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ओडीएफ घोषित गांव के परिषदीय विद्यालय में नहीं है शौचालय

ओडीएफ घोषित गांव के परिषदीय स्कूल में शौचालयों का अभाव है. यहां के स्टाफ के साथ ही छात्र छात्राएं खुले में शौच को जाते हैं. प्रधान को जानकारी देने के बावजूद स्कूल की समस्या जस की तस है.

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परिषदीय विद्यालय में नहीं है शौचालय
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Published : Dec 13, 2019, 1:58 AM IST

हरदोई: जिले में सरकार के खुले में शौच मुक्त अभियान को सफल करने के लिए जिम्मेदारों ने जी तोड़ मेहनत की, लेकिन यहां के परिषदीय विद्यालयों में जहां से देश के भविष्य को निखारने वाकई बच्चे व बच्चियां शिक्षा ग्रहण करते हैं, वहां आज भी शौचलयों का अभाव है और यहां के स्टाफ के साथ ही छात्र छात्राएं खुले में शौच को जाते हैं. बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा बनाया गया शौचालय क्षतिग्रस्त है तो प्रधान द्वारा बनाये गए शौचालय में ताला लटक रहा है. पढ़ने वाले छात्र छात्राएं ही नहीं बल्कि यहां का स्टाफ भी खुले में शौच को मजबूर हैं. ओडीएफ घोषित हो चुके गांव में ये विद्यालय मौजूद है, लेकिन इस विद्यालय की तरफ किसी भी जिम्मेदार की नजर नहीं पड़ पाई. वहीं विद्यालय के कुछ ही दूरी पर शराब का ठेका होने से यहां नशेड़ियों का जमावड़ा लगने की समस्या का बखान भी शिक्षिकाओं ने किया. विद्यालय में मौजूद मंदिर के कारण यहां के दरवाजे खुले रखने पड़ते हैं. इससे यहां शराबी अंदर विद्यालय में बैठ कर शराब पीते हैं.

परिषदीय विद्यालय में नहीं है शौचालय

स्कूल के बाहर छात्राएं शौच करने को मजबूर

  • हरदोई जिले के अहिरोरी ब्लॉक के प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालय मसीत में विगत कई महीनों से शौचालय का अभाव है.
  • इससे यहां के स्टाफ सहित बच्चों आदि को तमाम समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
  • विद्यालय में करीब डेढ़ सौ बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं.
  • कक्षा 1 से 8 तक पढ़ने वाले छात्र एवं छात्राएं तबसे खुले में शौच व लघुशंका खुले में जाने को मजबूर हैं.
  • छात्राओं ने शौचालय न होने से आ रही समस्याओं को बताया.

हरदोई: जिले में सरकार के खुले में शौच मुक्त अभियान को सफल करने के लिए जिम्मेदारों ने जी तोड़ मेहनत की, लेकिन यहां के परिषदीय विद्यालयों में जहां से देश के भविष्य को निखारने वाकई बच्चे व बच्चियां शिक्षा ग्रहण करते हैं, वहां आज भी शौचलयों का अभाव है और यहां के स्टाफ के साथ ही छात्र छात्राएं खुले में शौच को जाते हैं. बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा बनाया गया शौचालय क्षतिग्रस्त है तो प्रधान द्वारा बनाये गए शौचालय में ताला लटक रहा है. पढ़ने वाले छात्र छात्राएं ही नहीं बल्कि यहां का स्टाफ भी खुले में शौच को मजबूर हैं. ओडीएफ घोषित हो चुके गांव में ये विद्यालय मौजूद है, लेकिन इस विद्यालय की तरफ किसी भी जिम्मेदार की नजर नहीं पड़ पाई. वहीं विद्यालय के कुछ ही दूरी पर शराब का ठेका होने से यहां नशेड़ियों का जमावड़ा लगने की समस्या का बखान भी शिक्षिकाओं ने किया. विद्यालय में मौजूद मंदिर के कारण यहां के दरवाजे खुले रखने पड़ते हैं. इससे यहां शराबी अंदर विद्यालय में बैठ कर शराब पीते हैं.

परिषदीय विद्यालय में नहीं है शौचालय

स्कूल के बाहर छात्राएं शौच करने को मजबूर

  • हरदोई जिले के अहिरोरी ब्लॉक के प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालय मसीत में विगत कई महीनों से शौचालय का अभाव है.
  • इससे यहां के स्टाफ सहित बच्चों आदि को तमाम समस्याओं का सामना करना पड़ता है.
  • विद्यालय में करीब डेढ़ सौ बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं.
  • कक्षा 1 से 8 तक पढ़ने वाले छात्र एवं छात्राएं तबसे खुले में शौच व लघुशंका खुले में जाने को मजबूर हैं.
  • छात्राओं ने शौचालय न होने से आ रही समस्याओं को बताया.
Intro:आकाश शुक्ला हरदोई। 9919941250

एंकर--हरदोई जिले के में भी सरकार के खुले में शौच मुक्त अभियान को सफल करने के लिए जिम्मेदारों ने जी तोड़ मेहनत की।लेकिन यहां के परिषदीय विद्यालयों में जहां से देश के भविष्य को निखारने वाकई बच्चे व बच्चियां शिक्षा ग्रहण करते हैं।वहां आज भी शौंचलयों का अभाव है और यहां के स्टाफ के साथ ही छात्र छात्राएं खुले में शौच को जाते हैं।बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा बनाया गया शौंचालय क्षतिग्रस्त है तो प्रधान द्वारा बनाये गए शौंचालय में ताला लटक रहा है।इस संविलियन हुए विद्यालय में प्राथमिक व उच्च प्राथमिक दोनों विद्यालय संसहलित होते हैं।जिनमें पढ़ने वाले छात्र छात्राएं ही नहीं बल्कि यहां का स्टाफ भी खुले में शौच व बाथरूम करने को मजबूर हैं।तो जिस गांव में ये विद्यालय मौजूद है वो ओडीएफ घोषित किया जा चुका है।लेकिन इस विद्यालय की तरफ किसी भी जिम्मेदार की नज़र नहीं पड़ पाई।वहीं विद्यालय के कुछ ही दूरी पर शराब का ठेका होने से यहां नशेड़ियों का जमावड़ा लगने की समस्या का बखान भी शिक्षिकाओं ने किया।विद्यालय में मौजूद मंदिर के कारण यहां के दरवाजे खुले रखने पड़ते हैं जिससे यहां शराबी अंदर विद्यालय में बैठ कर शराब पीते हैं।जो कि एक अन्य बड़ी समस्या विद्यालय के स्टाफ व बच्चों के लिए बनी हुई है।


Body:वीओ--1--हरदोई जिले के अहिरोरी ब्लॉक के प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालय मसीत में विगत कई महीनों से शौंचलय का अभाव है।जिससे यहां के स्टाफ सहित बच्चों आदि को तमाम समस्याओं का सामना करना पड़ता है।विद्यालय में करीब डेढ़ सौ बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं।कक्षा 1 से 8 तक पढ़ने वाले छात्र एवं छात्राएं तबसे खुले में शौच व लघुशंका खुले में जाने को मजबूर हैं।ये समस्या यहां तब भी बरकरार थी जब इस गांव को ओडीएफ घोषित किया जा रहा था।विद्यालय में बना एक शौंचालय पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो खंडहर में तपदील हो चुका है तो एक नवनिर्मित शौंचालय जिसे प्रधान द्वारा बनाया गया था।उसमें ताला लटक रहा है।जब ईटीवी की टीम ने विद्यालय में पसरी अव्यवस्थाओं का पता लगाने के लिए यहां का जायजा लिया तो हालात दयनीय थे।कैमरे के सामने आते ही यहां मौजूद छात्राओं ने शौंचालय न होने से आ रही समस्याओं का बखान किया व अपना दर्द बयान किया।

बाईट--रश्मी--कक्षा आठ की छात्रा

वीओ--2--वहीं विद्यालय में मौजूद शिक्षिका ने इस मामले की विधिवत जानकारी से अवगत कराया।कहा कि यहां विगत लम्बे समय से शौंचालय का अभाव है।एक शौंचालय क्षतिग्रस्त होने के बाद यहां दूसरे नए शौंचालय का निर्माण कराया गया था।जिसे प्रधान द्वारा बनवाया गया था।लेकिन उसके बनने के बाद से उसमें प्रधान ने ताला लगाकर रखा हुआ है।जिसकी चाभी भी प्रधान के पास ही है।इसकी शिकायत कई मर्तबा जिम्मेदारों से की गई लेकिन कोई हल नहीं निकला।तो शिक्षिका से जब पूछा गया कि शौंचालय के अभाव में वे किस तरह स्कूली समय पर शौंच या लघुशंका करने जाते हैं, तो उन्होंने जवाब दिया कि ऐसी दशा में यहां की छात्राओं सहित शिक्षिकाएं भी खुले में ही जाने को मजबूर होती है।जबकि अहिरोरी ब्लॉक के मसीत को हाहली में ओडीएफ भी घोषित किया जा चुका है।ऐसे में इस परिषदीय विद्यालय की तरफ किसी भी जिम्मेदार का ध्यान क्यों नहीं गया ये एक बड़ा सवाल जरूर बना हुआ है।वहीं विद्यालय के अंदर एक मंदिर भी मौजूद है जिससे विद्यालय के दरवाजे खुले रखे जाने की बात शिक्षिका ने कही।तो दरवाजे खुले होने से विद्यालय के अंदर शराबियों का जमावड़ा भी लगता रहता है।वहीं विद्यालय से करीब 50 मीटर की दूरी पर एक शराब की दुकान भी मौजूद है जिससे ये समस्या यहां बरकरार रहती है।

बाईट--नीलम वर्मा--शिक्षिका



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