हाथरसः प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत बनने वाले गोल्डन कार्ड के नाम पर आशा कार्यकर्ताओं पर अवैध वसूली का आरोप जन सुविधा केंद्र के प्रबंधक ने लगाया है. केंद्र प्रबंधक ने मुख्य विकास अधिकारी से मामले की शिकायत भी की है. सीएससी संचालकों का कहना है कि ग्राम पंचायतों में शिविर के दौरान स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कोई भी मदद नहीं करते हैं. वहीं मुख्य विकास अधिकारी ने मामले का संज्ञान लेते हुए आयुष्मान योजना के नोडल प्रभारी सहित उनकी टीम को चेतावनी दी है. मुख्य विकास अधिकारी ने प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का प्रचार-प्रसार कराए जाने के निर्देश भी जारी किए हैं.
3.5 लाख लोगों को लाभ देने का है लक्ष्य
दरअसल आयुष्मान भारत योजना के तहत गरीबों को निशुल्क उपचार मुहैया कराए जाने की व्यवस्था की गई है. इसके तहत सामाजिक आर्थिक जनगणना 2011 की सूची में पात्र लाभार्थियों को योजना के तहत लाभ दिए जाने का प्रावधान है. यहां जिले में 70 हजार परिवारों के 3.5 लाख लोगों को लाभ देने का लक्ष्य शासन स्तर से निर्धारित किया गया है. इस लक्ष्य के सापेक्ष सीएससी संचालकों के सहारे स्वास्थ्य विभाग अपनी नैया पार कराने में लगा हुआ है. जिले में अब तक मात्र 55000 गोल्डन कार्ड बनाए गए हैं.
आशा कार्यकर्ताओं पर अवैध वसूली का आरोप
शिविर के दौरान स्वास्थ्य विभाग के किसी भी प्रकार की मदद न किए जाने का मामला सामने आया है. दरअसल सीएचसी संचालकों ने मुख्य विकास अधिकारी से मामले की शिकायत की है. सीएचसी संचालकों का आरोप है कि जब वह ग्राम पंचायतों में गोल्डन कार्ड बनाने के लिए जाते हैं तो आशा कार्यकर्ता गोल्डन कार्ड के नाम पर पात्र लाभार्थियों से अवैध उगाही करती हैं.
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जन सुविधा केंद्र के जिला प्रबंधक ने लगाया आरोप
इस मामले में हाथरस के जन सुविधा केंद्र जिला प्रबंधक प्रदीप कुमार से बात की गई. उन्होंने बताया कि हमारे सीएससी बीएलई हैं. स्वास्थ्य विभाग से आयुष्मान कैंप के लिए एक माइक्रो प्लान बनाया जाता है. वहां पर हमारे बीएलई काम करने जाते हैं लेकिन उन्हें वहां कोई सपोर्ट नहीं मिलता है. स्वास्थ्य विभाग के लोग कहते हैं कि आशाओं से संपर्क कीजिए. न ही आशा सपोर्ट करती हैं और न ही ग्राम प्रधान सहयोग देते हैं.