हरदोई: लॉकडाउन के कारण किसानों को काफी नुकसान हो रहा था, जिसको देखते हुए सरकार ने गेहूं की बिक्री का आदेश दे दिया था. सरकार किसानों से गेहूं खरीदने का दावा करती है, लेकिन असल में गेहूं खरीद में लाभ बिचौलियों को ही होता है. ऐसा ही एक मामला हरदोई जिले से सामने आया है, जब एक सरकारी गेहूं क्रय केंद्र पर केंद्र प्रभारी और बिचौलियों की मिलीभगत से सरकारी बोरियों में बिचौलियों का गेहूं भरकर ट्रक पर लादकर उसे सरकारी गोदाम में भेजा जा रहा था.
गेहूं क्रय केंद्र प्रभारी और बिचौलियों की मिलीभगत की सूचना किसी ने पुलिस-प्रशासन के अलावा लखनऊ तक के अधिकारियों को दे दी, जिसके बाद प्रशासन ने अधिकारियों को मौके पर भेजा. वहीं पुलिस को देख केंद्र प्रभारी और बिचौलिये ट्रक और गेहूं छोड़कर मौके से फरार हो गए. प्रशासन के निर्देश पर जिला विपणन अधिकारी ने गेहूं को अपने कब्जे में लेकर पूरे मामले में जांच करके रिपोर्ट देने को कहा है.
कोरोना संक्रमण काल में भी बिचौलिए किसानों का शोषण करने में जुटे हुए हैं. सरकार किसानों से गेहूं खरीद का दावा करती है, लेकिन असल में गेहूं खरीद में अधिकारियों और बिचौलियों की मनमानी ही चलती है. इसकी वजह से किसानों को सरकार की ओर से घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिल पाता है.
गेहूं क्रय केंद्र प्रभारी और बिचौलियों की मिलीभगत का यह मामला जिले की मंडी समिति में बने सरकारी गेहूं क्रय केंद्र का है. यहां पर रात के अंधेरे में गेहूं क्रय केंद्र के प्रभारी और बिचौलियों की मिलीभगत से सरकारी बोरियों में बिचौलियों का गेहूं भरकर सरकारी गोदामों में भेजने की तैयारी थी. इसी बीच किसी ने पूरे मामले की सूचना जिला प्रशासन को दी. इसके बाद जिला स्तर पर हड़कंप मच गया.
मौके पर पहुंची पुलिस अधिकारियों की टीम को भेजा गया, जिनको देखकर ट्रक ड्राइवर समेत सभी लोग मौके से फरार हो गए. वहीं पुलिस और विपणन अधिकारी ने सारे गेहूं को अपने कब्जे में ले लिया. वहीं प्रशासन ने पूरे मामले की जांच करके दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए हैं.
नवीन गल्ला मंडी में सरकारी क्रय केंद्र के प्रभारी की ओर से अनाधिकृत रूप से 356 बोरा गेहूं खरीदने की सूचना मिली थी. मामले में जिला विपणन अधिकारी को जांच के आदेश दिए गए हैं, जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. मामले की जांच अभी जारी है.
-जंग बहादुर, सिटी मजिस्ट्रेट