हाथरस: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया के सपने को पंख देते हुए बीसी (बैंक कोरेस्पोंडेंट) सखी अब गांवों में बैंकिंग सेवाएं पहुचाएंगी. जिले के ब्लॉक सासनी स्थित केनरा बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान में अलीगढ़ के मंडलायुक्त प्रभु दयाल ने बीसी सखी के दूसरे बैच का शुभारंभ दीप प्रज्जवलित कर किया. इस मौके पर उन्होंने पहले बैच की महिला प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए.
गांव में बैंकिंग सेवाएं देंगी बीसी सखी
मंडलायुक्त गौरव दयाल ने कहा कि आज बीसी सखी के द्वितीय बैच का प्रशिक्षण शुरू किया गया है. बीसी सखी (बैंक कोरेस्पोंडेंट) के माध्यम से ग्रामीण बैंक के ट्रांजेक्शन गांव में ही कर सकेंगे. यह सुविधा शुरू होने के बाद लोगों को बैंक तक नहीं आना पड़ेगा. उन्हें किसी तरह की कोई असुविधा भी नहीं होगी. साथ ही बैंक में आने-जाने में गरीब व्यक्ति की मजदूरी मारी जाती है, वह उससे बच सकेगा. उन्होंने बताया कि यह भारत सरकार की योजना है. इसे हर जिले में लीड बैंक संचालित कर रही हैं. इसमें महिलाओं के समूह को चयनित कर उन्हें ट्रेंड किया जाता है. उन्हें बीसी सखी के रूप में ट्रेंड कर गांव में तैनात किया जाएगा.
गांव में डिजिटल इंडिया को प्रमोट करने में अहम भूमिका
केनरा बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय अलीगढ़ के महाप्रबंधक रोहित कुमार ने बताया कि बीसी सखी का 31 लोगों का एक बैच पूरा हो चुका है. बीसी सखी का गांव में डिजिटल इंडिया को प्रमोट करने में बहुत बड़ा योगदान रहेगा. जरूरत की ट्रेनिंग और इक्विपमेंट दिए हैं. उन्होंने बताया कि पहले महिला अपने काम के लिए दूसरों पर निर्भर होती थीं. अब वह खुद सीख कर दूसरों को सिखाएंगी. इस सेवा के साथ उन्हें ट्रांजेक्शन करने के लिए पैसा भी मिलेगा.
बैंक आने-जाने में समय नहीं होगा बर्बाद
छह दिन की ट्रेनिंग पूरी करने वाली पूजा और लक्ष्मी देवी ने बताया कि उन्होंने बीसी सखी की ट्रेनिंग पूरी कर ली है. उन्होंने बताया कि बीसी सखी बैंक और गांव के लोगों के बीच की माध्यम होंगी. गांव की बुजुर्ग महिलाओं, अनपढ़ महिलाओं आदि का ट्रांजेक्शन अब गांव में ही होगा. गांव के लोगों को बैंक जाकर समय की बर्बादी नहीं करनी होगी.
बीसी सखी गांव में देंगी बैंकिंग सेवा, लोगों को मिलेंगी ये सुविधा
यूपी के हाथरस जिले में बीसी सखी गांवों में बैंकिंग सेवाएं पहुचाएंगी. ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं अब डिजिटल मोड के माध्यम से लोगों के घर पर बैंकिंग सेवाएं और पैसे का लेनदेन करेंगी.
हाथरस: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया के सपने को पंख देते हुए बीसी (बैंक कोरेस्पोंडेंट) सखी अब गांवों में बैंकिंग सेवाएं पहुचाएंगी. जिले के ब्लॉक सासनी स्थित केनरा बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान में अलीगढ़ के मंडलायुक्त प्रभु दयाल ने बीसी सखी के दूसरे बैच का शुभारंभ दीप प्रज्जवलित कर किया. इस मौके पर उन्होंने पहले बैच की महिला प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र भी वितरित किए.
गांव में बैंकिंग सेवाएं देंगी बीसी सखी
मंडलायुक्त गौरव दयाल ने कहा कि आज बीसी सखी के द्वितीय बैच का प्रशिक्षण शुरू किया गया है. बीसी सखी (बैंक कोरेस्पोंडेंट) के माध्यम से ग्रामीण बैंक के ट्रांजेक्शन गांव में ही कर सकेंगे. यह सुविधा शुरू होने के बाद लोगों को बैंक तक नहीं आना पड़ेगा. उन्हें किसी तरह की कोई असुविधा भी नहीं होगी. साथ ही बैंक में आने-जाने में गरीब व्यक्ति की मजदूरी मारी जाती है, वह उससे बच सकेगा. उन्होंने बताया कि यह भारत सरकार की योजना है. इसे हर जिले में लीड बैंक संचालित कर रही हैं. इसमें महिलाओं के समूह को चयनित कर उन्हें ट्रेंड किया जाता है. उन्हें बीसी सखी के रूप में ट्रेंड कर गांव में तैनात किया जाएगा.
गांव में डिजिटल इंडिया को प्रमोट करने में अहम भूमिका
केनरा बैंक के क्षेत्रीय कार्यालय अलीगढ़ के महाप्रबंधक रोहित कुमार ने बताया कि बीसी सखी का 31 लोगों का एक बैच पूरा हो चुका है. बीसी सखी का गांव में डिजिटल इंडिया को प्रमोट करने में बहुत बड़ा योगदान रहेगा. जरूरत की ट्रेनिंग और इक्विपमेंट दिए हैं. उन्होंने बताया कि पहले महिला अपने काम के लिए दूसरों पर निर्भर होती थीं. अब वह खुद सीख कर दूसरों को सिखाएंगी. इस सेवा के साथ उन्हें ट्रांजेक्शन करने के लिए पैसा भी मिलेगा.
बैंक आने-जाने में समय नहीं होगा बर्बाद
छह दिन की ट्रेनिंग पूरी करने वाली पूजा और लक्ष्मी देवी ने बताया कि उन्होंने बीसी सखी की ट्रेनिंग पूरी कर ली है. उन्होंने बताया कि बीसी सखी बैंक और गांव के लोगों के बीच की माध्यम होंगी. गांव की बुजुर्ग महिलाओं, अनपढ़ महिलाओं आदि का ट्रांजेक्शन अब गांव में ही होगा. गांव के लोगों को बैंक जाकर समय की बर्बादी नहीं करनी होगी.