हरदोई: जिले में आवारा गोवंश की समस्या से लोगों को निजात दिलाने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है. नगर पालिका की टीमें शहर में आवारा गोवंश को पकड़कर उन्हें पशु आश्रय स्थलों तक पहुंचाने में जुटी हैं. लेकिन इस दौरान पशु क्रूरता की कुछ तस्वीरें सामने आई हैं, जिसको लेकर तमाम सवाल खड़े हो गए हैं. हालांकि इस बारे में नगर पालिका प्रशासन का कहना है कि कुछ गोवंश ऐसे हैं, जिन्हें आसानी से नहीं पकड़ा जा सकता है.
- जिले में वर्तमान में 73 पशु आश्रय स्थल संचालित हैं.
- प्रत्येक न्याय पंचायत स्तर पर प्रशासन ने पशु आश्रय स्थल बनाने का लक्ष्य रखा है.
- प्रशासन के निर्देश पर आवारा गोवंश की समस्या से लोगों को निजात दिलाने के लिए उन्हें पकड़ने का काम नगर पालिका ने शुरू कर दिया है.
- नगर पालिका के कर्मचारी आवारा गोवंशों को पकड़ने में जुटे हैं, जिससे इन्हें पशु आश्रय स्थलों तक पहुंचाया जा सके.
- इस दौरान कुछ तस्वीरें ऐसी भी हैं जो इन गोवंश के साथ क्रूरता की गवाही दे रही हैं.
- नगर पालिका के कर्मचारी पूंछ पकड़कर गोवंशों को खींच रहे हैं और फिर उसे घसीटते हुए ले जा रहे हैं.
- इस बारे में नगर पालिका प्रशासन का कहना है कि इन आवारा गोवंश को पकड़ने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.
- लिहाजा कुछ ऐसे गोवंश है जो पकड़ में नहीं आ रहे है, कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है कि गोवंशों को आसानी से पकड़ा जाए.
अभी तक 148 बेसहारा गोवंशों को पकड़कर आसपास के 15 किलोमीटर के क्षेत्र में स्थित पशु आश्रय स्थलों में पहुंचाया गया है. बाकी का पकड़ने का काम लगातार जारी है. यह छुट्टा पशु हैं, जो आसानी से पशु आश्रय स्थलों तक नहीं जाना चाहते. लिहाजा इन्हें पकड़कर ले जाया जाता है. हालांकि सभी कर्मचारियों को निर्देश दिए गए हैं कि आवारा गोवंशों को आसानी से पकड़ा जाए.
रविशंकर शुक्ला, ईओ नगर पालिका, हरदोई