हरदोई: स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने रविवार को मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले का फीता काटकर उद्घाटन किया. इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस से डरने की आवश्यकता नहीं है. आज देश भर में सभी के मोबाइलों पर मैसेज आ रहे हैं और उन्हीं को ध्यान में रखते हुए सिर्फ बचाव की आवश्यकता है और यही बचाव वरदान साबित होगा.
कोरोना वायरस से लड़ने के लिए यूपी तैयार
स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि कोरोना वायरस का देश में 84 केस हैं, जिनमें से दो की मौत हुई हैं. वह भी ज्यादा उम्र के थे. उन्होंने कहा कि बीमारी से मरने वालों की संख्या प्वाइंट दो प्रतिशत है. कोरोना वायरस से लड़ने के लिए भारत और उत्तर प्रदेश पूरी तरीके से तैयार है.
मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले में पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री से सवाल किया गया कि कोरोना को कोई ताबीज से ठीक कर रहा है, तो कोई गोमूत्र पार्टी करके ठीक कर रहा है, ऐसे लोगों से निपटने के लिए क्या तैयारियां हैं. इसके जवाब में उन्होंने कहा कि भारत एक बहुत बड़ा देश है. पारंपरिक तरह की आयुर्वेदिक दवाएं आज से नहीं सैकड़ों सालों से चली आ रही हैं और लोग हो सकता है कि आज भी उसका प्रैक्टिस करें.
कोरोना वायरस से डरें नहीं
जय प्रताप सिंह ने कहा कि कोरोना वायरस का यूपी में 13 केस हैं. जबकि यूपी में लगभग 14 सौ बेड हर जिले में हमने तैयार कर रखे हैं और हर केस को हम गंभीरता से देख रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत-नेपाल सीमा और एयरपोर्ट पर थर्मल स्कैनर लगाए गए हैं. बड़ी मात्रा में स्कैनिंग की जा रही है. बाहर से आने वालों का वीजा भी फिलहाल रोक दिया गया है. मास्क लगाने की आवश्यकता नहीं है. केवल बचाव करें. डरने की जरूरत नहीं है.
सपा के प्रदर्शन पर दी प्रतिक्रिया
समाजवादी पार्टी के द्वारा 22 अप्रैल को 22 मुद्दों को लेकर प्रदेश भर में सरकार के विरोध में किए जाने वाले प्रदर्शन को लेकर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सपा सत्ता में थी और आज मुख्य विपक्षी दल है. ऐसे में सरकार का विरोध करना उनका दायित्व है. वह सरकार का विरोध करेंगे, लेकिन जनता सब जानती है. मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार बनेगी? इसको लेकर उन्होंने कहा कि आज 22 विधायक ज्योतिरादित्य सिंधिया के पक्ष में इस्तीफा दे रहे हैं, तो परिवर्तन हो जाएगा.
अनुपस्थित चल रहे डॉक्टरों पर होगी कार्रवाई
स्वास्थ्य मंत्री ने ज्वॉइनिंग करने के बाद अनुपस्थित चल रहे डॉक्टरों को लेकर कहा कि पूरे प्रदेश में लगभग 700 डॉक्टर ऐसे हैं, जो ज्वॉइन करने के बाद या तो कहीं दूसरी जगह चले गए हैं या उन्होंने पढ़ाई करनी शुरू कर दी अथवा अपना मेडिकल चला रहे हैं. ऐसे डॉक्टरों को चिन्हित कर लिया गया है, उनकी बर्खास्तगी की प्रक्रिया चल रही है.
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