हरदोई: जिले में अन्ना पशुओं का मुद्दा गरमाया हुआ है. आज भी किसान बेबस और परेशान हैं. रात-रात भर जागकर किसानों को अपनी फसलों की सुरक्षा इन आवारा पशुओं से करनी पड़ती है, लेकिन जिला प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है और कागजों पर गोशालाएं बनवा कर अपनी पीठ थपथपा रहा है. किसानों में इस समस्या को लेकर भारी रोष है. इससे नाराज किसानों ने शनिवार को हाथों में लाठी लेकर जिला मुख्यालय का घेराव कर नारेबाजी की.
शनिवार को किसान हाथों में लाठी-डंडे लेकर सड़क पर उतर आए और नारेबाजी कर आक्रोश व्यक्त करने लगे. पूरे जिले में भ्रमण कर प्रदर्शन करने के बाद सभी किसानों ने कलेक्ट्रेट परिसर का घेराव कर अपनी मांगें सामने रखीं. किसानों की एक प्रमुख मांग अन्ना पशुओं को आश्रित किए जाने की है.
किसान यूनियन के अध्यक्ष रावेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि सरकार ने सभी अन्ना पशुओं को आश्रित करने का दावा किया था, लेकिन ग्रामीण और शहरी क्षेत्र की स्थिति जस की तस है. किसानों की फसल अन्ना पशु बर्बाद कर रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन ने महज दिखावे के लिए गोशालाओं का निर्माण करा दिया है.
ग्रामीण इलाकों में फसलों की बर्बादी तो शहरी इलाकों में सड़क हादसों का कारण बनने वाले इन अन्ना पशुओं को आज भी आश्रय नहीं दिलाया जा सका है. उन्होंने कहा कि रात-रात भर किसान अपनी फसलों को इन आवारा पशुओं से बचाता है.
वहीं किसानों ने दूसरी मांग की कि किसान गोष्ठी जिला मुख्यालय पर हो. उन्होंने कहा कि पूर्व में जिस प्रकार किसान गोष्ठी करवाई जाती थी उसी प्रकार कराई जाए. इसमें बदलाव होने से किसान अपनी समस्याओं को सामने नहीं रख पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर हमारी इन दो मांगों पर जल्द ही गौर नहीं किया गया तो भविष्य में एक बड़ा आंदोलन होगा.