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हरदोई : वैज्ञानिक भी नहीं जान सके इस शिवलिंग से निकलने वाली जलधारा का रहस्य - हरदोई धोबिया आश्रम

जिले के पिहानी इलाके में मौजूद धोबिया आश्रम के शिव मंदिर की स्थापना सैकड़ों वर्षों पहले हुई थी. इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग से हमेशा जल की धारा निकलती है. इस अद्भुत शिवलिंग में से चार से पांच फीट लंबी जल की धारा निकलती है.

शिव मंदिर में स्थापित शिवलिंग से निकलती है जलधारा.
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Published : May 21, 2019, 12:42 PM IST

हरदोई : जिले में मौजूद कई ऐतिहासिक और पौराणिक स्थल ऐसे हैं, जो लोगों की मान्यताओं का आधार बने हुए हैं. उनमें से कुछ अद्भुत हैं, जिनका रहस्य आज तक बड़े-बड़े शोधकर्ता भी नहीं जान सके हैं. जिले के पिहानी इलाके में मौजूद धोबिया आश्रम के शिव मंदिर की स्थापना सैकड़ों वर्षों पहले हुई थी. इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग से हमेशा जल की धारा निकलती है.

शिव मंदिर में स्थापित शिवलिंग से निकलती है जलधारा.
  • जिले के पिहानी इलाके में मौजूद धोबिया आश्रम में एक शिव मंदिर स्थापित है.
  • मंदिर में स्थापित शिवलिंग से सैकड़ों वर्षों से जल की धारा निकल रही है.
  • बड़े-बड़े शोधकर्ता आज तक इस रहस्य का खुलासा नहीं कर सके हैं.

हालांकि, यहां के महंत बताते हैं कि इस शिवलिंग की स्थापना धोबिया आश्रम पर तपस्या करने आए ऋषियों ने की थी. यहां पर एक स्त्रोत है, जिससे जल की धारा निकलती है, लेकिन इस स्त्रोत की उत्पत्ति किसके माध्यम से हुई इसकी जानकारी किसी को नहीं है. वहीं यह मंदिर जिले के ही नहीं बल्कि गैर जनपदों से आने वाले लोगों की भी आस्था का प्रतीक बना हुआ है. इस अद्भुत शिवलिंग में से चार से पांच फीट लंबी जल की धारा निकलती है.

हरदोई : जिले में मौजूद कई ऐतिहासिक और पौराणिक स्थल ऐसे हैं, जो लोगों की मान्यताओं का आधार बने हुए हैं. उनमें से कुछ अद्भुत हैं, जिनका रहस्य आज तक बड़े-बड़े शोधकर्ता भी नहीं जान सके हैं. जिले के पिहानी इलाके में मौजूद धोबिया आश्रम के शिव मंदिर की स्थापना सैकड़ों वर्षों पहले हुई थी. इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग से हमेशा जल की धारा निकलती है.

शिव मंदिर में स्थापित शिवलिंग से निकलती है जलधारा.
  • जिले के पिहानी इलाके में मौजूद धोबिया आश्रम में एक शिव मंदिर स्थापित है.
  • मंदिर में स्थापित शिवलिंग से सैकड़ों वर्षों से जल की धारा निकल रही है.
  • बड़े-बड़े शोधकर्ता आज तक इस रहस्य का खुलासा नहीं कर सके हैं.

हालांकि, यहां के महंत बताते हैं कि इस शिवलिंग की स्थापना धोबिया आश्रम पर तपस्या करने आए ऋषियों ने की थी. यहां पर एक स्त्रोत है, जिससे जल की धारा निकलती है, लेकिन इस स्त्रोत की उत्पत्ति किसके माध्यम से हुई इसकी जानकारी किसी को नहीं है. वहीं यह मंदिर जिले के ही नहीं बल्कि गैर जनपदों से आने वाले लोगों की भी आस्था का प्रतीक बना हुआ है. इस अद्भुत शिवलिंग में से चार से पांच फीट लंबी जल की धारा निकलती है.

Intro:आकाश शुक्ला हरदोई। 9919941250

एंकर----हरदोई जिले में वैसे तो तमाम ऐतिहासिक और पौराणिक स्थल मौजूद हैं जिनकी उतपत्ति कब और कैसे हुई इसका पता आज तक नहीं लगाया जा सका है।वहीं आज भी इन पौराणिक व ऐतिहासिक स्थलों की धार्मिक मान्यताएं लोगों में बरकरार हैं। आज भी जिले में मौजूद दर्जनों ऐतिहासिक और पौराणिक स्थल ऐसे हैं जो लोगो की मान्यताओं का आधार बने हुए हैं। लेकिन उनमें से कुछ एक आज भी अद्भुत हैं।और जिन का रहस्य आज तक बड़े-बड़े शोधकर्ताओं से लेकर अन्य लोग भी नहीं जान सके। हम बात कर रहे हैं हरदोई जिले के पिहानी इलाके में मौजूद धोबिया आश्रम के कैसे शिव मंदिर की जहां पर विगत सैकड़ों वर्षों से जल की धारा उस शिवलिंग से निकल रही है लेकिन इस शिवलिंग की स्थापना कब हुई और कब से शिवलिंग में से यह जलधारा निकल रही है इसका पता आज तक कोई भी नहीं लगा पाया।


Body:वीओ--1--- हरदोई जिले में के पिहानी इलाके में मौजूद धोबिया आश्रम के अंदर एक ऐसे शिवलिंग मौजूद है। जिनके अंदर से सैकड़ों वर्षों से जल की धारा निकल रही है।लेकिन बड़े-बड़े शोधकर्ताओं के आने के बाद भी आज तक इस रहस्य का खुलासा ना हो सका। हालांकि यहां के महंत बताते हैं की इस शिवलिंग की स्थापना धोबिया आश्रम पर आए तपस्या करने वाले कुछ ऋषियों ने की थी। कहते हैं कि यहां पर भी एक स्रोत है लेकिन इस स्रोत की उत्पत्ति किसके माध्यम से हुई इसकी जानकारी आज तक किसी को भी नहीं हो पाई है।आज भी यह जल की धारा निकालने वाला शिवलिंग जिले के ही नहीं बल्कि गैर जनपदों से आने वाले लोगों की भी आस्था का प्रतीक बना हुआ है । जैसा कि आप तस्वीरों में देख सकते हैं कि किस तरह से इस अद्भुत शिवलिंग में से 4 से 5 फुट लंबी जल की धारा निकल रही है। कहते हैं की जब जल की धारा इस शिवलिंग में बंद हो जाती है तो यहां के आचार्यों द्वारा सिर्फ दो उंगलियां इसके ऊपर रखने से इसकी शुरुआत फिर से हो जाती है। इसे प्रकृति का अजूबा कहें या कोई विज्ञान का खेल।हालांकि आज सैकड़ों वर्षों से ये शिवलिंग जल की धारा का प्रवाह कर रहा है और इस जल को धरती में समाहित करते आ रहा है।

विसुअल विद वॉइस ओवर

वीओ--2--वहीं यहां के स्थानीय स्वामी नारायनानंद ने जानकारी दी कि इसकी स्थापना उनके बुजुर्गों ने की थी लेकिन इसका रहस्य कभी किसी ने उजागर नहीं किया या तो उन्हें भी इसके रहस्य की जानकारी न थी या उन्होंने किसी को बताना जरूरी न समझा।हालांकि स्वामी जी कहते हैं कि यह एक जल स्रोत है लेकिन इसकी उत्पत्ति कैसे और कब हुई इसका पता आज तक नहीं लगाया जा सका है।

बाईट--स्वामी नारायनानंद--धोबिया घाट हरदोई



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