हाथरस: यूपी के हाथरस की बिटिया को न्याय दिलाने के लिए पूरा देश आवाज बुलंद कर रहा है. वहीं पीड़िता का परिवार भी न्याय न मिलने तक बेटी की अस्थियों का विसर्जन करने को तैयार नहीं है. परिवार का कहना है कि उन्हें नहीं मालूम कि यह है अस्थियां उनकी बहन/बेटी की हैं या नहीं. बावजूद इसके परिवार सिर्फ इंसानियत के नाते चिता की राख से अस्थियां ले आया है. इसके साथ ही परिवार लगातार डीएम को पद से हटाने की मांग कर रहा है. भाई का कहना है कि डीएम ने परिवार के साथ बहुत बदसलूकी की है.
बता दें कि शनिवार को प्रदेश के डीजीपी तथा अपर मुख्य सचिव गृह ने हाथरस में पीड़िता के परिजनों से मुलाकात की थी. इसके बाद सीएम योगी ने मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश भी की है. इस सब के बावजूद पीड़िता का परिवार संतुष्ट नजर नहीं आ रहा है. परिवार लगातार मामले की सुप्रीम कोर्ट के जज से जांच कराने की मांग कर रहा है.
पीड़िता का परिवार है असंतुष्ट
सीएम योगी ने भी मृतका के पिता से वीडियो कॉल के जरिए बात की थी. सीएम ने परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की साथ ही मामले की निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया था. सीएम ने परिवार को 25 लाख की आर्थिक मदद और परिवार के सदस्य को नौकरी तथा आवास देने का वादा किया था. परिवार इसके बाद भी संतुष्ट नहीं दिखा तो डीजीपी हितेश अवस्थी और अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी परिवार से मिलने पहुंचे. इसके बाद मामले की जांच सीबीआई से कराने की बात कही गई, लेकिन परिवार मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज से कराने की मांग कर रहा है.
नार्कोटेस्ट पर परिवार की आपत्ति
इसके साथ ही परिवार नार्कोटेस्ट कराने पर भी आपत्ति जता रहा है. परिवार का कहना है कि पुलिस हमारा टेस्ट करवाकर क्या साबित करना चाहती है. मृतका के भाई ने डीएम को पद से हटाने की मांग की है. उसका कहना है कि डीएम ने हमारे परिवार के साथ बहुत बदसलूकी की है. भाई का कहना है कि डीएम परिवार को धमका भी रहे थे, इस बारे में तो सबको जानकारी है.