हरदोई: विधान परिषद के लखनऊ स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय प्रत्याशी मो. रिजवान ने हरदोई जिले में शिक्षामित्रों के साथ एक मीटिंग की. मीटिंग के दौरान शिक्षामित्रों की समस्याओं के निराकरण की बात कही. मो. रिजवान ने कहा कि सरकार ने शिक्षा मित्रों के साथ छलावा किया है, ऐसे में शिक्षामित्रों को पुनः की तरह सहायक अध्यापक नियुक्त किए जाने को लेकर वह विधान परिषद में अपनी आवाज बुलंद करेंगे. स्नातक रोजगार गारंटी अधिनियम को लागू कराया जाएगा ताकि स्नातक बेरोजगारों को रोजगार मिल सके.
वहीं उन्होंने वर्तमान एमएलसी कांति सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने कभी न तो शिक्षकों की और न ही बेरोजगारों की समस्या को उठाया है. ऐसे में वह अपनी जीत के प्रति आश्वस्त हैं. निर्वाचित होने के बाद विधान परिषद में समस्याओं को उठा कर इनका निराकरण कराएंगे.
संविदा संवर्ग की समस्याओं को उठाने की कही बात
हरदोई जिले के पंचरत्न गेस्ट हाउस में शिक्षामित्रों के साथ कार्यक्रम के दौरान मो. रिजवान ने कहा कि मूलभूत संविदा संवर्ग की जो समस्याएं हैं. अनुदेशक, प्रेरक ,रोजगार सेवक और मदरसा शिक्षक तथा शिक्षामित्र इनकी तमाम परेशानियां है, कहीं पर इनको निकाला गया है. कहीं अनुदेशकों को निकाला जा रहा है और कही वेतन कम दिया जा रहा है. 1 लाख 72 हजार शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक बनाकर फिर उन्हें हटा दिया गया. सरकार की जिम्मेदारी है कि सभी को नौकरी दें, जिसकी वजह से तमाम लोग आत्महत्या कर रहे हैं. इन्हीं समस्याओं को लेकर हम सदन में जाएंगे.
स्नातकों को दिलाएंगे रोजगार
उन्होंने कहा कि स्नातक रोजगार गारंटी अधिनियम यह कहता है कि स्नातकों को रोजगार दिया जाए. जैसे मनरेगा में मजदूर को 100 दिन की गारंटी सरकार देती है, वैसे ही जो स्नातक की पढ़ाई करके आए उनको सरकार रोजगार दें. सरकार जिम्मेदार हो रोजगार देने के लिए ,अगर सरकार रोजगार नहीं दे पाती है, तो उसके एवज में फिक्स मानदेय दिया जाए.
वहीं उन्होंने वर्तमान विधान परिषद सदस्य कांति सिंह को लेकर कहा कि उनको मैं पूरी तरह से शिक्षा व्यवसाई मानता हूं. उन्होंने व्यवसाय और बाजार बनाने का कार्य किया है. हम लोग पढ़े लिखे लोग सदन में अपना नुमाइंदा भेजते हैं. इसलिए भेजते हैं कि हमारी जो पढ़े-लिखे बेरोजगारों की समस्याएं हैं, स्नातकों की समस्याओं को सदन के सामने रखा जाए. इन 18 सालों के अंदर मुझे एक भी वीडियो, एक भी फोटो ऐसी नहीं मिली जिसमें कहा गया है कि हमारी एमएलसी है, उन्होंने सदन के अंदर कोई बात रखी हो. मुझे जो लोगों ने बताया कि वह सदन के अंदर जाती ही नहीं है, वह शपथ लेने के बाद कभी सदन के अंदर गई ही नहीं है. उन्होंने कहा कि इस बार युवाओं ने ठान लिया है कि वह युवा ही चुनकर सदन में भेजेंगे.