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हरदोई: जिला अस्पताल में डॉक्टरों की लेट-लतीफी जारी, विभागों में लटक रहा ताला

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिला अस्पताल में डॅाक्टरों के देरी से आने का सिलसिला बदस्तूर जारी है, जिसके कारण मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है.

हरदोई जिला अस्पताल में डॉक्टरों की लेट-लतीफी जारी.
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Published : Jul 27, 2019, 4:01 PM IST

हरदोई: जिला अस्पताल में डॅाक्टरों के देरी से आने के कारण दूर-दराज से आए मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. यहां आयुष विंग में ताला लगा मिला तो वहीं कई अन्य विभागों से चिकित्सक भी नदारद मिले.

जानकारी देते सीएमएस.

बेपरवाह डॅाक्टर, परेशान मरीज-

  • हरदोई जिला अस्पताल की स्थिति दिन-प्रतिदिन दयनीय होती जा रही है.
  • रोजाना करीब 1,500 से 2,000 मरीज ओपीडी में आते हैं.
  • यहां ओपीडी का समय सुबह आठ बजे से दो बजे का है.
  • आयुष विंग में तो कई घंटों तक ताला ही लटकता रहा, जिसके चलते आधे से ज्यादा मरीज वापस अपने घर लौट गए.
  • चिकित्सकों ने समय से आकर हस्ताक्षर तो कर दिए, लेकिन ओपीडी कक्ष से नदारत रहे.

मैने पता लगाया है किकर्मचारी आए हैं. साफ-सफाई की जा रही है और अस्पताल में डॉक्टरों के चैंबर में ताला खुला है. डॅाक्टर लोग हस्ताक्षर पुस्तिका पर हस्ताक्षर करके अस्पताल परिसर में ही घूम रहे हैं. उनसे मैनें फोन से संपर्क भी किया है. मैनें उनको साफ निर्देश दिया है कि आठ बजे तक अपना काम शुरू कर दें.
-एके शाक्य, सीएमएस, जिला अस्पताल

हरदोई: जिला अस्पताल में डॅाक्टरों के देरी से आने के कारण दूर-दराज से आए मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. यहां आयुष विंग में ताला लगा मिला तो वहीं कई अन्य विभागों से चिकित्सक भी नदारद मिले.

जानकारी देते सीएमएस.

बेपरवाह डॅाक्टर, परेशान मरीज-

  • हरदोई जिला अस्पताल की स्थिति दिन-प्रतिदिन दयनीय होती जा रही है.
  • रोजाना करीब 1,500 से 2,000 मरीज ओपीडी में आते हैं.
  • यहां ओपीडी का समय सुबह आठ बजे से दो बजे का है.
  • आयुष विंग में तो कई घंटों तक ताला ही लटकता रहा, जिसके चलते आधे से ज्यादा मरीज वापस अपने घर लौट गए.
  • चिकित्सकों ने समय से आकर हस्ताक्षर तो कर दिए, लेकिन ओपीडी कक्ष से नदारत रहे.

मैने पता लगाया है किकर्मचारी आए हैं. साफ-सफाई की जा रही है और अस्पताल में डॉक्टरों के चैंबर में ताला खुला है. डॅाक्टर लोग हस्ताक्षर पुस्तिका पर हस्ताक्षर करके अस्पताल परिसर में ही घूम रहे हैं. उनसे मैनें फोन से संपर्क भी किया है. मैनें उनको साफ निर्देश दिया है कि आठ बजे तक अपना काम शुरू कर दें.
-एके शाक्य, सीएमएस, जिला अस्पताल

Intro:आकाश शुक्ला हरदोई।9919941250

एंकर--एक तरफ प्रदेश सरकार बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के दावे पेश कर रही है व करोड़ो रूपये पानी की तरह बहा कर योजनाओं का क्रियान्वयन कर रही है।तो दूसरी तरफ हरदोइ स्वास्थ्य विभाग इन योजनाओं और सुविधाओं की जमीनी हकीकत से रूबरू करा रहा है।आज भी नज़ारा कुछ ऐसा ही था।यहां आयुष विंग में ताला तो अन्य विभागों से चिकित्सक नदारद मिले।जिसका सीधा असर मरीज़ों पर पड़ता दिखाई दिया।Body:वीओ--1--हरदोई जिला अस्पताल की स्थिति दिन ब दिन दयनीय होती जा रही है।अभी तक यहां मरीज़ों इलाज़ तो मिल जाता था लेकिन दवाओं का अभाव था।मगर अब यहां मरीज़ों का इलाज़ करने के लिए डॉक्टर ही मौजूद नहीं रहते।आज यहां सैकड़ों मरीज़ों को डॉक्टरों के न आने से कई समस्याओं का सामना करना पड़ा।यहां ओपीडी का समय 8 बजे से 2 बजे का है।रोजाना करीब 15 सौ से 2 हज़ार मरीज़ ओपीडी में आते हैं।आज जब यहां देखा गया तो ओपीडी से एक दो को छोड़ सभी डॉक्टर नदारत मिले।इतना ही नहीं आयुष विंग में तो कई घंटों तक ताला ही लटकता रहा।जिसके चलते आधे से ज्यादा मरीज़ वापस अपने घर लौट गए।लेकिन कोई भी उनकी सुनने वाला यहां मौजूद नहीं था।इतना ही नहीं बात और भी चौकाने वाली तब हो गयी जब अटेंडेंस रजिस्टर पर ओपीडी में ड्यूटी करने वाले डॉक्टरों के हस्ताक्षर देखने को मिले।चिकित्सकों ने समय से आकर हस्ताक्षर तो कर दिए मगर ओपीडी कक्ष से नदारत रहे। सुनिए क्या कहते हैं पीड़ित।

विसुअल
बाईट--राधा शर्मा--मरीज़
बाईट--सुरेश--तीमारदार
बाईट--अक्षय--मरीज़

वीओ--2--वहीं जब इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी जिला आपातकाल ए के शाक्य से जानकारी ली गयी, तो उन्होंने पहले तो मामले की लीपापोती करना शुरू कर दिया और चिकित्सकों की इस उदासीनता पर पर्दा डालने का काम किया।हालांकि बाद में उन्होंने सभी को समय से ओपीडी अटेंड करने के सख्त निर्देश दिए जाने की बात कहकर आज के प्रकरण की जांच कराए जाने की बात जरूर कही।

बाईट--ए के शाक्य--सीएमएस जिला अस्पताल

Conclusion:
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