हरदोई : भारतीय जनता पार्टी से लोकसभा का प्रत्याशी बदलने के बाद माहौल गर्म है.बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने मौजूदा सांसद अंशुल वर्मा की जगह पूर्व सांसद जय प्रकाश रावत पर दांव लगाया है, जिसके बाद होली के माहौल में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ गई है.
मौजूदा सांसद अंशुल वर्मा ने जहां, पार्टी पर तंज कसते हुए दलित सांसद होने के नाते टिकट काटने की बात कर रहे हैं तो वहीं, टिकट पाने वाले प्रत्याशी जय प्रकाश रावत ने पार्टी और आम जनता कोधन्यवाद दिया है.उनका कहना है कि मौजूदा सांसद को पार्टी की तरफ से पूरा सम्मान दिया जाएगा. उनके सम्मान में कोई कमी नहीं आएगी.
जय प्रकाश रावत ने पार्टी और जनता का किया धन्यवाद
मौजूदा बीजेपी सांसद अंशुल वर्मा की जगह बीजेपी आलाकमान ने हरदोई लोकसभा सीट सेपूर्व सांसद जय प्रकाश रावत कोचुनाव मैदान में उतारा है. बताते चलें कि टिकट कटने के बाद अंशुल वर्मा के कई बयान सामने आए हैं, जिसमें वह पार्टी को दबी जुबान से कोसते हुए नजर आ रहे हैं. मौजूदा सांसद के रिएक्शन के बाद बीजेपी प्रत्याशी जय प्रकाश रावत ने उन्हें पार्टी की तरफ से पूरा सम्मान मिलने की बात कह रहे हैं. साथ ही बीजेपी नेतृत्व को प्रत्याशी का टिकट दिए जाने के लिए धन्यवाद भी देरहे हैं.
आने वाले समय में सियासत का ऊंट किस करवट बैठता है, यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन बीजेपी के टिकट बदलने के निर्णय के बाद मौजूदा सांसद बागी जरूर नजर आ रहे हैं. वहीं, बीजेपी प्रत्याशी के समर्थक मिठाई बांटकर जश्न मना रहे हैं.
कौन हैं जय प्रकाश रावत
जय प्रकाश रावत का सियासी सफर काफी लंबा रहा है. इस दौरान वह भाजपा, सपा और बसपा से संसद पहुंचने में कामयाब रहे हैं. उनका सियासी सफर भाजपा से शुरू हुआ था. वह हरदोई लोकसभा सीट से दो बार भाजपा से, एक बार लोकतांत्रिक कांग्रेस से और एक बार सपा से मोहनलालगंज से सांसद रह चुके हैं और फिर बाद में बसपा में शामिल होकर राज्यसभा सांसद भी बन चुके हैं.
ऐसे में राजनीतिक समीकरणों को साधने के लिए भाजपा ने अपने मौजूदा सांसद का टिकट काटकर पूर्व सांसद जय प्रकाश रावत को प्रत्याशी बनाया है. भाजपा का यह दांव कितना कारगर साबित होता है, यह तो आने वाला समय ही बताएगा.
अप्रैल 2018 में बीजेपीमें हुए थे शामिल
बता दें कि जय प्रकाश रावत साल 2014 में ही बीजेपी में वापसी करना चाहते थे लेकिन जब वापसी नहीं हो सकी तो उन्होंने सपा के टिकट पर मिश्रिख से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें यहां हार का सामना करना पड़ा. वह साल 1991में पहली बार हरदोई से सांसद बने थे. उन्होंने आठ अप्रैल 2018में बीजेपी ज्वॉइन करने के बाद ही फेसबुक पोस्ट के जरिए हरदोई से लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छा जाहिर कर दी थी.