हरदोई: प्रदेश सरकार के आवारा पशुओं को आश्रय देने के दावे हरदोई जिले में खोखले साबित हो रहे हैं. जिले में करीब 78 गोशालाएं हैं, लेकिन ये सभी गोशालाएं अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहीं हैं. आलम ये है कि आवारा पशु आज भी खुलेआम सड़कों पर घूम सड़क हादसों को दावत दे रहे हैं, तो वहीं किसानों की फसलों को भी खासा नुकसान पहुंचा रहे हैं.
दलदल बनीं गोशाला
जिले के कंदौना गांव में मौजूद गोशाला में न तो जानवरों के लिए भोजन की व्यवस्था है और न ही पीने के लिए पानी. मुश्किलें तब और बढ़ीं जब बारिश से यह गोशाला दलदल में तब्दील हो गई. इसके चलते जानवरों ने वापस सड़कों पर और लोगों के खेतों को अपना बसेरा बना लिया है. जब ईटीवी की टीम ने यहां का जायजा लिया तो हालात चौंकाने वाले मिले. यहां न तो कोई सुरक्षाकर्मी मिला और न ही एक भी जानवर. साथ ही बारिश के पानी निकलने की व्यवस्था न होने की वजह से गोशाला दलदल में तब्दील हो चुकी है.
गोशालाओं से पलायन कर रहे पशु
नया गांव मुबारकपुर में मौजूद स्थायी गोशाला का हाल भी कुछ ऐसा है. गेट से लेकर अंदर तक जलभराव हो रखा है. इससे आहत होकर जानवरों ने इस गोशाला से भी पलायन करना शुरू कर दिया है. जिन जानवरों की टैगिंग की गई थी, आज वो खुलेआम सड़कों पर घूम रहे हैं.
वहीं इस मौसम जानवरों में संक्रमित बीमारियां भी होने लगी हैं, जिससे इनकी मौत भी हो रही है. जिले की अधिकतर गोशालाओं की स्थिति ऐसी ही बनी हुई है. इस मामले पर आलाधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है. हालांकि ग्रामीणों ने बताया कि यहां पर जानवर नहीं रह गए हैं. जानवरों की देख-रेख करने वाले भी अपनी मर्ज़ी के मालिक है.