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हरदोई: तालाब में फेंके मिले एआरटीओ कार्यालय के दस्तावेज

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में एआरटीओ कार्यालय के दस्तावेज तालाब में फेंके हुए पाए जाने का मामला सामने आया है. दस्तावेजों के तालाब में मिलने से अधिकारियों में हड़कंप मच गया. वहीं प्रकरण की सूचना पर पहुंचे अधिकारियों ने मामले की जानकारी लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं.

तालाब में फेंके दस्तावेज
तालाब में फेंके दस्तावेज
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Published : Nov 5, 2020, 8:32 PM IST

हरदोई: जिले में उप संभागीय परिवहन कार्यालय की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. दरअसल ऑफिस में जमा किए गए सरकारी दस्तावेजों को ऑफिस के बाहर तालाब में फेंक दिया गया. तालाब में सरकारी दस्तावेजों के फेंके जाने की सूचना के बाद विभागीय अफसरों ने पूरे मामले की जांच पड़ताल की. हालांकि विभागीय अधिकारियों ने तालाब में फेंके गए सरकारी दस्तावेजों के उपयोगी होने से इनकार किया है. साथ ही रिकॉर्ड को फेंके जाने के मामले में जांच के निर्देश दिए हैं. सरकारी दस्तावेजों को इस तरह से तालाब में फेंकने को लेकर तमाम तरह की चर्चा हो रही है. दस्तावेजों को इस तरह क्यों फेंका गया, इसका पता अब जांच के बाद ही चल सकेगा.

सूचना पर पहुंचे अधिकारियों ने लिया जायजा
एआरटीओ ऑफिस के दस्तावेजों को तालाब में फेंके जाने का मामला जब जानकारी में आया तो अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल की. इस मामले में जिम्मेदार अधिकारी फेंके गए दस्तावेजों को अनुपयोगी बता रहे हैं. वहीं दस्तावेजों के फेंके जाने के मामले को लेकर जांच के निर्देश भी दिए गए हैं.

आर आई ने दिए जांच के निर्देश
दरअसल पुराने दस्तावेजों को कार्यालय में रिकॉर्ड के रूप में रखा जाता है, ताकि आवश्यकता पड़ने पर रिकॉर्ड से मिलान किया जा सके. इसके बावजूद भी उप संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय के दस्तावेजों को तालाब में फेंक दिया गया. ऐसे में दस्तावेजों के तालाब में फेंके जाने के बाद अब विभाग के पास दस्तावेज मौजूद नहीं है. इसके चलते इसका खामियाजा अब आम लोगों को उठाना पड़ सकता है.

वहीं इस पूरे मामले में उप संभागीय परिवहन विभाग के आर आई विकास कुमार यादव का कहना है कि इन दस्तावेजों को किसी ने साफ-सफाई कर तालाब में फेंक दिया है. हालांकि ये दस्तावेज उपयोगी प्रतीत नहीं हो रहे हैं. कार्यालय के इन दस्तावेजों को तालाब में क्यों फेंका गया, इसकी जांच कराई जा रही है. मामले की जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.

हरदोई: जिले में उप संभागीय परिवहन कार्यालय की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है. दरअसल ऑफिस में जमा किए गए सरकारी दस्तावेजों को ऑफिस के बाहर तालाब में फेंक दिया गया. तालाब में सरकारी दस्तावेजों के फेंके जाने की सूचना के बाद विभागीय अफसरों ने पूरे मामले की जांच पड़ताल की. हालांकि विभागीय अधिकारियों ने तालाब में फेंके गए सरकारी दस्तावेजों के उपयोगी होने से इनकार किया है. साथ ही रिकॉर्ड को फेंके जाने के मामले में जांच के निर्देश दिए हैं. सरकारी दस्तावेजों को इस तरह से तालाब में फेंकने को लेकर तमाम तरह की चर्चा हो रही है. दस्तावेजों को इस तरह क्यों फेंका गया, इसका पता अब जांच के बाद ही चल सकेगा.

सूचना पर पहुंचे अधिकारियों ने लिया जायजा
एआरटीओ ऑफिस के दस्तावेजों को तालाब में फेंके जाने का मामला जब जानकारी में आया तो अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल की. इस मामले में जिम्मेदार अधिकारी फेंके गए दस्तावेजों को अनुपयोगी बता रहे हैं. वहीं दस्तावेजों के फेंके जाने के मामले को लेकर जांच के निर्देश भी दिए गए हैं.

आर आई ने दिए जांच के निर्देश
दरअसल पुराने दस्तावेजों को कार्यालय में रिकॉर्ड के रूप में रखा जाता है, ताकि आवश्यकता पड़ने पर रिकॉर्ड से मिलान किया जा सके. इसके बावजूद भी उप संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय के दस्तावेजों को तालाब में फेंक दिया गया. ऐसे में दस्तावेजों के तालाब में फेंके जाने के बाद अब विभाग के पास दस्तावेज मौजूद नहीं है. इसके चलते इसका खामियाजा अब आम लोगों को उठाना पड़ सकता है.

वहीं इस पूरे मामले में उप संभागीय परिवहन विभाग के आर आई विकास कुमार यादव का कहना है कि इन दस्तावेजों को किसी ने साफ-सफाई कर तालाब में फेंक दिया है. हालांकि ये दस्तावेज उपयोगी प्रतीत नहीं हो रहे हैं. कार्यालय के इन दस्तावेजों को तालाब में क्यों फेंका गया, इसकी जांच कराई जा रही है. मामले की जांच के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी.

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