हरदोई: जिले के बावन ब्लाक में स्थित संकटहरण शिव मंदिर अपने आप में एक खास महत्व रखता है. इस मंदिर में यूं तो पूरे साल भर ही भक्तों का तांता लगा रहता है, लेकिन सावन के महीने में इस मंदिर की शोभा में चार चांद लग जाते हैं. इस मंदिर के प्रांगण का इतिहास तो 70 वर्ष पुराना है, लेकिन यहां मौजूद शिवलिंग के इतिहास के बारे में आज तक कोई भी पता नहीं लगा सका है.
पुजारी ने बताया मंदिर का इतिहास-
मन्दिर के मुख्य पुजारी उदय प्रताप गिरी का कहना है इस मंदिर का प्रांगण और इमारत तकरीबन 70 साल पुरानी है. वहीं मन्दिर के इतिहास के बारे में उन्होंने बताया कि लगभग 70 वर्ष पहले बावन के एक सेठ लाला हीरालाल इधर से गुजरे. उनके बेटे को फांसी होने वाली थी. इस बात से वे बहुत परेशान थे.
पुजारी के मुताबिक सेठ को यहां एक छोटी सी शिवलिंग दिखी. यहां उन्होंने शिव जी से अपने बेटे को फांसी से बचाने की प्रार्थना की. पुजारी ने बताया कि भोलेनाथ की कृपा से उनके लड़के की फांसी बच गई और तब सेठ ने छोटे से मन्दिर का निर्माण करवाया था. धीरे-धीरे यहां पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु अपनी आने लगे.
दिन के तीनों पहर में बदलता है इस मंदिर का रंग-
पुजारी ने बताया शुरुआती दौर में इस शिवलिंग को जब देखा गया था तब इसका आकार बहुत ही छोटा था. समय के साथ-साथ इसका आकार भी बढ़ता जा रहा है. वहीं इसका रंग भी दिन के तीनों पहर बदलता है.