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शिक्षकों ने सेवा शिक्षा अधिनियम का किया विरोध, जलाई प्रतियां

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Published : Mar 11, 2021, 1:30 PM IST

हरदोई में शिक्षकों ने सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश की प्रतियां जलाई. शिक्षकों का कहना है कि इस कानून से वो लोग शिक्षक प्राधिकरण के अधीन हो जाएंगे. ऐसे में उनका शोषण और उत्पीड़न बढ़ जाएगा.

शिक्षकों ने जलाया काला कानून
शिक्षकों ने जलाया काला कानून

हरदोई: जिले में उत्तर प्रदेश सेवा शिक्षा अधिनियम को लागू करने के विरोध में गुरुवार को शिक्षकों ने अध्यादेश की प्रतियां जलाई. शिक्षकों का आरोप है कि सरकार ने यह काला कानून लागू किया है. जिससे शिक्षकों का शोषण होगा. शिक्षकों के मुताबिक इस कानून से शिक्षकों का अहित होगा और वो शिक्षक प्राधिकरण के अधीन हो जाएंगे. ऐसे में उनका शोषण और उत्पीड़न बढ़ जाएगा. जिसके चलते उनका नौकरी कर पाना मुश्किल होगा. ऐसे में उनकी मांग है कि सरकार इस अध्यादेश को वापस ले. अगर सरकार ने अध्यादेश को वापस नहीं लिया तो सभी शिक्षक आंदोलन तेज करने को मजबूर होंगे.

यह भी पढ़ें: खेत पर गई युवती के साथ छेड़छाड़, मुकदमा दर्ज

सरकार ने नहीं किया पास

उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ के तत्वावधान में और जिला अध्यक्ष शिव शंकर पांडे के नेतृत्व में विभिन्न घटकों के साथ शिक्षक कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे. उन्होंने उत्तर प्रदेश शिक्षा अधिनियम विधायक 2021 की प्रतियां जलाकर विरोध जताया. शिक्षकों की मांग है कि शिक्षा सेवा अधिनियम 2021 वापस लिया जाए. शिक्षकों के अनुसार इस विधेयक के लागू होने से शिक्षकों का काफी नुकसान होगा. यह अधिनियम शिक्षकों के लिए काला कानून है. हालांकि हाईकोर्ट ने इस अधिनियम पर रोक लगा दी है, लेकिन सरकार ने इसे पास नहीं किया है.

शिक्षक ने दी आंदोलन की चेतावनी
प्रदेश में इस अधिनियम के लागू होने से सभी शिक्षक प्राधिकरण के अधीन हो जाएंगे. अभी तक शिक्षकों को कोई परेशानी होने पर वह हाईकोर्ट की शरण में जाते थे, लेकिन प्राधिकरण में मामला निपटने की वजह से सुप्रीम कोर्ट की शरण में जाना पड़ेगा. ऐसे में दिल्ली जाने के लिए शिक्षकों को भारी खर्च उठाना पड़ेगा. साथ ही सुप्रीम कोर्ट के वकीलों तक पहुंच पाना भी मुश्किल होगा. इस अधिनियम से उनका शोषण और उत्पीड़न बढ़ जाएगा और उन्हें न्याय पाने के लिए लंबी लड़ाई लड़नी होगी. लिहाजा सभी शिक्षकों की मांग है कि उनकी मांगों को पूरा कर सरकार इस अधिनियम को वापस ले. अगर ऐसा नहीं हुआ तो सभी शिक्षक संघ सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई करने को मजबूर होंगे.



शिक्षकों की बढ़ जाएगी परेशानी

इस बारे में माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष राजीव कुमार मिश्रा ने बताया कि सरकार ने उत्तर प्रदेश सेवा शिक्षा अधिनियम 2021 लागू किया है. इस विधेयक को लागू करने से सभी शिक्षक प्राधिकरण के अधीन हो जाएंगे. अभी तक शिक्षकों की समस्याएं हाईकोर्ट तक निपट जाती थी, लेकिन ऐसे में प्राधिकरण में अगर शिक्षकों की समस्याओं का निवारण ना हुआ तो शिक्षकों को इसके लिए सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ेगा. सुप्रीम कोर्ट में वकीलों तक पहुंच पाना मुश्किल है. ऐसे में शिक्षकों को न्याय मिल पाना मुश्किल होगा और इससे शिक्षकों का नुकसान होगा. उनकी मांग है कि सरकार इस अध्यादेश को वापस ले. अगर सरकार ने इस अध्यादेश को वापस नहीं लिया तो सभी शिक्षक आंदोलन करेंगे.

हरदोई: जिले में उत्तर प्रदेश सेवा शिक्षा अधिनियम को लागू करने के विरोध में गुरुवार को शिक्षकों ने अध्यादेश की प्रतियां जलाई. शिक्षकों का आरोप है कि सरकार ने यह काला कानून लागू किया है. जिससे शिक्षकों का शोषण होगा. शिक्षकों के मुताबिक इस कानून से शिक्षकों का अहित होगा और वो शिक्षक प्राधिकरण के अधीन हो जाएंगे. ऐसे में उनका शोषण और उत्पीड़न बढ़ जाएगा. जिसके चलते उनका नौकरी कर पाना मुश्किल होगा. ऐसे में उनकी मांग है कि सरकार इस अध्यादेश को वापस ले. अगर सरकार ने अध्यादेश को वापस नहीं लिया तो सभी शिक्षक आंदोलन तेज करने को मजबूर होंगे.

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सरकार ने नहीं किया पास

उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ के तत्वावधान में और जिला अध्यक्ष शिव शंकर पांडे के नेतृत्व में विभिन्न घटकों के साथ शिक्षक कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे. उन्होंने उत्तर प्रदेश शिक्षा अधिनियम विधायक 2021 की प्रतियां जलाकर विरोध जताया. शिक्षकों की मांग है कि शिक्षा सेवा अधिनियम 2021 वापस लिया जाए. शिक्षकों के अनुसार इस विधेयक के लागू होने से शिक्षकों का काफी नुकसान होगा. यह अधिनियम शिक्षकों के लिए काला कानून है. हालांकि हाईकोर्ट ने इस अधिनियम पर रोक लगा दी है, लेकिन सरकार ने इसे पास नहीं किया है.

शिक्षक ने दी आंदोलन की चेतावनी
प्रदेश में इस अधिनियम के लागू होने से सभी शिक्षक प्राधिकरण के अधीन हो जाएंगे. अभी तक शिक्षकों को कोई परेशानी होने पर वह हाईकोर्ट की शरण में जाते थे, लेकिन प्राधिकरण में मामला निपटने की वजह से सुप्रीम कोर्ट की शरण में जाना पड़ेगा. ऐसे में दिल्ली जाने के लिए शिक्षकों को भारी खर्च उठाना पड़ेगा. साथ ही सुप्रीम कोर्ट के वकीलों तक पहुंच पाना भी मुश्किल होगा. इस अधिनियम से उनका शोषण और उत्पीड़न बढ़ जाएगा और उन्हें न्याय पाने के लिए लंबी लड़ाई लड़नी होगी. लिहाजा सभी शिक्षकों की मांग है कि उनकी मांगों को पूरा कर सरकार इस अधिनियम को वापस ले. अगर ऐसा नहीं हुआ तो सभी शिक्षक संघ सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई करने को मजबूर होंगे.



शिक्षकों की बढ़ जाएगी परेशानी

इस बारे में माध्यमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष राजीव कुमार मिश्रा ने बताया कि सरकार ने उत्तर प्रदेश सेवा शिक्षा अधिनियम 2021 लागू किया है. इस विधेयक को लागू करने से सभी शिक्षक प्राधिकरण के अधीन हो जाएंगे. अभी तक शिक्षकों की समस्याएं हाईकोर्ट तक निपट जाती थी, लेकिन ऐसे में प्राधिकरण में अगर शिक्षकों की समस्याओं का निवारण ना हुआ तो शिक्षकों को इसके लिए सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ेगा. सुप्रीम कोर्ट में वकीलों तक पहुंच पाना मुश्किल है. ऐसे में शिक्षकों को न्याय मिल पाना मुश्किल होगा और इससे शिक्षकों का नुकसान होगा. उनकी मांग है कि सरकार इस अध्यादेश को वापस ले. अगर सरकार ने इस अध्यादेश को वापस नहीं लिया तो सभी शिक्षक आंदोलन करेंगे.

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