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हरदोई: मनरेगा में फर्जी जॉब कार्ड बनाकर हो रहा हेर-फेर, DM को लिखा पत्र

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Published : Jun 2, 2020, 10:38 AM IST

उत्तर प्रदेश के हरदोई में प्रवासी मजदूरों की बढ़ती संख्या के बाद रोजगार का संकट है. यहां लोगों को मनरेगा के तहत भी काम नहीं मिल पा रहा है. इस बाबत ग्रामीणों ने किसी के भी जॉब कार्ड बनाकर उससे फर्जी तरीके से पैसे निकाले जाने जैसे आरोप लगाकर जिलाधिकारी को शिकायती पत्र सौंपा है.

मनरेगा में फर्जी जॉब कार्ड बनाकर निकाला जा रहा पैसा.
मनरेगा में फर्जी जॉब कार्ड बनाकर निकाला जा रहा पैसा.

हरदोई: कोरोना वायरस के बढ़ते कहर के दौरान जिले में प्रवासी मजदूरों के आने से बेरोजगारों की संख्या बढ़ गई है. ऐसे में मनरेगा जैसी योजनाएं इन बेरोजगार मजदूरों के लिए एक मात्र सहारा हैं. किसान संगठनों और ग्रामीणों ने पात्र मजदूरों को इन योजनाओं का लाभ न मिल पाने की बात कह कर जिम्मेदारों पर संगीन आरोप लगाए हैं. मनरेगा में ग्राम प्रधान के घर के लोगों, जेल में बंद कैदियों और होमगार्डों के जॉब कार्ड बनाकर उससे फर्जी तरीके से पैसे निकाले जाने जैसे आरोप लगाकर आक्रोशित लोगों ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र सौंपा है.

मनरेगा में फर्जी जॉब कार्ड बनाकर निकाला जा रहा पैसा.

मनरेगा में चल रहा बड़ा खेल
जिले में जल संरक्षण आदि कार्यों को पूरा करने के लिए मनरेगा के तहत कार्य शुरू हो गए हैं. इसके लिए मजदूरों के जॉब कार्ड बनाकर उन्हें रोजगार दिया जाता है. इस बार कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बाद जारी लॉकडाउन में जिले में हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर हरदोई आ चुके हैं. अभी तक जिले में 47 ट्रेनों से करीब 55 हजार मजदूर हरदोई लाए गए हैं.

इन मजदूरों का रोजगार छिन जाने से इन पर आर्थिक संकट का खतरा मंडरा रहा है. इसके लिए शासन स्तर से ऐसे प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने के लिए मनरेगा जॉब कार्ड बनाए जाने के निर्देश जारी किए गए थे, लेकिन जिले में इस दौरान मनरेगा में बड़ा खेल चल रहा है. यहां लोगों के फर्जी जॉब कार्ड बनवाकर पैसा निकाला जा रहा है, जिससे पात्रों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है.

डीएम को सौंपा गया शिकायती पत्र
किसान संगठन के पदाधिकारी राहुल मिश्रा और एक अन्य ग्रामीण अनूप दीक्षित ने इस प्रकार के संगीन आरोप लगाए हैं. इन लोगों ने साक्ष्यों के साथ जिलाधिकारी को लिखित शिकायती पत्र सौंपा है, जिसमें साफ लिखा है कि पिहानी ब्लॉक के एक गांव में कुछ होमगार्ड और प्रधान के परिजनों का फर्जी जॉब कार्ड बना हुआ है. इसमें एक ऐसा व्यक्ति भी है जो विगत कई महीनों से जेल में था और मनरेगा में उसका जॉब कार्ड बनाकर फर्जी तरीके से पैसों की कालाबाजारी की जा रही है, जिस कारण पात्रों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. हालांकि शिकायतकर्ताओं ने इस संबंध में अधिकारियों से शिकायत भी की, लेकिन कोई हल नहीं निकला.

जिले के सभी विकास खंड के अधिकारियों संग बैठक कर फर्जी नाम कटवा कर पात्रों को योजना का लाभ दिलवाए जाने का दावा जरूर पेश किया है, जिसमें कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति का अगर फर्जी जॉब कार्ड बना है तो उस मामले की जांच करवा कर ऐसे लोगों के नाम कटवा कर जरूरतमंद मजदूरों के जॉब कार्ड बनवाये जाएंगे. इसके लिए सभी जिम्मेदारों को निर्देशित कर दिया गया है.
-पुलकित खरे, जिलाधिकारी

हरदोई: कोरोना वायरस के बढ़ते कहर के दौरान जिले में प्रवासी मजदूरों के आने से बेरोजगारों की संख्या बढ़ गई है. ऐसे में मनरेगा जैसी योजनाएं इन बेरोजगार मजदूरों के लिए एक मात्र सहारा हैं. किसान संगठनों और ग्रामीणों ने पात्र मजदूरों को इन योजनाओं का लाभ न मिल पाने की बात कह कर जिम्मेदारों पर संगीन आरोप लगाए हैं. मनरेगा में ग्राम प्रधान के घर के लोगों, जेल में बंद कैदियों और होमगार्डों के जॉब कार्ड बनाकर उससे फर्जी तरीके से पैसे निकाले जाने जैसे आरोप लगाकर आक्रोशित लोगों ने जिलाधिकारी को शिकायती पत्र सौंपा है.

मनरेगा में फर्जी जॉब कार्ड बनाकर निकाला जा रहा पैसा.

मनरेगा में चल रहा बड़ा खेल
जिले में जल संरक्षण आदि कार्यों को पूरा करने के लिए मनरेगा के तहत कार्य शुरू हो गए हैं. इसके लिए मजदूरों के जॉब कार्ड बनाकर उन्हें रोजगार दिया जाता है. इस बार कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बाद जारी लॉकडाउन में जिले में हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर हरदोई आ चुके हैं. अभी तक जिले में 47 ट्रेनों से करीब 55 हजार मजदूर हरदोई लाए गए हैं.

इन मजदूरों का रोजगार छिन जाने से इन पर आर्थिक संकट का खतरा मंडरा रहा है. इसके लिए शासन स्तर से ऐसे प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने के लिए मनरेगा जॉब कार्ड बनाए जाने के निर्देश जारी किए गए थे, लेकिन जिले में इस दौरान मनरेगा में बड़ा खेल चल रहा है. यहां लोगों के फर्जी जॉब कार्ड बनवाकर पैसा निकाला जा रहा है, जिससे पात्रों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है.

डीएम को सौंपा गया शिकायती पत्र
किसान संगठन के पदाधिकारी राहुल मिश्रा और एक अन्य ग्रामीण अनूप दीक्षित ने इस प्रकार के संगीन आरोप लगाए हैं. इन लोगों ने साक्ष्यों के साथ जिलाधिकारी को लिखित शिकायती पत्र सौंपा है, जिसमें साफ लिखा है कि पिहानी ब्लॉक के एक गांव में कुछ होमगार्ड और प्रधान के परिजनों का फर्जी जॉब कार्ड बना हुआ है. इसमें एक ऐसा व्यक्ति भी है जो विगत कई महीनों से जेल में था और मनरेगा में उसका जॉब कार्ड बनाकर फर्जी तरीके से पैसों की कालाबाजारी की जा रही है, जिस कारण पात्रों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. हालांकि शिकायतकर्ताओं ने इस संबंध में अधिकारियों से शिकायत भी की, लेकिन कोई हल नहीं निकला.

जिले के सभी विकास खंड के अधिकारियों संग बैठक कर फर्जी नाम कटवा कर पात्रों को योजना का लाभ दिलवाए जाने का दावा जरूर पेश किया है, जिसमें कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति का अगर फर्जी जॉब कार्ड बना है तो उस मामले की जांच करवा कर ऐसे लोगों के नाम कटवा कर जरूरतमंद मजदूरों के जॉब कार्ड बनवाये जाएंगे. इसके लिए सभी जिम्मेदारों को निर्देशित कर दिया गया है.
-पुलकित खरे, जिलाधिकारी

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