हरदोई: जिले में पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर राष्ट्रीय नेतृत्व के आह्वान पर कांग्रेस पार्टी ने सरकार के खिलाफ विरोध जताया. कांग्रेस पार्टी का आरोप है कि भाजपा सरकार में लगातार पेट्रोलियम पदार्थों के मूल्य में इजाफा होता जा रहा है. जब भाजपा विपक्ष में थी, तब महंगाई को लेकर यह लोग विरोध करते थे, लेकिन अब सत्ता में आने के बाद इन्हें महंगाई नहीं दिखाई दे रही है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी की मांग है कि पेट्रोलियम पदार्थों के मूल्यों में कमी की जाए, ताकि लोगों तक आम जरूरत और रोजमर्रा की वस्तुएं पहुंच सके.
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि एक तरफ देश स्वास्थ्य और आर्थिक महामारी से लड़ रहा है, वहीं दूसरी ओर मोदी सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमतों को बार-बार बढ़ाकर इस मुश्किल वक्त में मुनाफाखोरी कर रही है. उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार सत्ता में थी, तो कच्चे तेल का दाम 108 अमेरिकी डालर प्रति बैरल था, जो 24 जून 2020 में 43.4 अमेरिकी डालर प्रति बैरल हो गया. यानी, इसके मूल्य में लगभग 60 प्रतिशत की गिरावट हुई. इसके बावजूद भाजपा सरकार ने पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान पर पहुंचा दिए हैं. राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन के माध्यम से कांग्रेस पार्टी ने मांग की है कि 5 मार्च 2020 के बाद पेट्रोल-डीजल के दाम और उत्पाद शुल्क में की गई सभी बढ़ोतरी को तत्काल वापस लिया जाए, ताकि इस मुश्किल समय में इसका फायदा देश के नागरिकों तक पहुंच सके.
सरकार से बढ़े दामों को वापस लेने की मांग
इस बारे में कांग्रेस जिलाध्यक्ष आशीष कुमार सिंह ने बताया कि पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि के कारण इसका बोझ देश की जनता पर पड़ रहा है. 2014 से पहले जब भाजपा विपक्ष में थी, तो महंगाई को लेकर विरोध करती थी, लेकिन अब सत्ता में आने के बाद इनको महंगाई दिखाई नहीं पड़ रही है. कांग्रेस पार्टी की मांग है कि पेट्रोलियम पदार्थों के मूल्यों में हो रही वृद्धि को वापस लिया जाए और लोगों को राहत दिलाई जाए, ताकि आमजन पर इसका बोझ न पड़े.