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हरदोई: ऐसे रखें बदलते मौसम में खुद का ख्याल

उत्तर प्रदेश के हरदोई में बदलते मौसम में होने वाले रोगों से निजात पाने के लिए नेचुरोपैथ डॉ. राजेश मिश्रा ने बताए बचाव के उपाए. वहीं कब्ज कारक चीजों को खाने से मना किया.

डॉ. राजेश मिश्रा, नेचुरोपैथ.
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Published : Oct 17, 2019, 7:48 PM IST

हरदोई: बदलते मौसम में अक्सर लोगों को खांसी, जुकाम और बुखार की समस्या रहती हैं. ऐसे में लोगों को इस समस्या से निजात पाने के लिए सावधानियां बरतनी चाहिए, जिसके चलते ऐसे रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है. प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति से नेचुरोपैथ डॉ. राजेश मिश्रा के मुताबिक वायुमंडल में ठंडक हो जाने और प्रदूषण होने के चलते ऋतु परिवर्तन के बाद एक्शन और रीएक्शन होता है, जिसके चलते लोगों का शरीर प्रभावित होता है और ऐसी समस्याएं जन्म लेती हैं.

डॉ. राजेश मिश्रा, नेचुरोपैथ.

इन सभी कारणों से लोग बीमार पड़ जाते हैं. ऐसे में इन रोगों से छुटकारा पाने के लिए लोगों को कब्ज कारक चीजों से बचना चाहिए और निवारक आहार लेना चाहिए, जिससे वह बीमार भी नहीं पड़ेंगे और उनका शरीर स्वस्थ रहेगा.

ऋतु परिवर्तन होने के चलते लोगों को खांसी सर्दी जुकाम और बुखार की समस्या रहती है. यह सब ऋतु परिवर्तन के कारण होता है क्योंकि सुबह और रात में सर्दी हो जाती है और दिन में गर्मी का मौसम रहता है. ऐसे में शरीर सबसे ज्यादा प्रभावित होता है और शरीर के अंदर संचित कफ बाहर निकलता है, जिसके चलते किसी को जुखाम हो जाता है तो किसी को सिर दर्द और सर्दी लग जाती है और बुखार भी हो जाता है.

ऋतु परिवर्तन के समय न ले कब्ज कारक चीजें
ससे बचाव के लिए कायाकल्प केंद्र के नेचुरोपैथी चिकित्सक डॉ. राजेश मिश्रा बताते हैं कि ऐसे में इन समस्याओं से बचने के लिए लोगों को अपना आहार-विहार ठीक रखना चाहिए अगर किसी को जुकाम या सर्दी और खांसी हो रही है तो उसको सबसे पहले यही करना होगा कि वह कब्ज कारक चीजों का त्याग कर दें. कब्ज कारक चीजें जैसे दूध, चावल, केला समेत अन्य चीजें. इनका त्याग कर देना चाहिए और बचाव के लिए तुलसी अदरक गिलोय का काढ़ा लेना चाहिए. उसमें लौंग भी डाल सकते हैं और काली मिर्च भी डाल सकते हैं. इस काढ़े का सेवन जरूर करें और आंवले का सेवन करें जो सेब खाएं और कब्ज निवारक आहार लें और उसका सेवन करें और स्वस्थ रहें.

इसे भी पढ़ें- बागपतः बुखार से बच्ची की गई जान, डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप

एलर्जी से हो सकता है बुखार-जुखाम
चिकित्सक डॉ. राजेश मिश्र के मुताबिक मुख्य रूप से इस समय सर्दी बुखार और जुकाम कई लोगों को एलर्जी से भी हो जाती है. कहीं धूल-धुआं ज्यादा होता है यह ऋतु परिवर्तन के कारण होती हैं. इसमें वायुमंडल में जो प्रदूषण वगैरह दीपावली में पटाखे छोड़े जाते हैं उससे भी इस तरह की चीजें पैदा होती हैं. स्वच्छ और साफ वातावरण में रहे साथ ही पसीना भी निकलता रहेगा तो कब्ज से संबंधित जितनी बीमारियां है उनसे बचाव भी हो जाएगा.

हरदोई: बदलते मौसम में अक्सर लोगों को खांसी, जुकाम और बुखार की समस्या रहती हैं. ऐसे में लोगों को इस समस्या से निजात पाने के लिए सावधानियां बरतनी चाहिए, जिसके चलते ऐसे रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है. प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति से नेचुरोपैथ डॉ. राजेश मिश्रा के मुताबिक वायुमंडल में ठंडक हो जाने और प्रदूषण होने के चलते ऋतु परिवर्तन के बाद एक्शन और रीएक्शन होता है, जिसके चलते लोगों का शरीर प्रभावित होता है और ऐसी समस्याएं जन्म लेती हैं.

डॉ. राजेश मिश्रा, नेचुरोपैथ.

इन सभी कारणों से लोग बीमार पड़ जाते हैं. ऐसे में इन रोगों से छुटकारा पाने के लिए लोगों को कब्ज कारक चीजों से बचना चाहिए और निवारक आहार लेना चाहिए, जिससे वह बीमार भी नहीं पड़ेंगे और उनका शरीर स्वस्थ रहेगा.

ऋतु परिवर्तन होने के चलते लोगों को खांसी सर्दी जुकाम और बुखार की समस्या रहती है. यह सब ऋतु परिवर्तन के कारण होता है क्योंकि सुबह और रात में सर्दी हो जाती है और दिन में गर्मी का मौसम रहता है. ऐसे में शरीर सबसे ज्यादा प्रभावित होता है और शरीर के अंदर संचित कफ बाहर निकलता है, जिसके चलते किसी को जुखाम हो जाता है तो किसी को सिर दर्द और सर्दी लग जाती है और बुखार भी हो जाता है.

ऋतु परिवर्तन के समय न ले कब्ज कारक चीजें
ससे बचाव के लिए कायाकल्प केंद्र के नेचुरोपैथी चिकित्सक डॉ. राजेश मिश्रा बताते हैं कि ऐसे में इन समस्याओं से बचने के लिए लोगों को अपना आहार-विहार ठीक रखना चाहिए अगर किसी को जुकाम या सर्दी और खांसी हो रही है तो उसको सबसे पहले यही करना होगा कि वह कब्ज कारक चीजों का त्याग कर दें. कब्ज कारक चीजें जैसे दूध, चावल, केला समेत अन्य चीजें. इनका त्याग कर देना चाहिए और बचाव के लिए तुलसी अदरक गिलोय का काढ़ा लेना चाहिए. उसमें लौंग भी डाल सकते हैं और काली मिर्च भी डाल सकते हैं. इस काढ़े का सेवन जरूर करें और आंवले का सेवन करें जो सेब खाएं और कब्ज निवारक आहार लें और उसका सेवन करें और स्वस्थ रहें.

इसे भी पढ़ें- बागपतः बुखार से बच्ची की गई जान, डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप

एलर्जी से हो सकता है बुखार-जुखाम
चिकित्सक डॉ. राजेश मिश्र के मुताबिक मुख्य रूप से इस समय सर्दी बुखार और जुकाम कई लोगों को एलर्जी से भी हो जाती है. कहीं धूल-धुआं ज्यादा होता है यह ऋतु परिवर्तन के कारण होती हैं. इसमें वायुमंडल में जो प्रदूषण वगैरह दीपावली में पटाखे छोड़े जाते हैं उससे भी इस तरह की चीजें पैदा होती हैं. स्वच्छ और साफ वातावरण में रहे साथ ही पसीना भी निकलता रहेगा तो कब्ज से संबंधित जितनी बीमारियां है उनसे बचाव भी हो जाएगा.

Intro:स्लग--बदलते मौसम में रोगों से चाहिए छुटकारा तो इस तरह से रखें ख्याल

एंकर--बदलते मौसम में अक्सर लोगों को खांसी जुकाम और बुखार की समस्या रहती है ऐसे में लोगों को इस समस्या से निजात पाने के लिए सावधानियां बरतनी चाहिए जिसके चलते ऐसे रोगों से छुटकारा पाया जा सकता है प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति से नेचुरोपैथ डॉ राजेश मिश्रा के मुताबिक वायुमंडल में ठंडक हो जाने और प्रदूषण होने के चलते ऋतु परिवर्तन के बाद एक्शन और रीएक्शन होता है जिसके चलते लोगों का शरीर प्रभावित होता है और ऐसी समस्याएं जन्म लेती हैं जिससे लोग बीमार पड़ जाते हैं ऐसे में इन रोगों से छुटकारा पाने के लिए लोगों को कब्ज़ कारक चीजों से बचना चाहिए और निवारक आहार लेना चाहिए जिससे वह बीमार भी नहीं पड़ेंगे और उनका शरीर स्वस्थ रहेगा।


Body:vo--ऋतु परिवर्तन होने के चलते लोगों को खांसी सर्दी जुकाम और बुखार की समस्या रहती है यह सब ऋतु परिवर्तन के कारण होता है क्योंकि सुबह और रात में सर्दी हो जाती है और दिन में गर्मी का मौसम रहता है ऐसे में शरीर सबसे ज्यादा प्रभावित होता है और शरीर के अंदर संचित कफ बाहर निकलता है जिसके चलते किसी को जुखाम हो जाता है तो किसी को सिर दर्द और सर्दी लग जाती है और बुखार भी हो जाता है इससे बचाव के लिए कायाकल्प केंद्र के नेचुरोपैथी चिकित्सक डॉ राजेश मिश्रा बताते हैं कि ऐसे में इन समस्याओं से बचने के लिए लोगों को अपना आहार-विहार ठीक रखना चाहिए यदि किसी को जुकाम या सर्दी और खांसी हो रही है तो उसको सबसे पहले यही करना होगा कि वह कब्ज़ कारक चीजों का त्याग कर दें कब्ज़ कारक चीजें जैसे दूध चावल केला इत्यादि यह चीजें हैं इनका त्याग कर देना चाहिए और बचाव के लिए तुलसी अदरक गिलोय का काढ़ा लेना चाहिए उसमें लौंग भी डाल सकते हैं और काली मिर्च भी डाल सकते हैं इस काढ़े का सेवन जरूर करें और आंवले का सेवन करें जो सेब खाएं और कब्ज़ निवारक आहार लें और उसका सेवन करें। और स्वस्थ रहें।
बाइट-- डॉ राजेश मिश्रा चिकित्सक नेचरोपैथ


Conclusion:voc--चिकित्सक डॉ राजेश मिश्र के मुताबिक मुख्य रूप से इस समय सर्दी बुखार और जुकाम कई लोगों को एलर्जी भी हो जाती है कहीं धूल धुआं ज्यादा होता है यह ऋतु परिवर्तन के कारण होती हैं इसमें वायुमंडल में जो प्रदूषण वगैरह दीपावली में पटाखे छोड़े जाते हैं उससे भी इस तरह की चीजें पैदा होती हैं स्वच्छ और साफ वातावरण में रहे साथ ही पसीना भी निकलता रहेगा तो कब्ज़ से संबंधित जितनी बीमारियां है उनसे बचाव भी हो जाएगा।

आशीष द्विवेदी
हरदोई up
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