हरदोई: भारत की पाकिस्तान पर विजय को करगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है. करगिल की बर्फीली पहाड़ियों में घुसपैठ करने वाली पाकिस्तानी सेना के भारतीय सेना के जवानों ने अदम्य साहस और शौर्य का परिचय देते हुए दांत खट्टे कर दिए थे और भारत का परचम लहराया था. रविवार को करगिल विजय दिवस की 21वीं वर्षगांठ के मौके पर सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास कार्यालय में पूर्व सैनिकों ने शहीदों को याद किया और उनके चित्र पर माल्यार्पण व पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी.
दरअसल, 1999 में पाकिस्तानी सैनिकों और पाक समर्थित आतंकवादियों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के भीतर घुसपैठ कर ली थी. कश्मीर के करगिल जिले से युद्ध प्रारंभ हुआ. इस दौरान भारतीय सेना ने 'ऑपरेशन विजय' को सफलतापूर्वक अंजाम देते हुए करगिल को घुसपैठियों के चंगुल से मुक्त कराया था.
भारत की पाकिस्तान पर विजय की इबारत 26 जुलाई 1999 को लिखी गई थी, इसलिए प्रत्येक वर्ष 26 जुलाई को करगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है. लगभग 2 महीने चले करगिल युद्ध में भारतीय जवानों ने अदम्य साहस का परिचय दिया. इस युद्ध में 527 वीर जवानों ने अपनी शहादत दी थी.
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भाजपा जिला अध्यक्ष सौरभ मिश्रा और पूर्व सैनिक अशोक अग्निहोत्री ने कहा कि प्रत्येक वर्ष 26 जुलाई को करगिल विजय दिवस मनाया जाता है. वीर सैनिकों के बलिदान को यह देश कभी भूल नहीं सकता. उन्होंने कहा कि सभी अमर शहीद वीर जवान देव तुल्य हैं, जिन्होंने अपनी शहादत देकर देश की आन, बान और शान की रक्षा की है.