हाथरस: यूपी के हाथरस के बहुचर्चित बिटिया कांड को लेकर बुधवार को लोग सड़कों पर कैंडल लेकर निकले. आज के ही दिन बिटिया ने एक साल पहले 29 सितंबर 2020 को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ा था. पुलिस व प्रशासन ने मिलकर देर रात बिटिया के शव को जलाने का घिनौना काम किया था.
बिटिया मामले को एक साल पूरा होने पर निकला केंडल मार्च
बिटिया को न्याय दिलाने को लेकर बुधवार की रात तमाम लोग तालाब चौराहा पर एकत्र हुए. वहां लोगों ने बिटिया की आत्मा शांति के लिए दो मिनट का मौन धारण किया. बाद में सभी लोग हाथों में कैंडल और मोबाइल टोर्च लेकर सड़कों पर निकले. कैंडल मार्च में शामिल लोग तरह-तरह के स्लोगन की तख्तियां हाथों में लिए हुए थे. मार्च के दौरान पुलिस व प्रशासन भी मौजूद रहा.
न्याय न मिलने तक परिवार नहीं करेगा बिटिया की अस्थियों का विसर्जन
कैंडल मार्च की अगुवाई करने वालों में से एक शख्स ने बताया कि हम सब लोग साथ में एकजुट हुए हैं. हमारी मांग है कि हमारी बेटी के साथ पिछले साल 14 सितंबर को अत्याचार हुआ था और आज के दिन सुबह उसकी मौत हो गई थी. आज भी उसके परिवार ने बेटी की अस्थियां को विसर्जित नहीं किया हैं. उन्होंने प्रण लिया है कि बेटी को जब तक न्याय नहीं मिलेगा, उसे शांति नहीं मिलेगी. वह अस्थियों का विसर्जन नहीं करेंगे.
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यह था मामला
14 सितंबर 2020 को जिले की चंदपा कोतवाली इलाके के एक गांव में दलित युवती के साथ दरिंदगी और उसे जान से मारने की कोशिश का मामला सामने आया था. वहीं इलाज के दौरान युवती की 29 सितंबर 2020 को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई थी. इस मामले के चारों आरोपी संदीप, रवि, रामू और लवकुश अलीगढ़ जेल में बंद हैं.