हरदोई : जिले में मानसिक रोग से ग्रसित मरीजों की संख्या दिन पर दिन बढ़ती जा रही है. वहीं डब्ल्यू एच ओ की रिपोर्ट के अनुसार आने वाले समय में विश्व का हर चौथा व्यक्ति मानसिक रोगों का शिकार होगा. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने भी अपनी कमर कस ली है और मानसिक रोगियों से लड़ने के लिए तमाम रणनीतियां तैयार की है. हर वर्ष 10 अक्टूबर के दिन विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है. जिसके माध्यम से मानसिक रोग क्या है और इनका उपचार कैसे किया जाए इस तरह की जागरूकता का प्रसार किया जाता है.
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विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया गया
जिले में गुरुवार को एक अलग अंदाज में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया गया. वहीं हर वर्ष अलग-अलग थीम रखी जाती हैं तो इस वर्ष की थीम 'वर्क टूगेदर टू प्रिवेंट स्यूसाइड' रही. इसमें जिले में मौजूद विद्यालयों से लेकर सरकारी कार्यालयों तक के जिम्मेदारों को ये बताया और समझाया गया कि एक साथ काम करने से बढ़ते आत्महत्या के मामलों पर रोक कैसे लगाई जा सकती है.
जिला सरकारी अस्पताल में कैंप का किया गया आयोजन
आज कल छात्रों से लेकर नौकरी पेशे के लोगों में बढ़ते तानाव के कारण वे आत्महत्या जैसे कदम उठा लेते हैं. ऐसे में डॉक्टरों ने कार्यशाला के माध्यम से विद्यालयों के प्रबंधकों और प्रधानाचार्यो को इस तरह के बच्चों को पहचाने के तरीकों से अवगत कराया. स्यूसाइड के सिम्टम्स पहचानने और उसे सही करने के प्राथमिक तरीकों की भी जानकारी दी. वहीं आज 10 अक्टूबर को जिला सरकारी अस्पताल में एक कैम्प का भी आयोजन किया गया. इसमें करीब तीन से साढ़े तीन सौ मरीजों ने आकर डॉक्टरों से बात की और अपना इलाज शुरू कराया.
वहीं ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. राम नारायण ने बताया कि डब्ल्यू एच ओ ने 10 अक्टूबर को मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाने का फैसला लिया है. वहीं डब्ल्यू एच ओ के अनुसार हर चौथा व्यक्ति मानसिक रोगी होने वाला है. 2019 की जो थीम है वो है 'वर्क टूगेदर टू प्रिवेंट स्यूसाइड'.