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कांग्रेस ने बीजेपी प्रत्याशी को बताया कबूतरबाज, बसपा ने कहा- नेताओं का यूज करती है भाजपा - बीजेपी प्रत्याशी अशोक रावत

2014 के लोकसभा चुनाव में मिश्रिख लोकसभा सीट पर 57.86 फीसदी मतदान हुए थे. इस सीट पर बीजेपी उम्मीदवार अंजू बाला ने बसपा उम्मीदवार अशोक रावत को 87 हजार 363 वोटों से मात दी थी. वहीं इस बार बीजेपी सांसद अंजू बाला को मात देते हुए अशोक रावत ने बीजेपी से टिकट हासिल कर लोकसभा चुनाव में हार का बदला ले लिया.

मिश्रिख लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी प्रत्याशी अशोक रावत.
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Published : Mar 23, 2019, 9:20 PM IST

हरदोई: लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आता जा रहा है, वैसे-वैसे नेताओं में बयानबाजी तेज होती जा रही है. बसपा छोड़ भाजपा में शामिल होकर टिकट पाने में कामयाब रहे मिश्रिख लोकसभा से दो बार सांसद रहे अशोक रावत पर विरोधी दलों ने जमकर निशाना साधा. कांग्रेस ने अशोक रावत को कबूतरबाज बताया है तो वहीं बसपा प्रत्याशी ने उन्हें यूज-एंड-थ्रो करार दिया.

लोकसभा चुनाव के मतदान की तिथि नजदीक आते ही प्रत्याशियों और उनके समर्थकों में तेज हो रही जुबानी जंग ने राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ा दी हैं. ऐसे में हर दल अपने प्रत्याशियों के पक्ष में जीत का दावा कर रहे हैं. मिश्रिख लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाए जाने के बाद क्षेत्र में पहुंचे पूर्व सांसद एवं वर्तमान भाजपा प्रत्याशी अशोक रावत ने खुद को प्रत्याशी बनाए जाने को लेकर भाजपा के बड़े नेताओं के प्रति आभार जताया. अशोक रावत ने कहा कि सरकार की योजना और विकास कार्यों को लेकर वह चुनाव लड़ेंगे और पीएम मोदी के नेतृत्व में उनकी जीत निश्चित है.

मिश्रिख लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी ने अशोक रावत को बनाया है उम्मीदवार.

वहीं कांग्रेस प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने अशोक रावत पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा ने पीएम मोदी के नाम पर 2014 का चुनाव लड़ा था. पांच साल में मोदी सरकार ने कोई काम नहीं किया, जिससे उन्हें हार का डर सता रहा है. ऐसे में वह प्रत्याशी बदलकर चुनाव मैदान में आना चाह रहे हैं. भाजपा ने कबूतरबाज को मिश्रिख से प्रत्याशी बनाया है. सबसे पहले कबूतरबाजी में इनका नाम आया था. इससे भाजपा का चाल-चरित्र और चेहरा सामने आ गया है.

सपा-बसपा गठबंधन प्रत्याशी नीलू सत्यार्थी ने अशोक रावत पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा नेताओं का यूज करती है. पांच साल यूज करने के बाद मौजूदा सांसद का टिकट काटकर अब दूसरे दल से आए नेता को प्रत्याशी बनाया है. भाजपा ज्यादातर बसपा से आए नेताओं को ही यूज कर रही है, जिससे उसका चाल-चरित्र और चेहरा साफ-साफ दिखाई दे रहा है. नीलू सत्यार्थी ने कहा कि भाजपा किसी को भी प्रत्याशी बनाए, उससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. मेरी जीत निश्चित है.




हरदोई: लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आता जा रहा है, वैसे-वैसे नेताओं में बयानबाजी तेज होती जा रही है. बसपा छोड़ भाजपा में शामिल होकर टिकट पाने में कामयाब रहे मिश्रिख लोकसभा से दो बार सांसद रहे अशोक रावत पर विरोधी दलों ने जमकर निशाना साधा. कांग्रेस ने अशोक रावत को कबूतरबाज बताया है तो वहीं बसपा प्रत्याशी ने उन्हें यूज-एंड-थ्रो करार दिया.

लोकसभा चुनाव के मतदान की तिथि नजदीक आते ही प्रत्याशियों और उनके समर्थकों में तेज हो रही जुबानी जंग ने राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ा दी हैं. ऐसे में हर दल अपने प्रत्याशियों के पक्ष में जीत का दावा कर रहे हैं. मिश्रिख लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाए जाने के बाद क्षेत्र में पहुंचे पूर्व सांसद एवं वर्तमान भाजपा प्रत्याशी अशोक रावत ने खुद को प्रत्याशी बनाए जाने को लेकर भाजपा के बड़े नेताओं के प्रति आभार जताया. अशोक रावत ने कहा कि सरकार की योजना और विकास कार्यों को लेकर वह चुनाव लड़ेंगे और पीएम मोदी के नेतृत्व में उनकी जीत निश्चित है.

मिश्रिख लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी ने अशोक रावत को बनाया है उम्मीदवार.

वहीं कांग्रेस प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने अशोक रावत पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा ने पीएम मोदी के नाम पर 2014 का चुनाव लड़ा था. पांच साल में मोदी सरकार ने कोई काम नहीं किया, जिससे उन्हें हार का डर सता रहा है. ऐसे में वह प्रत्याशी बदलकर चुनाव मैदान में आना चाह रहे हैं. भाजपा ने कबूतरबाज को मिश्रिख से प्रत्याशी बनाया है. सबसे पहले कबूतरबाजी में इनका नाम आया था. इससे भाजपा का चाल-चरित्र और चेहरा सामने आ गया है.

सपा-बसपा गठबंधन प्रत्याशी नीलू सत्यार्थी ने अशोक रावत पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा नेताओं का यूज करती है. पांच साल यूज करने के बाद मौजूदा सांसद का टिकट काटकर अब दूसरे दल से आए नेता को प्रत्याशी बनाया है. भाजपा ज्यादातर बसपा से आए नेताओं को ही यूज कर रही है, जिससे उसका चाल-चरित्र और चेहरा साफ-साफ दिखाई दे रहा है. नीलू सत्यार्थी ने कहा कि भाजपा किसी को भी प्रत्याशी बनाए, उससे कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. मेरी जीत निश्चित है.




Intro:आशीष द्विवेदी
हरदोई up
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स्लग- मिश्रिख लोकसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी अशोक रावत को कांग्रेस ने बताया कबूतर बाज तो बसपा ने कहा यूज एंड थ्रो

एंकर- हरदोई में लोकसभा चुनाव जैसे जैसे करीब आता जा रहा है वैसे-वैसे नेताओं के बयान बाजी तेज होती जा रही है बसपा छोड़कर भाजपा में शामिल होकर भाजपा का टिकट पाने में कामयाब रहे मिश्रिख लोकसभा से दो बार सांसद रहे अशोक रावत पर विरोधी दलों ने निशाना साधा है। कांग्रेस ने अशोक रावत को कबूतर बाज बताया है तो वहीं बसपा प्रत्याशी ने उन्हें यूज एंड थ्रो करार दिया है बसपा नेता का कहना है कि भाजपा नेताओं को यूज करती है 5 साल यूज करने के बाद दूसरे दल से आए नेता को प्रत्याशी बनाया जाता है जिससे उसका चाल चरित्र और चेहरा दिखता है। वहीं भारतीय जनता पार्टी द्वारा खुद को प्रत्याशी बनाया जाने को लेकर अशोक रावत ने पार्टी हाईकमान का आभार जताया है और विकास के मुद्दे पर चुनाव लड़ने का दावा किया है।


Body:vo-मिश्रिख लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी बनाए जाने के बाद अपने लोकसभा क्षेत्र में पहुंचे पूर्व सांसद एवं वर्तमान भाजपा प्रत्याशी ने खुद को प्रत्याशी बनाए जाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेताओं के प्रति आभार जताया साथ ही उन्होंने कहा की सरकार की योजना और विकास कार्यों को लेकर वह चुनाव लड़ेंगे और मोदी जी के नेतृत्व में उनकी जीत निश्चित है। वहीं कांग्रेस प्रवक्ता अंशु अवस्थी ने अशोक रावत पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा ने मोदी के नाम पर 2014 का चुनाव लड़ा था 5 साल में कोई काम तो किया नहीं जिससे उन्हें हार का डर सताने लगा है ऐसे में वह प्रत्याशी बदलकर चुनाव मैदान में आना चाह रहे हैं जिन्हें भाजपा ने अपना प्रत्याशी कबूतर बाज को मिश्रिख से प्रत्याशी बनाया है सबसे पहले कबूतर बाजी में इनका नाम आया था इससे भाजपा का चाल चरित्र और चेहरा सामने आ गया है।

बाइट--अशोक रावत भाजपा प्रत्याशी
बाइट--अंशु अवस्थी कांग्रेस प्रत्याशी
बाइट--नीलू सत्यार्थी बसपा प्रत्याशी


Conclusion:voc- वहीं दूसरी ओर गठबंधन के खाते में आई बहुजन समाज पार्टी से प्रत्याशी नीलू सत्यार्थी ने अशोक रावत पर निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा नेताओं का यूज करती है 5 साल यूज़ करने के बाद मौजूदा सांसद का टिकट काटकर अब दूसरे दल से आए नेता को प्रत्याशी बनाया है भाजपा ज्यादातर बसपा से आए नेताओं को ही यूज कर रही है जिससे उसका चाल चरित्र चेहरा दिखता है भाजपा किसी को भी प्रत्याशी बनाए उन पर कोई फर्क नहीं पड़ता उनकी जीत निश्चित है ऐसे में चुनाव के नजदीक आते ही प्रत्याशियों और उनके समर्थकों मे तेज हो रही जुबानी जंग ने राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ा दी है ऐसे में हर दल अपने प्रत्याशियों के पक्ष में जीत का दावा कर रहा है और राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है।
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