों ने फ्रिज का पानी पीना बंद किया तब से घड़े और बाकी बर्तनों की मांग बढ़ गई है. अब इन सब के साथ मटके भी अच्छे बिक रहे हैं.

'घड़े का पानी स्वास्थ्य के लिए होता है लाभकारी'

जिला अस्पताल के चिकित्सक डीके शर्मा ने बताया कि घड़े (मटका) का पानी स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है. घड़े का पानी पीने से कैल्शियम मिलता है. साथ ही शरीर को कोई नुकसान भी नहीं होता. जबकि फ्रिज का ठंडा पानी लोगों के शरीर को कई तरह के नुकसान पहुंचाता है.

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