हरदोई: पूर्व डीजीपी यशपाल सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कमिश्नरी सिस्टम को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किए जाने के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि 50 वर्षों से पुलिस कमीशन इसकी मांग कर रहा था, लेकिन किन्हीं कारणों के कारण ये लागू नहीं हो सका. अब सरकार की राजनैतिक इच्छा शक्ति के चलते इसे जमीनी स्तर पर लागू किया जा रहा है. इससे व्यवस्थाओं में सुधार अवश्य देखने को मिलेगा.
पूर्व डीजीपी यशपाल सिंह ने कहा कि प्रशासनिक सुधार के साथ ही न्यायिक सुधार व चुनावी सुधार भी जरूरी है, तभी पूरी तरह से व्यवस्थाओं में सुधार देखने को मिलेगा.
हरदोई जिले में एक आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे पूर्व डीजीपी यशपाल सिंह ने कमिश्नरी सिस्टम के लागू होने पर अपनी खुशी जाहिर की. उन्होंने कहा कि कई वर्षों पहले ही इस सिस्टम को लागू हो जाना चाहिए था. यशपाल सिंह ने कहा कि अंग्रेजों ने पूर्व में बड़े टाउन्स में इस कमिश्नरी सिस्टम को लागू किया था, जिसके बाद किसी ने भी इस सिस्टम को अन्य जगहों पर लागू किए जाने की जहमत नहीं उठाई. हालांकि अब ये काम जमीनी स्तर पर होना शुरू हो गया है.
डीजीपी ने दिया फूलनदेवी गोलीकांड का उदाहरण
पूर्व डीजीपी यशपाल सिंह ने कहा कि प्रशासनिक सुधार के साथ न्यायिक व्यवस्था में भी एक कमीशन बनाकर सुधार करने की आवश्यकता है. उन्होंने फूलनदेवी कांड का उदाहरण देते हुए कहा कि 39 वर्ष बीत जाने के बाद भी उस कांड के दोषियों को आज तक सजा नहीं मिल पाई. आज तक लोअर कोर्ट भी इस मामले का जजमेंट नहीं सुना सके, जबकि 26 लोगों को खड़ा करके गोली मारने के इस कांड में करीब 20 की मौके पर ही मौत हो गई थी और 6 लोग घायल हुए थे.
उन्होंने कहा कि इस केस में सजा होना बहुत मुश्किल नहीं था, क्योंकि घायलों के बयान बहुत मायने रखते थे, जिनके आधार पर दोषियों को सजा हो सकती थी. उन्होंने कहा कि इस तरह के तमाम मामले हैं, ऐसे में न्यायिक सुधार की भी बहुत आवश्यकता है.
न्यायिक व चुनावी व्यवस्थाओं में होना चाहिए सुधार
यशपाल सिंह ने कहा कि प्रशासनिक, न्यायिक के साथ ही चुनावी व्यवस्था में भी इसी प्रकार म सुधार की जरूरत है, तभी पूर्ण रूप से समाज मे सुधार सम्भव है. उन्होंने उदाहरण दिया कि एक तरफ पार्लियामेंट में बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ की बात होती है, तो दूसरी तरफ देश में रेप होते हैं. तमाम तरह के मार्च निकाले जाते हैं, लेकिन हल कोई नहीं निकलता.
उन्होंने कहा कि आज भी संसद में 7 ऐसे एमपी मौजूद हैं, जिनके ऊपर खुद रेप की चार्टशीट दायर है. एक एमपी यूपी के भी ऐसे ही हैं, जिनके ऊपर रेप केस चल रहा है और वे शपथ तक नहीं ले पाए. उन्होंने कहा कि ऐसे में इसका जिम्मेदार कौन है? उन्होंने कहा कि इसको देखते हुए ये साफ है कि जब तक प्रशासनिक के साथ ही न्यायिक व चुनावी सुधार नहीं होगा तब तक व्यवस्थाओं में सुधार संभव नहीं है.
इसे भी पढ़ें:- हरदोई: रेड क्रॉस सोसाइटी की प्रबंध कमेटी का चुनाव संपन्न, इनको मिली ये कमान