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Hathras News : खाने का जायका बढ़ाती है हाथरस की हींग, जानिए कैसे होती है तैयार - काका हाथरसी

हाथरस का नाम आते ही जेहन में दो नाम आते हैं. (Hathras News) स्वाद के लिए हींग और मनोरंजन के लिए काका हाथरसी. जहां हाथरस में बनी हींग अपनी महक के लिए देश-विदेश में जानी पहचानी जाती है, वहीं मनोरंजन के लिए काका हाथरसी देश विदेश तक विख्यात रहे हैं.

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Published : Mar 11, 2023, 7:55 PM IST

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हाथरस : तड़के की बात हो चाहे जायके की बात हो हींग का जिक्र न हो ऐसा हो नहीं सकता, और जब हींग की बात छिड़े और हाथरस का जिक्र न हो ऐसा भी नहीं हो सकता. बेशक हींग तजाकिस्तान, अफगानिस्तान, कजाकिस्तान और ईरान से आती हो, लेकिन इसे खाने लायक हाथरस में ही बनाया जाता है.

हाथरस की हींग
हाथरस की हींग

दरअसल, हाथरस में जो हींग प्रोडक्ट निर्मित होते हैं उनका दूध उज्बेकिस्तान, तजाकिस्तान, अफगानिस्तान और ईरान से आता है. जिसे फिल्टर कर कंपाउंड (बंधानी हींग) तैयार की जाती है. गोंद, खाने वाले तेल और स्टार्च आदि को मिलाकर हींग का कंपाउंड तैयार किया जाता है. खास बात यह है कि इसे बनाने के लिए किसी मशीन की जरूरत नहीं पड़ती. इसकी प्रोसेसिंग मैनुअल होती है. हींग के इस्तेमाल से खाना तो स्वादिष्ट बनता ही है यह औषधीय गुणों से भरपूर होने के कारण यह लोगों को स्वस्थ रखने में भी फायदेमंद साबित होती है. पिछले सप्ताह हाथरस आईं राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने हींग के काउंटर पर पहुंचकर पूछा था कि हींग बनाने के लिए क्या-क्या चीज मिलाई जाती है. उन्हें बताया गया था कि उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान से आने वाले रॉ मटीरियल में मैदा व गोंद मिलाकर हींग तैयार की जाती है.

हाथरस की हींग
हाथरस की हींग




हाथरस में ही क्यों बनती है इसकी भी एक रोचक कहानी है. हींग कारोबारी राजेश अग्रवाल बताते हैं कि 'इसका करीब सवा सौ साल पुराना इतिहास है. उन्होंने बताया कि अफगानिस्तान से आड़ू खान नाम एक व्यक्ति हाथरस आकर बस गए थे. उन्होंने इसकी नींव रखी थी तभी से यह कारोबार धीरे-धीरे बढ़ता रहा. अब तो यह यहां का कुटीर उद्योग बन गया है. उन्होंने बताया कि यह करीब 50 से 60 छोटी बड़ी फैक्ट्री हैं, जिसमें दो से ढाई हजार लोग इस कारोबार से जुड़े हैं.'

हाथरस की हींग
हाथरस की हींग



एक कारोबारी विशाल अग्रवाल ने बताया कि 'हींग अफगानिस्तान, कजाकिस्तान व उज्वेकिस्तान से भारत में आती है. हाथरस से पूरे भारत में सप्लाई होती है. इसके दूध में स्टार्च, डेस्टिन गोंद आदि मिलकर इसे खाने योग्य बनाकर बेचा जाता है. उन्होंने बताया कि एक जिला एक उत्पाद से इसके कारोबार में बहुत फायदा हुआ है, हाथरस में इसका रोजगार भी काफी तेजी से बढ़ा है. वह सरकार से चाहते हैं कि इस पर लगने वाला टैक्स माफ किया जाए.'



कारोबारी प्रतीक अग्रवाल ने बताया कि 'हाथरस में बनी हींग पूरे हिंदुस्तान में और हिंदुस्तान के बाहर भी जाती है. यह खाने का स्वाद बढ़ाने की चीज है. उन्होंने बताया कि हींग के एक जिला एक उत्पाद में आने के साथ ही इस में काफी बदलाव हुए हैं. हमारे काम में आसानी हुई है, नई पीढ़ी यहां से बाहर ना जाकर हाथरस में ही अपना हींग का कारोबार शुरू कर रही है. उन्होंने बताया कि हींग खाने का स्वाद तो बढ़ाती ही है इसमें बहुत सारे औषधीय गुण भी हैं.

यह भी पढ़ें : Lok Sabha Elections 2024 में उप्र के लिए कांग्रेस इस खास रणनीति पर कर रही है काम, जानिए क्या

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हाथरस की हींग
हाथरस की हींग

दरअसल, हाथरस में जो हींग प्रोडक्ट निर्मित होते हैं उनका दूध उज्बेकिस्तान, तजाकिस्तान, अफगानिस्तान और ईरान से आता है. जिसे फिल्टर कर कंपाउंड (बंधानी हींग) तैयार की जाती है. गोंद, खाने वाले तेल और स्टार्च आदि को मिलाकर हींग का कंपाउंड तैयार किया जाता है. खास बात यह है कि इसे बनाने के लिए किसी मशीन की जरूरत नहीं पड़ती. इसकी प्रोसेसिंग मैनुअल होती है. हींग के इस्तेमाल से खाना तो स्वादिष्ट बनता ही है यह औषधीय गुणों से भरपूर होने के कारण यह लोगों को स्वस्थ रखने में भी फायदेमंद साबित होती है. पिछले सप्ताह हाथरस आईं राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने हींग के काउंटर पर पहुंचकर पूछा था कि हींग बनाने के लिए क्या-क्या चीज मिलाई जाती है. उन्हें बताया गया था कि उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान से आने वाले रॉ मटीरियल में मैदा व गोंद मिलाकर हींग तैयार की जाती है.

हाथरस की हींग
हाथरस की हींग




हाथरस में ही क्यों बनती है इसकी भी एक रोचक कहानी है. हींग कारोबारी राजेश अग्रवाल बताते हैं कि 'इसका करीब सवा सौ साल पुराना इतिहास है. उन्होंने बताया कि अफगानिस्तान से आड़ू खान नाम एक व्यक्ति हाथरस आकर बस गए थे. उन्होंने इसकी नींव रखी थी तभी से यह कारोबार धीरे-धीरे बढ़ता रहा. अब तो यह यहां का कुटीर उद्योग बन गया है. उन्होंने बताया कि यह करीब 50 से 60 छोटी बड़ी फैक्ट्री हैं, जिसमें दो से ढाई हजार लोग इस कारोबार से जुड़े हैं.'

हाथरस की हींग
हाथरस की हींग



एक कारोबारी विशाल अग्रवाल ने बताया कि 'हींग अफगानिस्तान, कजाकिस्तान व उज्वेकिस्तान से भारत में आती है. हाथरस से पूरे भारत में सप्लाई होती है. इसके दूध में स्टार्च, डेस्टिन गोंद आदि मिलकर इसे खाने योग्य बनाकर बेचा जाता है. उन्होंने बताया कि एक जिला एक उत्पाद से इसके कारोबार में बहुत फायदा हुआ है, हाथरस में इसका रोजगार भी काफी तेजी से बढ़ा है. वह सरकार से चाहते हैं कि इस पर लगने वाला टैक्स माफ किया जाए.'



कारोबारी प्रतीक अग्रवाल ने बताया कि 'हाथरस में बनी हींग पूरे हिंदुस्तान में और हिंदुस्तान के बाहर भी जाती है. यह खाने का स्वाद बढ़ाने की चीज है. उन्होंने बताया कि हींग के एक जिला एक उत्पाद में आने के साथ ही इस में काफी बदलाव हुए हैं. हमारे काम में आसानी हुई है, नई पीढ़ी यहां से बाहर ना जाकर हाथरस में ही अपना हींग का कारोबार शुरू कर रही है. उन्होंने बताया कि हींग खाने का स्वाद तो बढ़ाती ही है इसमें बहुत सारे औषधीय गुण भी हैं.

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