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हरदोईः कैसे होगी गढ्ढा मुक्त सड़कें जब मिट्टी युक्त तारकोल से हो रहा निर्माण

यूपी के हरदोई में तारकोल में मिट्टी मिलाने का खेल सामने आया है. यहां तारकोल के ड्रमों में मिट्टी मिलाकर ठेकेदारों को बेचा जा रहा है. ठेकेदार के एक सहयोगी ने अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि लोक निर्माण विभाग में बड़े पैमाने पर घोटाला किया जा रहा है.

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Published : Jan 9, 2020, 12:35 PM IST

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तारकोल में मिलाई जा रही मिट्टी.

हरदोईः जिले के लोक निर्माण विभाग में धड़ल्ले से तारकोल में मिट्टी मिलने का खेल चालू है. यहां तारकोल के टैंकों में भरपूर मात्रा में मिट्टी मिलाने का काम किया जा रहा है. एक तारकोल के ड्रम की कीमत करीब 7200 के आस-पास होती है. बताया जाता है कि 1 किलोमीटर की सड़क बनाने में करीब 35 ड्रम इस्तेमाल किया जाता है. इससे साफ हो रहा है कि लोक निर्माण विभाग बड़े पैमाने पर घोटाला कर रहा है.

तारकोल में मिलाई जा रही मिट्टी.

ठेकेदार के सहयोगी ने खोली पोल
हरदोई जिले के एक सड़क ठेकेदार के सहयोगी ने तारकोल में मिट्टी के खेल से पर्दा उठाया है. सहयोगी ने बताया कि एक बार डिप्टी सीएम जिले में आए थे. तब उन्होंने एक मंत्र दिया था कि दाल में नामक के बराबर खाओ. यहां अधिकारी बहुत बड़े पैमाने पर घोटाला कर रहे हैं. साथ मिट्टी युक्त तारकोल ठेकेदारों को सप्लाई की जा रही है. यह भी कहा कि ठेकेदारों से अवैध वसूली भी की जाती है.

इसे भी पढ़ें- हरदोई: बाइक टकराने पर महिलाओं ने युवक को पीटा, वीडियो वायरल

तारकोल में मिट्टी मिलाने का खेल
इस संबंध में एक्ससीएन पीएन चतुर्वेदी से जब जानकारी ली गई तो उन्होंने अवर अभियंता के अंडर में इस सबका जिम्मे होना बताया. साथ ही मामले पर पर्दा डालते नजर आए. आलाकमान से मामले की जांच कराए जाने की बात जरूर कही है. ऐसे में यह सवाल उठता है कि मिट्टी युक्त तारकोल से बनी सड़कें कितने दिन चलेंगी. शायद यही कारण है कि प्रदेश की अधिकत्तर सड़कें आज भी गड्ढा मुक्त नहीं हो पाई हैं.

हरदोईः जिले के लोक निर्माण विभाग में धड़ल्ले से तारकोल में मिट्टी मिलने का खेल चालू है. यहां तारकोल के टैंकों में भरपूर मात्रा में मिट्टी मिलाने का काम किया जा रहा है. एक तारकोल के ड्रम की कीमत करीब 7200 के आस-पास होती है. बताया जाता है कि 1 किलोमीटर की सड़क बनाने में करीब 35 ड्रम इस्तेमाल किया जाता है. इससे साफ हो रहा है कि लोक निर्माण विभाग बड़े पैमाने पर घोटाला कर रहा है.

तारकोल में मिलाई जा रही मिट्टी.

ठेकेदार के सहयोगी ने खोली पोल
हरदोई जिले के एक सड़क ठेकेदार के सहयोगी ने तारकोल में मिट्टी के खेल से पर्दा उठाया है. सहयोगी ने बताया कि एक बार डिप्टी सीएम जिले में आए थे. तब उन्होंने एक मंत्र दिया था कि दाल में नामक के बराबर खाओ. यहां अधिकारी बहुत बड़े पैमाने पर घोटाला कर रहे हैं. साथ मिट्टी युक्त तारकोल ठेकेदारों को सप्लाई की जा रही है. यह भी कहा कि ठेकेदारों से अवैध वसूली भी की जाती है.

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तारकोल में मिट्टी मिलाने का खेल
इस संबंध में एक्ससीएन पीएन चतुर्वेदी से जब जानकारी ली गई तो उन्होंने अवर अभियंता के अंडर में इस सबका जिम्मे होना बताया. साथ ही मामले पर पर्दा डालते नजर आए. आलाकमान से मामले की जांच कराए जाने की बात जरूर कही है. ऐसे में यह सवाल उठता है कि मिट्टी युक्त तारकोल से बनी सड़कें कितने दिन चलेंगी. शायद यही कारण है कि प्रदेश की अधिकत्तर सड़कें आज भी गड्ढा मुक्त नहीं हो पाई हैं.

Intro:आकाश शुक्ला हरदोई। 9919941250

एंकर--- यूँ तो आप ने तमाम विभागों के बड़े घोटालों व खेलों के बारे में सुना होगा, लेकिन आज हम आपको रूबरू कराने जा रहे हैं पीडब्ल्यूडी विभाग के एक ऐसे घोटाले से जिसे सुनकर आप के पैरों तले जमीन खिसक जाएगी।आखिर क्यों सड़कें कुछ ही महीनों में जर्जर हो जाती हैं व गढ्ढों में तापडील हो जाती हैं।जैसा कि आप तस्वीरों में देख सकतें है ये सड़क कुछ ही महीनों पहले बनी थी लेकिन आज गढ्ढे में तपदील हो गयी है।जिसका अहम कारण इसके निर्माण के दौरान प्रयोग में लाया गया मिट्टी युक्त तारकोल है।


Body:वीओ--1--जिले के लोक निर्माण विभाग में धड़ल्ले से चालू है तारकोल में मिट्टी मिलने का खेल।तस्वीरों में जो तारकोल के बड़े टैंक आप देख रहे हैं ये लोक निर्माण विभाग के हैं।जिनके इर्द गिर्द बिखरी मिट्टी और किसी लिए नहीं बल्कि इस तारकोल में ही मिलाए जाने के लिए है।वहीं इन टैंकों में भरे तारकोल में भी भरपूर मात्रा में मिट्टी को मिलाया गया है।जिसे ठेकेदारों को बेचा जाएगा।इसी तारकोल से छोटे व कुछ बड़े निर्माण कार्य भी किये जायेंगे।बात अगर इसकी कीमत की करें तो एक तारकोल के ड्रम की कीमत करीब 7200 के आस पास की होती है। वहीं 2 कुंटल के इस ड्रम में आधी मिट्टी मिलाने का काला खेल जिले में धड़ल्ले से जारी है।वहीं 1 किलोमीटर की सड़क निर्माण में करीब 35 ड्रम इस्तेमाल में लाए जाते हैं।जिससे इस बड़े घोटाले का अंदाज़ा साफ तौर पर लगाया जा सकता है।वहीं एक ठेकेदार के सहयोगी ने अपना नाम उजागर न करने की शर्त पर उक्त जानकारी से अवगत कराया व तमाम आरोप लगाए, सुनिए उसी की जुबानी।

विसुअल विद वॉइस ओवर
बाईट----ठेकेदार का सहयोगी


वीओ--2--उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का सपना देख रही है तो जिले के पीडब्ल्यूडी विभाग के जिम्मेदार सरकार के इस सपने में पलीता लगाने का काम कर रहे हैं। करोड़ों के बजट में अधिकारियों का एक बड़ा खेल उजागर होकर सामने आया है, जिसमें वे ठेकेदारों का शोषण तो कर ही रहे हैं, साथ ही करोड़ों के वारे न्यारे भी कर रहे हैं । ये मामला है मिट्टी युक्त तारकोल का जिसमें तारकोल में मिट्टी मिलाकर ठेकेदारों को खुलेआम बेचा जा रहा है।

वीओ--3--इस संबंध में जिम्मेदार एक्ससीएन पीएन चतुर्वेदी से जब जानकारी ली गयी तो उन्होंने अवर अभियंता के अंडर में इस सब का जिम्मा होना बताया।साथ ही मामले पर पर्दा डालते नज़र आ रहे आलाकमान ने मामले की जांच कराए जाने की बात जरूर कही है।वहीं टीवी की टीम ने जब इस मामले की जांच की तो पाया कि पीडब्ल्यूडी विभाग में भरे तारकोल में आधी मिट्टी व आधा तारकोल है। इसी मिट्टी युक्त तारकोल को खुलेआम ठेकेदारों को बेचा जा रहा है, और इसी तारकोल से सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि मिट्टी युक्त तारकोल से बनी सड़कें कितने दिनों तक टिक सकती हैं। यही कारण है कि आज भी प्रदेश की सड़कें गड्ढा मुक्त नहीं हो पाई हैं। प्रदेश की भाजपा सरकार इस घोटाले का संज्ञान कितनी जल्दी लेती है और जिम्मेदारों पर क्या कार्यवाही करती है, ये देखने वाली बात जरूर होगी।

बाईट--पी एन चतुर्वेदी--एक्ससीएन-- पीडब्ल्यूडी हरदोई

पीटूसी


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