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हरदोई: जन औषधि केंद्र में दवाइयों की कमी, मायूस हो लौट रहे मरीज - हरदोई समाचार

उत्तर प्रदेश के हरदोई में जन औषधि केंद्र में दवाइयों की कमी का मामला सामने आया है. जन औषधि केंद्र में 700 दवाइयों के एवज में 47 दवाइयां ही उपलब्ध हैं.

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जन औषधि केंद्र
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Published : Dec 16, 2019, 8:38 PM IST

हरदोई: केंद्र सरकार के द्वारा मरीजों को सस्ती दरों पर दवा उपलब्ध कराने के लिए खोला गया प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र जिले में दिखावा साबित हो रहा है. 700 दवाओं की क्षमता वाले प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र में महज 47 दवाएं भी उपलब्ध हैं, जबकि गंभीर और आम बीमारियों से मुक्ति दिलाने वाली दवाएं जनरल स्टोर से नदारद हैं. बीते तीन महीने से जन औषधि केंद्र में दवाएं नहीं हैं.

जन औषधि केंद्र में दवाइयों की कमी.

दवाइयों की कमी

  • केंद्र सरकार ने पूरे देश में आम लोगों को राहत देने के मकसद से देश में 1,000 से ज्यादा जेनेरिक दवाओं के केंद्र खोले हैं.
  • प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र पर गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों को सस्ते दामों पर उनके उपचार के लिए दवाइयां मुहैया कराई जाती हैं.
  • जिले में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र पर महज 47 दवाइयां ही उपलब्ध हैं, जबकि प्रत्येक जेनेरिक दवा स्टोर पर 700 दवाइयां उपलब्ध होनी चाहिए.
  • गंभीर बीमारियों डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, डिप्रेशन के अलावा आम बीमारी की दवाइयों के साथ ही एंटीबायोटिक दवाइयां भी जनरल स्टोर में उपलब्ध नहीं हैं.

इसे भी पढ़ें - नो टू सिंगल यूज प्लास्टिक : कचरे के इस्तेमाल से सजावटी सामान बनाता है यह दंपती

एजेंसी को तीन महीने पहले पत्र लिखकर डिमांड भी भेजी थी, लेकिन एजेंसी की लापरवाही के चलते तीन महीने बाद भी दवाइयां नहीं भेजी गई हैं. लिहाजा दवाइयों के अभाव में मरीजों को मायूस होकर वापस लौटना पड़ रहा है.
- सूर्य आदित्य शुक्ला, संचालक

हरदोई: केंद्र सरकार के द्वारा मरीजों को सस्ती दरों पर दवा उपलब्ध कराने के लिए खोला गया प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र जिले में दिखावा साबित हो रहा है. 700 दवाओं की क्षमता वाले प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र में महज 47 दवाएं भी उपलब्ध हैं, जबकि गंभीर और आम बीमारियों से मुक्ति दिलाने वाली दवाएं जनरल स्टोर से नदारद हैं. बीते तीन महीने से जन औषधि केंद्र में दवाएं नहीं हैं.

जन औषधि केंद्र में दवाइयों की कमी.

दवाइयों की कमी

  • केंद्र सरकार ने पूरे देश में आम लोगों को राहत देने के मकसद से देश में 1,000 से ज्यादा जेनेरिक दवाओं के केंद्र खोले हैं.
  • प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र पर गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों को सस्ते दामों पर उनके उपचार के लिए दवाइयां मुहैया कराई जाती हैं.
  • जिले में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र पर महज 47 दवाइयां ही उपलब्ध हैं, जबकि प्रत्येक जेनेरिक दवा स्टोर पर 700 दवाइयां उपलब्ध होनी चाहिए.
  • गंभीर बीमारियों डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, डिप्रेशन के अलावा आम बीमारी की दवाइयों के साथ ही एंटीबायोटिक दवाइयां भी जनरल स्टोर में उपलब्ध नहीं हैं.

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एजेंसी को तीन महीने पहले पत्र लिखकर डिमांड भी भेजी थी, लेकिन एजेंसी की लापरवाही के चलते तीन महीने बाद भी दवाइयां नहीं भेजी गई हैं. लिहाजा दवाइयों के अभाव में मरीजों को मायूस होकर वापस लौटना पड़ रहा है.
- सूर्य आदित्य शुक्ला, संचालक

Intro:स्लग--एजेंसी की कारगुजारी से दम तोड़ रहा प्रधानमंत्री का सपना

एंकर--केंद्र सरकार के द्वारा मरीजों को सस्ती दरों पर दवा उपलब्ध कराने के लिए खोला गया प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र हरदोई में महज दिखावा साबित हो रहा है दरअसल 700 दवाओं की क्षमता वाले प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र में महज 47 दवाएं भी उपलब्ध हैं। जबकि गंभीर और आम बीमारियों से मुक्ति दिलाने वाली दबाएं जनरल स्टोर से नदारद है बीते 3 महीने से जन औषधि केंद्र में है दवाओं का टोटा है हालांकि जन औषधि केंद्र के संचालक के द्वारा एजेंसी को दवाएं उपलब्ध कराने के लिए लिखा गया लेकिन बावजूद इसके 3 महीने बाद भी दवाएं उपलब्ध नहीं कराई जा सकी हैं लिहाजा प्रधानमंत्री के गरीब लोगों तक इलाज के लिए सस्ती दरों पर उपलब्ध कराई जाने वाली दवाओं के अभाव में मरीज महंगे दामों पर दवाइयां खरीदने को मजबूर हैं तो वहीं प्रधानमंत्री के सपनों को करारा झटका लग रहा है।


Body:vo--केंद्र सरकार ने पूरे देश में आम लोगों को राहत देने के मकसद से देश में 1000 से ज्यादा जेनेरिक दवाओं के केंद्र खोले थे इन प्रधान मंत्री जन औषधि केंद्र पर गंभीर बीमारियों से ग्रसित मरीजों को सस्ते दामों पर उनके उपचार के लिए दवाइयां मुहैया करायी जाती थी जिनमें महंगी दवाइयां भी लोगों की पहुंच में आ गई थी। लेकिन हरदोई में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र पर महज 47 दवाइयां ही उपलब्ध हैं जबकि प्रत्येक जेनेरिक दवा स्टोर पर 700 दवाइयां उपलब्ध होनी चाहिए उसके सापेक्ष महज 47 दवाइयां ही प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र में शेष बची हैं ऐसे में आपको बता दें कि गंभीर बीमारियों डायबिटीज ब्लड प्रेशर डिप्रेशन के अलावा आम बीमारी बुखार खांसी खुजली की दवाइयों के साथ ही एंटीबायोटिक दवाइयां भी जनरल स्टोर में उपलब्ध नहीं है हालांकि प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र के संचालक ने इस बाबत एजेंसी को 3 महीने पहले पत्र लिखकर डिमांड भी भेजी थी लेकिन एजेंसी की लापरवाही के चलते 3 महीने बाद भी दवाइयां नहीं भेजी गई हैं लिहाजा दवाइयों के अभाव में मरीजों को मायूस होकर वापस लौटना पड़ रहा है या फिर उन्हें महंगे दामों पर बाजार में इलाज के लिए दवाइयां खरीदनी पड़ रही है ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सस्ती दरों पर गरीबों तक दवाइयां पहुंचाने की कवायद दम तोड़ती नजर आ रही है।
बाइट-- मीरा गुप्ता मरीज
बाइट-- श्रवण कुमार मरीज
बाइट-- सूर्य आदित्य शुक्ला संचालक


Conclusion:voc-इस बारे में जिला चिकित्सालय स्थित प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र पर आने वाले मरीज बताते हैं कि यहां कुछ दवाइयां ही मिल रही है जबकि कई दवाइयों की उपलब्धता यहां पर नहीं है और उन्हें निराशा ही हाथ लग रही है तो वहीं इस बारे में प्रधानमंत्री औषधि केंद्र के संचालक का कहना है कि इस औषधि केंद्र में जीवन रक्षक दवाइयों की कमी है तमाम गंभीर बीमारियों के अलावा आम बीमारियों का उपचार करने वाली दवाओं का भी टोटा है हालांकि उन्होंने एजेंसी को डिमांड लेटर भी लिखा लेकिन 3 महीने बाद भी दवाइयां उपलब्ध नहीं कराई गई हैं ऐसे में मरीजों को मायूस होकर लौटना पड़ता है तो उन्हें भी इसका मलाल है।

आशीष द्विवेदी
हरदोई up
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