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MOTHER'S DAY 2019: वृद्धा आश्रम में महिलाएं आज भी करती हैं बेटों का इंतजार

आज पूरा देश मदर्स डे मना रहा है. सभी बच्चे अपनी माताओं को सरप्राइज देकर उनके साथ खुशियां बांटने में जुटे हैं. वहीं हरदोई में बेटों और बहुओं की पिटाई से तंग आकर दो माताओं ने वृद्धा आश्रम को ही अपना आशियाना बना लिया है.

महिलाओं ने वृद्धा आश्रम को बनाया आशियाना.
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Published : May 12, 2019, 10:35 PM IST

हरदोई : आज पूरा देश मदर्स डे मना रहा है. सभी बच्चे अपनी माताओं को सरप्राइज देकर उनके साथ खुशियां बांटने में जुटे हैं. वहीं हरदोई में कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं जो झकझोरने वाली हैं. दरअसल, अपने बेटों और बहुओं की प्रताड़ना से तंग होकर कुछ माताओं ने वृद्धा आश्रम को ही अपना आशियाना बना लिया है.

महिलाओं ने वृद्धा आश्रम को बनाया आशियाना.
  • एक मां ने अपने बैंक मैनेजर बेटे और बहू की वजह से तो दूसरी मां ने बेटे और बहू की पिटाई से तंग आकर घर छोड़ दिया और वृद्ध आश्रम में रह कर अपना जीवन बिता रही हैं.
  • जिले के सार्वजनिक शिक्षोनयन संस्थान अलीपुर में वृद्ध आश्रम है.
  • यहां रहने वाली दो वृद्ध महिलाएं राम केतकी रस्तोगी और निर्मला अपने बेटे और बहू की प्रताड़ना की कहानी सुनाई.

राम केतकी रस्तोगी ने बताई आपबीती

वैटगंज मोहल्ला निवासी राम केतकी रस्तोगी का कहना है कि उनके पति की मौत 23 वर्ष पहले हो चुकी है. उनके दो बेटे हैं, जिनमें एक बेटा बैंक ऑफ इंडिया में शाखा प्रबंधक है तो दूसरा बेटा सब्जी का थोक व्यापारी है. उनका कहना है कि उनके बेटे और बहुएं उन्हें परेशान करते थे. उन पर काम करने के लिए दबाव डालते थे. लिहाजा, बीमारी से जंग लड़ रही है रामकेतकी ने एक साल पहले अपना घर छोड़ दिया और वृद्ध आश्रम में आकर रहने लगी.

निर्मला ने सुनाई अपनी कहानी

थाना हरपालपुर इलाके के इकनौरा गांव निवासी निर्मला बताती हैं कि उनके पति की मौत काफी अरसे पहले हो चुकी है. पति की मौत के बाद उन्होंने बच्चों की परवरिश की और उनकी शादी की. जब उन्हें अपने बेटे की बुढ़ापे में सबसे ज्यादा जरूरत थी, उस वक्त बेटे ने उन्हें सहारा नहीं दिया और उनके साथ मारपीट की. साथ ही बहू ने भी उनके साथ मारपीट की और घर से बाहर निकाल दिया. लिहाजा, 10 माह पूर्व वह वृद्धा आश्रम चली आई.

हरदोई : आज पूरा देश मदर्स डे मना रहा है. सभी बच्चे अपनी माताओं को सरप्राइज देकर उनके साथ खुशियां बांटने में जुटे हैं. वहीं हरदोई में कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं जो झकझोरने वाली हैं. दरअसल, अपने बेटों और बहुओं की प्रताड़ना से तंग होकर कुछ माताओं ने वृद्धा आश्रम को ही अपना आशियाना बना लिया है.

महिलाओं ने वृद्धा आश्रम को बनाया आशियाना.
  • एक मां ने अपने बैंक मैनेजर बेटे और बहू की वजह से तो दूसरी मां ने बेटे और बहू की पिटाई से तंग आकर घर छोड़ दिया और वृद्ध आश्रम में रह कर अपना जीवन बिता रही हैं.
  • जिले के सार्वजनिक शिक्षोनयन संस्थान अलीपुर में वृद्ध आश्रम है.
  • यहां रहने वाली दो वृद्ध महिलाएं राम केतकी रस्तोगी और निर्मला अपने बेटे और बहू की प्रताड़ना की कहानी सुनाई.

राम केतकी रस्तोगी ने बताई आपबीती

वैटगंज मोहल्ला निवासी राम केतकी रस्तोगी का कहना है कि उनके पति की मौत 23 वर्ष पहले हो चुकी है. उनके दो बेटे हैं, जिनमें एक बेटा बैंक ऑफ इंडिया में शाखा प्रबंधक है तो दूसरा बेटा सब्जी का थोक व्यापारी है. उनका कहना है कि उनके बेटे और बहुएं उन्हें परेशान करते थे. उन पर काम करने के लिए दबाव डालते थे. लिहाजा, बीमारी से जंग लड़ रही है रामकेतकी ने एक साल पहले अपना घर छोड़ दिया और वृद्ध आश्रम में आकर रहने लगी.

निर्मला ने सुनाई अपनी कहानी

थाना हरपालपुर इलाके के इकनौरा गांव निवासी निर्मला बताती हैं कि उनके पति की मौत काफी अरसे पहले हो चुकी है. पति की मौत के बाद उन्होंने बच्चों की परवरिश की और उनकी शादी की. जब उन्हें अपने बेटे की बुढ़ापे में सबसे ज्यादा जरूरत थी, उस वक्त बेटे ने उन्हें सहारा नहीं दिया और उनके साथ मारपीट की. साथ ही बहू ने भी उनके साथ मारपीट की और घर से बाहर निकाल दिया. लिहाजा, 10 माह पूर्व वह वृद्धा आश्रम चली आई.

Intro:आशीष द्विवेदी
हरदोई up
9918740777,8115353000

स्लग--हरदोई में अफसर बेटे और बहु से तंग वृद्ध महिला ने तो वहीं बेटे की मारपीट से परेशान महिला ने भी वृद्धा आश्रम को बनाया आशियाना

एंकर--आज पूरा देश मदर्स डे मना रहा है सभी बच्चे अपनी माताओं को सरप्राइज देकर उनके साथ खुशियां बांटने में जुटे हैं लेकिन हरदोई से आई कुछ ऐसी तस्वीरें भी हैं जो ना सिर्फ हैरान करती हैं बल्कि झकझोरने वाली भी हैं दरअसल अपने बेटों के पैदा होने पर जश्न मनाने वाली और उन्हें अपनी ममतामयी आंचल में छांव देने वाली माताओं ने अपने बेटे और बहू की प्रताड़ना से तंग होकर अपना घर बार छोड़ दिया और वृद्धा आश्रम को ही अपना आशियाना बनाया है एक वृद्ध माँ ने अपने बैंक मैनेजर अफसर बेटे और बहू की वजह से तो दूसरी वृद्ध मां ने बेटे और बहू की पिटाई से तंग आकर घर छोड़ दिया और वृद्ध आश्रम में ही रह कर अपना जीवन बिता रही हैं ऐसे में यह वृद्ध माताएं अपना बाकी का जीवन भी इसी वृद्ध आश्रम में गुजारना चाहती हैं।


Body:vo-- मातृत्व दिवस पर यह तस्वीरें हैं उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के सार्वजनिक शिक्षोनयन संस्थान अलीपुर में वृद्ध आश्रम की है जहां वृद्ध आश्रम में रहने वाली दो वृद्ध महिलाएं राम केतकी रस्तोगी और निर्मला अपने बेटे और बहू की कारगुजारी की कहानी बताती हैं शहर के वैटगंज मोहल्ले की रहने वाली राम केतकी रस्तोगी कहती हैं कि उनके पति की मौत 23 वर्ष पहले हो चुकी है उनके दो बेटे हैं जिनमें एक बेटा बैंक ऑफ इंडिया में शाखा प्रबंधक है तो दूसरा बेटा सब्जी का थोक व्यापारी है उन्होंने उनका जीना दुश्वार कर दिया था और इसमें उनके बेटे भी अपनी पत्नियों का साथ देते थे और उन से काम करवाने के लिए जोर दबाव डाला जाता था लिहाजा बीमारी से जंग लड़ रही है रामकेतकी ने 1 साल पहले अपनी पति का बनाया हुआ अपना घर छोड़ दिया और यहां वृद्ध आश्रम में आकर रहने लगी उनका कहना है कि पहले तो उनके घर वालों को नहीं पता था लेकिन बाद में उनके बेटों को भी उनके आश्रम में रहने का पता चल गया हाल ही में पौत्र की शादी पर पौत्र आया था और उन्हें लेकर गया था और वह फिर वापस चली आई लेकिन उनके बेटों ने उन्हें रोकने की कोशिश नही की और ना ही उन्हें यहां से ले जाने की कोशिश की।

vo-- वहीं थाना हरपालपुर इलाके के इकनौरा गांव की रहने वाली निर्मला बताती हैं कि उनके पति की मौत काफी अरसे पहले हो चुकी है जिस समय उनके पति की मौत हुई थी उस समय उनके बेटे की उम्र 2 साल और बेटी की उम्र महज 4 साल थी उन्होंने अपने बच्चों की परवरिश की और उनकी शादी कर दी लेकिन बच्चों की शादी के बाद जब उन्हें अपने बेटे की बुढ़ापे में सबसे ज्यादा जरूरत थी उस वक्त बेटे ने उन्हें सहारा नहीं दिया और उनके साथ मारपीट की साथ ही बहू ने भी उनके साथ मारपीट की और घर से बाहर निकाल दिया लिहाजा बुढ़ापे में अपनी जिंदगी काटने के लिए 10 माह पूर्व वह वृद्ध आश्रम चली आई और फिर यहां से कभी वापस नहीं गयीं।


Conclusion:voc--यह विडंबना ही है कि जिन बच्चों को मां बाप बड़े ही लाड और प्यार से पालते हैं मां उन्हें ममता की छांव देती है और उन्हें अच्छी शिक्षा और परवरिश देती है लेकिन वही बच्चे बड़े होकर अपनी जिम्मेदारियों को ही नहीं बल्कि अपने संस्कार भी भूल जाते हैं जिन मां बाप ने उन्हें बचपन से पाला और उन्हें पढ़ाया लिखाया संवारा और उनका जीवन सफल बनाया उन्हीं वृद्ध मां बाप को बुढ़ापे में शरीर शिथिल हो जाने पर जब उन्ही बेटों की सख्त जरूरत होती है तो वह मां बाप के लिए 2 जून की रोटी भी नहीं जुटा सकते।
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