हरदोई: जिले में अधिकारी जल संचयन के दावे कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ जिले में मौजूद कार एवं बाइक वाशिंग सेंटर इन दावों की पोल खोल रहे हैं. प्रशासन की लाख कोशिशों के बाद भी जिले में मौजूद सैकड़ों सर्विस स्टेशनों पर समर्सिबल पंप का इस्तेमाल कर गाड़ियों को धोया जाता है. साथ ही यहां से निकलने वाले पानी को कहीं भी संरक्षित नहीं किया जाता बल्कि ये बर्बाद हो जाता है.
जिलाधिकारी के निर्देशों का नहीं हो रहा पालन
हरदोई जिले में इस वर्ष भी मानसून आने के बाद जल संचयन को लेकर जिलाधिकारी ने अफसरों को निर्देश दिए थे. इसके तहत इस बार कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों और ग्राम सभाओं में मौजूद परिषदीय विद्यालयों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाये जाएंगे. इतना ही नहीं सरकारी दफ्तरों में बदहाल पड़े हार्वेस्टिंग सिस्टम का जीर्णोद्धार किये जाने की बात भी उन्होंने कही थी.
वहीं अधिकारियों संग हुई बैठक में जिलाधिकारी ने पानी की बर्बादी करने वालों के खिलाफ अभियान चला कर कार्रवाई करने के आदेश भी जारी किए थे, लेकिन जिले के अफसर जिलाधिकारी के इन निर्देशों का पालन करते नहीं दिख रहे हैं. जिले में तमाम ऐसी जगहें हैं जहां जल संरक्षण को कोई इंतजाम नहीं किया गया है.
रोजाना बर्बाद होता है लाखों लीटर पानी
जिले में शहरी इलाकों से लेकर ग्रामीण अंचलों तक कार एवं बाइक वाश सेंटर खुले हैं. इन सैकडों सर्विस स्टेशनों पर रोजाना हजारों लीटर पानी बर्बाद हो जाता है. अगर इन जगहों पर जल संचयन की कोई उचित व्यवस्था हो तो ये जल संचयित होकर भूगर्भ में चला जायेगा, जिससे जलस्तर में बढ़ोत्तरी भी हो सकेगी.
क्या कहते हैं अधिकारी
इस मामले पर जब एडीएम संजय सिंह से बात की गई तो उन्होंने बताया कि ऐसे लोगों को चिन्हित कर उनके ऊपर कार्रवाई की जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने ऐसे लोगों पर जुर्माना लगाने की बात भी कही. उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को पानी की बर्बादी करने नहीं दी जाएगी. हर हाल में जल संचयन के अभियान को सफल बनाया जाएगा, जिससे कि भविष्य में जल संकट कम हो सके.