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...आखिर कब तक खंडहरों में पढ़ेंगे नौनिहाल?

यूपी के हरदोई जिले में आज भी सैकड़ों परिषदीय विद्यालय ऐसे मौजूद हैं, जो खस्ताहाल हैं. ये विद्यालय खंडहर भवनों में संचालित किए जा रहे हैं, जबकि इन खंडहर हुए विद्यालयों को गिराए जाने का निर्देश जारी हो चुका है.

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Published : Dec 21, 2019, 8:37 AM IST

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प्राथमिक विद्यालय के बच्चे.

हरदोईः जिले में खंडहर हो चुके विद्यालयों को ध्वस्त करने का निर्देश जारी हुआ था, लेकिन आज भी ये नौनहालों के लिए खतरा बनकर खड़े हैं. प्रशासन कब इन खंडहरों को ध्वस्त करेगा, इसका जवाब सिर्फ आश्वासन के रुप में मिलता है. वहीं खंडहर हो चुके विद्यालय नशेड़ियों का अड्डा बन गया है.

हरदोई जिले में सैकड़ों परिषदीय स्कूल जर्जर हालत में हैं.


नए भवनों में पढ़ने के बाद भी बच्चे खंडहर हो चुके विद्यालयों के आस-पास खेलते और पढ़ते हैं, जिससे लगातार खतरा बना हुआ है, जबकि शासन स्तर से इस प्रकार के खंडहरों को ढहाए जाने के निर्देश जारी किए गए थे. इसके बावजूद आज भी 300 से अधिक विद्यालय जर्जर अवस्था में हैं और यहां मौजूद बच्चे खतरे के साये में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. वहीं कई विद्यालय ऐसे भी हैं, जो किराए के भवनों में संचालित हो रहे हैं और उनकी भी स्थिति बेहद खस्ताहाल है.

इसे भी पढ़ेंः-नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : रायपुर में वेस्ट प्लास्टिक से तैयार की जा रही हैं टी-शर्ट्स


जिले के शहरी इलाके सुभाषनगर, रेलवेगंज के प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक विद्यालय और टोंडरपुर व उमरौली गांव में मौजूद परिषदीय विद्यालयों के भवन पूरी तरह से जर्जर हैं. वहीं शहर के सरायथोक पूर्वी में एक प्राथमिक विद्यालय जर्जर भवन में संचालित हो रहा है. इससे बेसिक शिक्षा विभाग हरदोई की उदासीनता जरूर जाहिर हो रही है और ये विद्यालय सरकार के प्रयासों पर पानी फेरने का काम कर रहे हैं.

ऐसे विद्यालयों को चिन्हित कर जिम्मेदार अफसरानों की एक संयुक्त टीम बना कर इनका निरीक्षण कराया जाएगा. शासन को इन पुराने और जर्जर भवनों को नए भवनों में परिवर्तित करने का पत्राचार किया जा चुका है. जल्द ही इन जर्जर भवनों को नए भवनों परिवर्तित कर दिया जाएगा.
-गजेंद्र कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट

हरदोईः जिले में खंडहर हो चुके विद्यालयों को ध्वस्त करने का निर्देश जारी हुआ था, लेकिन आज भी ये नौनहालों के लिए खतरा बनकर खड़े हैं. प्रशासन कब इन खंडहरों को ध्वस्त करेगा, इसका जवाब सिर्फ आश्वासन के रुप में मिलता है. वहीं खंडहर हो चुके विद्यालय नशेड़ियों का अड्डा बन गया है.

हरदोई जिले में सैकड़ों परिषदीय स्कूल जर्जर हालत में हैं.


नए भवनों में पढ़ने के बाद भी बच्चे खंडहर हो चुके विद्यालयों के आस-पास खेलते और पढ़ते हैं, जिससे लगातार खतरा बना हुआ है, जबकि शासन स्तर से इस प्रकार के खंडहरों को ढहाए जाने के निर्देश जारी किए गए थे. इसके बावजूद आज भी 300 से अधिक विद्यालय जर्जर अवस्था में हैं और यहां मौजूद बच्चे खतरे के साये में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. वहीं कई विद्यालय ऐसे भी हैं, जो किराए के भवनों में संचालित हो रहे हैं और उनकी भी स्थिति बेहद खस्ताहाल है.

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जिले के शहरी इलाके सुभाषनगर, रेलवेगंज के प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक विद्यालय और टोंडरपुर व उमरौली गांव में मौजूद परिषदीय विद्यालयों के भवन पूरी तरह से जर्जर हैं. वहीं शहर के सरायथोक पूर्वी में एक प्राथमिक विद्यालय जर्जर भवन में संचालित हो रहा है. इससे बेसिक शिक्षा विभाग हरदोई की उदासीनता जरूर जाहिर हो रही है और ये विद्यालय सरकार के प्रयासों पर पानी फेरने का काम कर रहे हैं.

ऐसे विद्यालयों को चिन्हित कर जिम्मेदार अफसरानों की एक संयुक्त टीम बना कर इनका निरीक्षण कराया जाएगा. शासन को इन पुराने और जर्जर भवनों को नए भवनों में परिवर्तित करने का पत्राचार किया जा चुका है. जल्द ही इन जर्जर भवनों को नए भवनों परिवर्तित कर दिया जाएगा.
-गजेंद्र कुमार, सिटी मजिस्ट्रेट

Intro:आकाश शुक्ला हरदोई। 9919941250

एंकर--हरदोई जिले में आज भी सैकड़ो परिषदरी विद्यालय ऐसे मौजूद हैं जिनकी स्थिति खस्ताहाल है और ये विद्यालय खंडहर भवनों में संचालित किए जा रहे हैं।तो नए भवनों में पढ़ने के बाद भी इन विद्यालयों में मौजूद निष्प्रयोज्य घोषित खंडहर भवनों के इर्द गिर्द नौनिहाल खेलते व पढ़ते हैं।जबकि शासन स्तर से इस प्रकार के खंडहरों को ढहाए जाने के निर्देश जारी किए गए थे।लेकिन आज भी तीन सौ से अधिक विद्यालय जर्जर अवस्था मे हैं और यहां मौजूद बच्चे खतरे के साये में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।तो कई विद्यालय आज भी किराए के भवनों में संचालित हो रहे हैं, जिनकी स्थिति बेहद खस्ताहाल है।तो जिम्मेदारों ने एक बार फिर इन विद्यालयों में मौजूद खंडहरों को ढहाए जाने का कोरा आश्वासन जरूर दिया है।


Body:वीओ--1--परिषदीय विद्यालयों में पढ़ने वाले नौनिहालों की सुरक्षा को लेकर शिक्षा विभाग कितना संजीदा है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि खंडहर हो चुके विद्यालयों की इमारत को ढहाए जाने के निरदर्शों के बाद भी अभी तक उन्हें गिराया नहीं जा सका है।तो जिले में मौजूद 340 परिषदीय विद्यालय आज भी ऐसे हैं जिनकी इमारतें बेहद जर्जर हैं और कभी भी ढह जाने की अवस्था ने हैं।तो कई विद्यालय ऐसे हैं जहां के भवनों को तो निष्प्रयोज्य घोषित कर बच्चों के लिए नए भवनों का निर्माण कराया गया था।लेकिन आज भी बच्चे इन्हीं जर्जर भवनों के इर्द गिर्द घूमते व खेलते हैं।तो कई विद्यालय किराए के भवनों में संचालित किए जा रहे हैं जहां की स्थिति खस्ताहाल है।वहीं इन सैकड़ों विद्यालयों में पढ़ने वाले हजारों नौनिहाल आज खतरे के साये में हैं।

वीओ--2--जिले के शहरी इलाके के सुभाषनगर, रेलवेगंज इलाके के प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालय और टोंडरपुर व उमरौली गांव में मौजूद परिषदीय विद्यालयों के भवन पूरी तरह से जर्जर हैं।तो शहर के सरायथोक पूर्वी में एक प्राथमिक विद्यालय जर्जर भवन में संचालित हो रहा है।इससे बेसिक शिक्षा विभाग हरदोई की उदासीनता जरूर जाहिर हो रही है और ये विद्यालय सरकार के प्रयासों पर पानी फेरने का काम कर रहे हैं।

विसुअल विद वॉइस ओवर

वीओ--3--तो इस मामले की विधिवत जानकारी से सोती मजिस्ट्रेट गजेंद्र कुमार ने अवगत कराया।उन्होंने कहा कि ऐसे विद्यालयों को चिन्हित कर जिम्मेदार अफसरानों की एक संयुक्त टीम बना कर इनका निरीक्षण कराया जाएगा।वहीं शासन को इन पुराने और जर्जर भवनों को नए भवनों में परिवर्तित करने पत्राचार किया जा चुका है।जल्द ही इन जर्जर भवनों को नए भवनों परिवर्तित कर दिया जाएगा।

बाईट--गजेंद्र कुमार--सिटी मजिस्ट्रेट हरदोई
पीटूसी


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