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हरदोई: झोलाछापों पर लगेगी लगाम, जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने तैयार की यह रणनीति - district administration is active in hardoi about fake doctor

ग्रामीण क्षेत्रों में बिना किसी प्रमाण पत्र और डिग्री के झोलाछाप ग्रामीणों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं, लेकिन अब जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने इन झोलाछापों पर शिकंजा कसने की रणनीति तैयार कर ली है.

झोलाछापों पर शिकंजा कसने के लिए प्रशासन ने तैयार की रणनीति.
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Published : May 22, 2019, 10:29 PM IST

हरदोई: ग्रामीण क्षेत्रों में जागरुकता के अभाव और जिम्मेदारों की उदासीनता का फायदा यहां के झोलाछाप उठा रहे हैं, लेकिन अब जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने तीन सदस्यीय टीम का गठन कर इन झोलाछापों पर शिकंजा कसने की रणनीति तैयार की है.

झोलाछापों पर शिकंजा कसने के लिए प्रशासन ने तैयार की रणनीति.

मरीजों की जिंदगी से करते हैं खिलवाड़

  • ग्रामीणों में जागरुकता के अभाव का सीधा लाभ यहां के झोलाछाप उठा रहे हैं.
  • ये डॉक्टर बिना किसी प्रमाण पत्र और डिग्री के ग्रामीणों का इलाज कर उनकी जिंदगी से खिलवाड़ करते हैं.
  • गर्मी का मौसम इन झोलाछापों के लिए वरदान साबित होता है, क्योंकि इस मौसम में ग्रामीण क्षेत्रों में डायरिया, उल्टी व दस्त जैसी तमाम संक्रमित बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है.
  • इसके बाद ग्रामीण सीएचसी व पीएचसी पर न जाकर इन झोलाछापों की चपेट में आ जाते हैं.
  • अब इस पर रोक लगाने और ग्रामीणों में जागरूकता का प्रसार करने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है.

'जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने एक तीन सदस्यीय टीम का गठन किया है. जिसमें सीएचसी के अधीक्षक, इंस्पेक्टर और एसडीएम मौजूद हैं. इन तीनों द्वारा अपने-अपने इलाकों में भ्रमण कर सभी झोलाछापों की एक सूची तैयार की जाएगी, जिसके बाद इनके ऊपर कार्रवाई की जाएगी'.
- एस के रावत, मुख्य चिकित्साधिकारी

हरदोई: ग्रामीण क्षेत्रों में जागरुकता के अभाव और जिम्मेदारों की उदासीनता का फायदा यहां के झोलाछाप उठा रहे हैं, लेकिन अब जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने तीन सदस्यीय टीम का गठन कर इन झोलाछापों पर शिकंजा कसने की रणनीति तैयार की है.

झोलाछापों पर शिकंजा कसने के लिए प्रशासन ने तैयार की रणनीति.

मरीजों की जिंदगी से करते हैं खिलवाड़

  • ग्रामीणों में जागरुकता के अभाव का सीधा लाभ यहां के झोलाछाप उठा रहे हैं.
  • ये डॉक्टर बिना किसी प्रमाण पत्र और डिग्री के ग्रामीणों का इलाज कर उनकी जिंदगी से खिलवाड़ करते हैं.
  • गर्मी का मौसम इन झोलाछापों के लिए वरदान साबित होता है, क्योंकि इस मौसम में ग्रामीण क्षेत्रों में डायरिया, उल्टी व दस्त जैसी तमाम संक्रमित बीमारियों के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है.
  • इसके बाद ग्रामीण सीएचसी व पीएचसी पर न जाकर इन झोलाछापों की चपेट में आ जाते हैं.
  • अब इस पर रोक लगाने और ग्रामीणों में जागरूकता का प्रसार करने के लिए प्रशासन ने कमर कस ली है.

'जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने एक तीन सदस्यीय टीम का गठन किया है. जिसमें सीएचसी के अधीक्षक, इंस्पेक्टर और एसडीएम मौजूद हैं. इन तीनों द्वारा अपने-अपने इलाकों में भ्रमण कर सभी झोलाछापों की एक सूची तैयार की जाएगी, जिसके बाद इनके ऊपर कार्रवाई की जाएगी'.
- एस के रावत, मुख्य चिकित्साधिकारी

Intro:आकाश शुक्ला हरदोई। 9919941250

एंकर----जिले में शहरीयों से ज्यादा ग्रामीण बस्तियां मौजूद हैं।जहां लाखों की तादात में ग्रामीण बसते हैं।चर्चा का विषय ये है कि ये ग्रामीण आज भी चिकित्सा के क्षेत्र दी जाने वाली सुविधाओं से वंचित हैं जिसका अहम कारण इनमें जागरूकता का अभाव है और दूसरा विशेष कारण जिम्मेदारों की उदासीनता। जागरूकता के अभाव व जिम्मेदारों के लापरवाहीयों का सीधा लाभ इन ग्रामीण इलाकों में बसने वाले झोलाछाप डॉक्टर उठाते हैं।ये झोलाछाप आज विगत लंबे समय से गरीबो की जेबों पर डाका डालने का काम कर रहे हैं और उनकी जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।आये दिन झोलाछापों के कहर से कोई न कोई काल के गाल समा रहा है।हालांकि अब जिला प्रशासन, पुलिस विभाग व स्वास्थ्य विभाग ने तीन सदस्यीय टीम का गठन कर इन झोलाछापों पर शिकंजा कसने की रणनीति तैयार की है।


Body:वीओ--1--हरदोई जिले में 5 तहसीलें के अंतर्गत कुल 19 ब्लॉक मौजूद हैं।जिनमे से तहसील सदर को छोड़ दें तो शेष बचीं चार तहसीलों में ज्यादातर ग्रामीण मौजूद हैं।इनकी संख्या लाखों में होगी।जिले में भारी संख्या में बसर कर रहे इन ग्रामीणों का सीधा लाभ यहां मौजूद झोलाछाप डॉक्टर उठा रहे हैं।न ही तो इन डॉक्टरों के पास कोई प्रमाण होता है और न ही कोई डिग्री लेकिन ये धड़ल्ले से इस गोरख धंधे को संचालित कर मासूमों की जेबों पर डाका डालने का काम कर रहे हैं और उनकी जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर मासूमों के जीवन को खतरे में डाल रहे हैं।गर्मी के मौसम का दस्तक देने मानों इन झोलाचापो के लिए वरदान सा साबित हो जाता है।लाज़मी है कि गर्मी में डायरिया, उल्टी व दस्त जैसी तमाम संक्रमित बीमारियों के मरीजों की संख्या ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ जाती है।लेकिन उनमें जागरूकता का अभाव होने के कारण वे इलाके की संबंधित सीएचसी व पीएचसी पर न जाकर इन झोलाचापो की चपेट में आ जाते हैं।हालांकि इस पर रोक लगाने के लिए व ग्रामीणों में जागरूकता का प्रसार करने के लिए अब जिम्मेदारों ने अपनी कमर कस ली है और जिले के कोने कोने में डेरा डाले बैठे झोला छापों पर कार्यवाही का दौर शुरू किया जा चुका है।

विसुअल विद वॉइस ओवर

वीओ--2--पूरे मामले की विधिवत जानकारी से मुख्य चिकित्सा अधिकारी एस के रावत ने अवगत कराया, की जिला प्रशासन व स्वास्थ्य वीभग ने एक तीन सदस्यीय तीम का गठन किया है।जिसमें संबंधित सीएचसी के अधीक्षक, संबंधित थाने के इंस्पेक्टर और जिस तहसील के अंतर्गत जिस ब्लॉक की सीएचसी आती है वहां के एसडीएम मौजूद हैं।इन तीनों द्वारा अपने अपने इलाकों में भ्रमण कर सभही झोलाचापो की एक सूची तैयार की जाएगी।जिसके बाद इनके ऊपर विदित कार्यवाही कर एक्शन लिया जाएगा।सीएमओ ने जानकारी दी कि अभी तक 2 से 3 ऐसे झोलाचापो के ऊपर कार्यवाही की जा चुकी है।हालांकि विगत लम्बे समय से इन झोलाछापों के चल रहे गोरखधंधे पर अभी तक तो स्वास्थ्य विभाग लगाम न लगा सका, तो क्या इस नई तैयार की गई रणनीति से इन के ऊपर शिकंजा कस पायेगा या नहीं ये देखने वाली बात जरूर होगी।

बाईट----एस के रावत----सीएमओ हरदोई

पीटूसी


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