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मिसाल : हरदोई के कॉन्स्टेबल इमरान गरीब बच्चों को देते हैं फुटबॉल ट्रेनिंग

हरदोई के कॉन्स्टेबल इमरान पिछले 5 सालों से आर्थिक रूप से पिछड़े हुए बच्चों को फुटबॉल की कोचिंग दे रहे हैं. वह बच्चों को फुटबॉल की कोचिंग देने के साथ ही उनके संसाधन भी निःशुल्क उपलब्ध कराते हैं. इसके लिए वह अपने वेतन का 50 फीसदी हिस्सा अपने क्लब के खिलाड़ियों पर खर्च करते हैं.

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Published : Mar 19, 2019, 12:38 PM IST

अपने खिलाड़ियों के साथ कॉन्स्टेबल इमरान

हरदोई : जिले में एक ऐसे पुलिसकर्मी भी हैं, जो मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी ही नहीं करते बल्कि वह असल जिंदगी के भी रियल हीरो हैं. खेल के शौकीन पुलिसकर्मी इमरान यूं तो कॉन्स्टेबल हैं लेकिन इन्होंने वह कर दिखाया है, जो लोगों के लिए एक सपने जैसा है. पिछले 5 सालों से इमरान आर्थिक रूप से पिछड़े हुए बच्चों को फुटबॉल की कोचिंग दे रहे हैं.

हरदोई के कॉन्स्टेबल इमरान बन गए मिसाल

इमरान बच्चों को फुटबॉल की कोचिंग देने के साथ ही उनके संसाधन भी निःशुल्क उपलब्ध कराते हैं. प्रतियोगिता के लिए बाहर जाने पर खिलाड़ियों का खर्चा भी उठाते हैं. इसके लिए वह अपने वेतन का 50 फीसदी हिस्सा अपने क्लब के खिलाड़ियों पर खर्च करते हैं. उनकी कड़ी मेहनत का ही नतीजा है कि उनके द्वारा कोचिंग पाए खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है. उनके द्वारा तैयार की गई खिलाड़ियों की नर्सरी अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छटा बिखेरने को बेताब है.

46 खिलाड़ियों को दे रहे हैं ट्रेनिंग
पुलिस लाइन के ग्राउंड में फुटबॉल खिलाड़ियों को वार्मअप कराते यह खेल प्रेमी इमरान खान हैं, जो एक कॉन्स्टेबल के पद पर तैनात हैं और वर्तमान में सिटी मजिस्ट्रेट की सुरक्षा में इनकी तैनाती है. मूलतः गाजीपुर जिले के थाना दिलदारनगर के गांव बहुअरा के रहने वाले इमरान की तैनाती विगत सन 2008 में हरदोई जिले में हुई थी. खेल के प्रति इमरान को बेहद लगाव था. सन 2014 में उन्होंने धर्म सुधा नामक क्लब की स्थापना की और फिर उसके बाद पुलिस लाइन और आसपास के रहने वाले आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को उन्होंने फुटबॉल, किक बॉक्सिंग और फिजिकल ट्रेनिंग देनी पुलिस लाइन में शुरू कर दी. वर्तमान में इमरान के धर्म सुधा क्लब में 46 खिलाड़ी मौजूद हैं, जिन्हें वह कोचिंग दे रहे हैं.

कोरिया में कमाया इमरान के प्रशिक्षित खिलाड़ी ने नाम
इमरान की मेहनत के चलते बीती 9 से 12 जनवरी के बीच कनाडा में हुई किक बॉक्सिंग प्रतियोगिता में भारत से गई 5 टीमों में उनके द्वारा प्रशिक्षित प्रियांशु यादव ने 55 किलोग्राम भार में पहले नाइजीरिया को हराया, फिर हांगकांग को और फिर इंग्लैंड को हराकर चौथे राउंड में कोरिया के साथ उनका मुकाबला बराबरी पर छूटा. प्रियांशु यादव ने विश्व में चौथा और देश में पहला स्थान हासिल किया. भारतीय शिक्षा खेल परिषद के द्वारा आयोजित अंडर 18 फुटबॉल प्रतियोगिता में इमरान के द्वारा कोचिंग पाए 14 खिलाड़ियों ने उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया था. भोपाल में हुई इस प्रतियोगिता में यह खिलाड़ी फाइनल तक पहुंचे थे और अंतिम मुकाबला असम के साथ था, जिसमें यह रनर अप रहे थे.

भारतीय खेल एवं शिक्षा परिषद के द्वारा उनको राष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ियों को प्रतिभाग कराए जाने को लेकर संस्था के अध्यक्ष के द्वारा इंडियन स्पोर्ट्स अवार्ड 2019 से इमरान को सम्मानित भी किया जा चुका है. अपने वेतन के 50 फीसदी हिस्से से भविष्य के खिलाड़ियों की खेप तैयार करने में जुटे इमरान के बारे में बस यही कहा जा सकता है कि असल जिंदगी के रियल हीरो इमरान ही हैं और सलाम है उनके जज्बे को.

हरदोई : जिले में एक ऐसे पुलिसकर्मी भी हैं, जो मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी ही नहीं करते बल्कि वह असल जिंदगी के भी रियल हीरो हैं. खेल के शौकीन पुलिसकर्मी इमरान यूं तो कॉन्स्टेबल हैं लेकिन इन्होंने वह कर दिखाया है, जो लोगों के लिए एक सपने जैसा है. पिछले 5 सालों से इमरान आर्थिक रूप से पिछड़े हुए बच्चों को फुटबॉल की कोचिंग दे रहे हैं.

हरदोई के कॉन्स्टेबल इमरान बन गए मिसाल

इमरान बच्चों को फुटबॉल की कोचिंग देने के साथ ही उनके संसाधन भी निःशुल्क उपलब्ध कराते हैं. प्रतियोगिता के लिए बाहर जाने पर खिलाड़ियों का खर्चा भी उठाते हैं. इसके लिए वह अपने वेतन का 50 फीसदी हिस्सा अपने क्लब के खिलाड़ियों पर खर्च करते हैं. उनकी कड़ी मेहनत का ही नतीजा है कि उनके द्वारा कोचिंग पाए खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है. उनके द्वारा तैयार की गई खिलाड़ियों की नर्सरी अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छटा बिखेरने को बेताब है.

46 खिलाड़ियों को दे रहे हैं ट्रेनिंग
पुलिस लाइन के ग्राउंड में फुटबॉल खिलाड़ियों को वार्मअप कराते यह खेल प्रेमी इमरान खान हैं, जो एक कॉन्स्टेबल के पद पर तैनात हैं और वर्तमान में सिटी मजिस्ट्रेट की सुरक्षा में इनकी तैनाती है. मूलतः गाजीपुर जिले के थाना दिलदारनगर के गांव बहुअरा के रहने वाले इमरान की तैनाती विगत सन 2008 में हरदोई जिले में हुई थी. खेल के प्रति इमरान को बेहद लगाव था. सन 2014 में उन्होंने धर्म सुधा नामक क्लब की स्थापना की और फिर उसके बाद पुलिस लाइन और आसपास के रहने वाले आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को उन्होंने फुटबॉल, किक बॉक्सिंग और फिजिकल ट्रेनिंग देनी पुलिस लाइन में शुरू कर दी. वर्तमान में इमरान के धर्म सुधा क्लब में 46 खिलाड़ी मौजूद हैं, जिन्हें वह कोचिंग दे रहे हैं.

कोरिया में कमाया इमरान के प्रशिक्षित खिलाड़ी ने नाम
इमरान की मेहनत के चलते बीती 9 से 12 जनवरी के बीच कनाडा में हुई किक बॉक्सिंग प्रतियोगिता में भारत से गई 5 टीमों में उनके द्वारा प्रशिक्षित प्रियांशु यादव ने 55 किलोग्राम भार में पहले नाइजीरिया को हराया, फिर हांगकांग को और फिर इंग्लैंड को हराकर चौथे राउंड में कोरिया के साथ उनका मुकाबला बराबरी पर छूटा. प्रियांशु यादव ने विश्व में चौथा और देश में पहला स्थान हासिल किया. भारतीय शिक्षा खेल परिषद के द्वारा आयोजित अंडर 18 फुटबॉल प्रतियोगिता में इमरान के द्वारा कोचिंग पाए 14 खिलाड़ियों ने उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया था. भोपाल में हुई इस प्रतियोगिता में यह खिलाड़ी फाइनल तक पहुंचे थे और अंतिम मुकाबला असम के साथ था, जिसमें यह रनर अप रहे थे.

भारतीय खेल एवं शिक्षा परिषद के द्वारा उनको राष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ियों को प्रतिभाग कराए जाने को लेकर संस्था के अध्यक्ष के द्वारा इंडियन स्पोर्ट्स अवार्ड 2019 से इमरान को सम्मानित भी किया जा चुका है. अपने वेतन के 50 फीसदी हिस्से से भविष्य के खिलाड़ियों की खेप तैयार करने में जुटे इमरान के बारे में बस यही कहा जा सकता है कि असल जिंदगी के रियल हीरो इमरान ही हैं और सलाम है उनके जज्बे को.

Intro:आशीष द्विवेदी
हरदोई up
9918740777,8115353000

स्लग-- असल जिंदगी का रियल हीरो है यह पुलिसकर्मी हर कोई इनके जज्बे को कर रहा है सलाम आप भी जाने

एंकर--आज हम आपको मिलवाने जा रहे हैं एक ऐसे पुलिसकर्मी से जो मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी ही नहीं करते बल्कि वह असल जिंदगी के भी रियल हीरो है।खेल के शौकीन पुलिसकर्मी इमरान यूं तो कांस्टेबल है लेकिन इन्होंने वह कर दिखाया है जो लोगों के लिए सपने सरीखा है।पिछले 5 वर्षों से इमरान फुटबॉल की नर्सरी तैयार कर रहे हैं आर्थिक रूप से पिछड़े हुए बच्चों को वह एक प्लेटफार्म देने का काम करते हैं।बच्चों को फुटबॉल की कोचिंग देने के साथ ही उनके संसाधन भी इमरान उन्हें निःशुल्क उपलब्ध कराते हैं और प्रतियोगिता के लिए बाहर जाने पर खिलाड़ियों का खर्चा भी उठाते हैं इसके लिए वह अपने वेतन का 50 फीसदी हिस्सा अपने क्लब के खिलाड़ियों पर खर्च करते हैं लिहाजा इमरान की कड़ी मेहनत का ही नतीजा है कि उनके द्वारा कोचिंग पाए खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है और इन खिलाड़ियों में खेल के प्रति भूख और जज्बा साफ नजर आता है उनके द्वारा तैयार की गई खिलाड़ियों की नर्सरी अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर छटा बिखेरने को बेताब है।


Body:vo-पुलिस लाइन के ग्राउंड में फुटबॉल खिलाड़ियों को वार्मअप कराते यह खेल प्रेमी इमरान खान है।जो एक कांस्टेबल के पद पर तैनात हैं और वर्तमान में सिटी मजिस्ट्रेट की सुरक्षा में इनकी तैनाती है।मूलतः गाजीपुर जिले के थाना दिलदारनगर के गांव बहुअरा के रहने वाले इमरान की तैनाती विगत सन 2008 में हरदोई जिले में हुई थी।खेल के प्रति इमरान को बेहद लगाव था लिहाजा सन 2014 में उन्होंने धर्म सुधा नामक क्लब की स्थापना की और फिर उसके बाद पुलिस लाइन और आसपास के रहने वाले आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को उन्होंने फुटबॉल ,किक बॉक्सिंग और फिजिकल ट्रेनिंग देनी पुलिस लाइन में शुरू कर दी और फिर शुरू हुआ भविष्य के खिलाड़ियों के निखारने का काम।इमरान ने अपने वेतन से क्लब के सभी खिलाड़ियों को उनकी जरूरत के मुताबिक संसाधन उपलब्ध कराएं।वह हर माह अपने वेतन का 50 फीसदी हिस्सा देश के भावी खिलाड़ियों को निखारने में लगाते हैं।

vo-इमरान की मेहनत का ही नतीजा है कि विगत 9 से 12 जनवरी के बीच कनाडा में हुई किक बॉक्सिंग प्रतियोगिता में भारत से गयी 5 टीमों में उनके द्वारा प्रशिक्षित प्रियांशु यादव ने 55 किलोग्राम भार में पहले नाइजीरिया को हराया फिर हांगकांग को और फिर इंग्लैंड को हराकर चौथे राउंड में कोरिया के साथ उनका मुकाबला बराबरी पर छूटा प्रियांशु यादव ने विश्व में चौथा और देश में पहला स्थान हासिल किया वहीं भारतीय शिक्षा खेल परिषद के द्वारा आयोजित अंडर 18 फुटबॉल प्रतियोगिता में इमरान के द्वारा कोचिंग पाए 14 खिलाड़ियों ने उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया था भोपाल में हुई इस प्रतियोगिता में यह खिलाड़ी फाइनल तक पहुंचे थे और अंतिम मुकाबला असम के साथ था जिसमें यह रनर रहे थे।


Conclusion:voc-वर्तमान में इमरान के धर्म सुधा क्लब में 46 खिलाड़ी मौजूद हैं जिन्हें इमरान कोचिंग दे रहे हैं इमरान बताते हैं की खिलाड़ियों को कोचिंग देने के साथ ही वह उनके संसाधन उन्हें निःशुल्क मुहैया कराते हैं और जब कभी कोई टीम मुकाबला खेलने जाती है तो आने जाने का खर्च भी इमरान अदा करते हैं इसके लिए इमरान अपनी पुलिस की नौकरी से मिलने वाले सरकारी वेतन का 50 फीसदी हिस्सा इन खिलाड़ियों पर खर्च करते हैं।इमरान के मुताबिक वह भविष्य के खिलाड़ियों को तैयार कर रहे हैं जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी छाप छोड़ रहे हैं आर्थिक विपन्नता प्रतिभाओं को उभरने नहीं देती लिहाजा खिलाड़ियों की मदद कर उन्हें ऐसा करके बहुत खुशी मिलती है।इमरान के इस काम और उनकी दरियादिली की सभी लोग जमकर प्रशंसा कर रहे हैं तो वहीं भारतीय खेल एवं शिक्षा परिषद के द्वारा उनको राष्ट्रीय स्तर पर खिलाड़ियों को प्रतिभाग कराए जाने को लेकर संस्था के अध्यक्ष के द्वारा इंडियन स्पोर्ट्स अवार्ड 2019 से इमरान को सम्मानित भी किया जा चुका है।अपने वेतन के 50 फीसदी हिस्से से भविष्य के खिलाड़ियों की खेप तैयार करने में जुटे इमरान के बारे में बस यही कहा जा सकता है कि असल जिंदगी के रियल हीरो इमरान ही हैं और सलाम है उनके जज्बे को।
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