हरदोई: जिले में शौचालय निर्माण के काम में लापरवाही बरतना ग्राम प्रधानों को महंगा पड़ा है. दरअसल एनओएलबी के तहत शौचालयों का निर्माण किया जाना था, लेकिन तय समय के बावजूद भी शौचालय निर्माण के कार्यों में ग्राम प्रधानों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई और शौचालय निर्माण की प्रगति काफी धीमी पाई गई. इसके चलते डीएम पुलकित खरे ने कड़ा रुख अपनाया है. डीएम ने जनपद के 360 ग्राम प्रधानों को कारण बताओ नोटिस जारी कर शौचालय निर्माण कार्य में शिथिलता के लिए उनसे जवाब मांगा है. डीएम के इस कार्रवाई से पंचायती राज विभाग में हड़कंप मचा हुआ है.
उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले को विगत सन 2018 में खुले में शौच मुक्त किया जा चुका है, जिसके बाद छूटे हुए पात्र लाभार्थियों को वंचित पात्र परिवारों के अंतर्गत रखा गया था. छूटे हुए पात्र व्यक्तियों का सर्वे कराकर नो वन लेफ्ट बिहाइंड (एनओएलबी) बेनिफिशियरी के अंतर्गत चयनित किया जा चुका है, जिनका शौचालय निर्माण कराया जा रहा है.
शासन द्वारा पात्रता के आधार पर एनओएलबी के तहत सभी शौचालयों को मई 2020 तक पूर्ण किया जाना था, लेकिन शौचालय निर्माण में धनराशि निर्गत होने के बावजूद भी संबंधित ग्राम प्रधानों ने शौचालय पूर्ण नहीं कराए. इसके चलते समीक्षा के दौरान 360 ग्राम प्रधानों की लापरवाही पाई गई और एनओएलबी की प्रगति 50 फीसदी से कम हो गई, जबकि शौचालय निर्माण कार्य के लिए संबंधित ग्राम प्रधानों को निर्देशित किया जा रहा था.
इस कारण से डीएम पुलकित खरे ने ग्राम प्रधानों द्वारा अपने दायित्वों का निर्वहन न करने पर संबंधित 360 ग्राम प्रधानों से स्पष्टीकरण साक्ष्यों सहित एक सप्ताह में प्रस्तुत करने का नोटिस जारी किया है. इस दौरान निर्धारित अवधि में स्पष्टीकरण प्राप्त न होने पर ग्राम प्रधानों के खिलाफ पंचायत राज अधिनियम की धारा के तहत कार्रवाई की जाएगी.
इस बारे में डीएम पुलकित खरे ने बताया कि जनपद में एनओएलबी के तहत शौचालयों के निर्माण को पूर्ण किया जाना था. सभी शौचालयों की धनराशि निर्गत कर दी गई थी, लेकिन इसके बावजूद भी ग्राम प्रधानों ने शौचालय निर्माण का कार्य पूर्ण नहीं कराया. ऐसे 360 ग्राम प्रधानों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. अगर स्पष्टीकरण के साथ समयावधि में प्रधानों का स्पष्टीकरण प्राप्त नहीं होता है, तो इनके खिलाफ अग्रिम कार्रवाई की जाएगी.
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