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हरदोई: ऐंबुलेंस चालक ने पेश की इंसानियत की मिशाल, खून देकर बचाई गर्भवती महिला की जान

जिला अस्पताल में एक ऐंबुलेंस चालक ने इलाज के लिए तड़प रही गर्भवती महिला की जान बचा ली. महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया है और वह दोनों स्वस्थ हैं. महिला के परिजनों ने उस शख्स का आभार जताया है.

एंबुलेंस चालक ने बचाई गर्भवती महिला की जान
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Published : May 5, 2019, 9:22 PM IST

हरदोई: रविवार को जिला अस्पताल में खून की कमी के चलते एक गर्भवती महिला का इलाज नहीं हो पा रहा था. उसकी हालत बेहद गंभीर थी. परिजनों का खून काम नहीं आ रहा था. पीड़िता दर्द से तड़प रही थी. तभी वहां ऐंबुलेंस लेकर एक युवक आया वह महिला की स्थिति को देखते हुए अपना खून देने के लिए तैयार हो गया. इस तरह से महिला की जान बच गई.

एंबुलेंस चालक ने बचाई गर्भवती महिला की जान

जानें पूरा मामला

  • कोतवाली हरपालपुर इलाके के एकनौरा गांव के रहने वाले कल्लू की पत्नी सोनी प्रसव पीड़ा से थी ग्रसित
  • परिजनों ने उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कराया भर्ती
  • डॉक्टरों ने स्थिति देखते हुए जिला महिला अस्पताल किया रेफर
  • यहां डॉक्टरों ने पीड़िता को बताई खून की कमी
  • महिला के पति और ससुर शारीरिक कमजोरी के चलते नहीं दे सके ब्लड
  • तभी अस्पताल में ऐंबुलेंस लेकर पहुंचा उपेंद्र सिंह
  • उसने महिला के परिवार को ढांढस बंधाया और ब्लड दे दिया

ऐंबुलेंस चालक के रक्तदान करने के बाद महिला के परिजन उसे शहर के एक शहर हॉस्पिटल में लेकर गए जहां चिकित्सकों ने महिला को ब्लड चढ़ाया. इसके बाद महिला ने एक स्वस्थ बालिका को जन्म दिया.


हम अपनी बहू को लेकर जिला महिला अस्पताल आए जहां चिकित्सकों ने इलाज से पहले ब्लड चढ़ाने के लिए कहा. डॉक्टरों ने शारीरिक कमजोरी के चलते हमारा ब्लड लेने से इनकार कर दिया. तब वहां उपेंद्र पहुंचे और उन्होंने अपना ब्लड दिया. अब जच्चा और बच्चा बिल्कुल स्वस्थ हैं.
हरिहरन, महिला का ससुर

हरदोई: रविवार को जिला अस्पताल में खून की कमी के चलते एक गर्भवती महिला का इलाज नहीं हो पा रहा था. उसकी हालत बेहद गंभीर थी. परिजनों का खून काम नहीं आ रहा था. पीड़िता दर्द से तड़प रही थी. तभी वहां ऐंबुलेंस लेकर एक युवक आया वह महिला की स्थिति को देखते हुए अपना खून देने के लिए तैयार हो गया. इस तरह से महिला की जान बच गई.

एंबुलेंस चालक ने बचाई गर्भवती महिला की जान

जानें पूरा मामला

  • कोतवाली हरपालपुर इलाके के एकनौरा गांव के रहने वाले कल्लू की पत्नी सोनी प्रसव पीड़ा से थी ग्रसित
  • परिजनों ने उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कराया भर्ती
  • डॉक्टरों ने स्थिति देखते हुए जिला महिला अस्पताल किया रेफर
  • यहां डॉक्टरों ने पीड़िता को बताई खून की कमी
  • महिला के पति और ससुर शारीरिक कमजोरी के चलते नहीं दे सके ब्लड
  • तभी अस्पताल में ऐंबुलेंस लेकर पहुंचा उपेंद्र सिंह
  • उसने महिला के परिवार को ढांढस बंधाया और ब्लड दे दिया

ऐंबुलेंस चालक के रक्तदान करने के बाद महिला के परिजन उसे शहर के एक शहर हॉस्पिटल में लेकर गए जहां चिकित्सकों ने महिला को ब्लड चढ़ाया. इसके बाद महिला ने एक स्वस्थ बालिका को जन्म दिया.


हम अपनी बहू को लेकर जिला महिला अस्पताल आए जहां चिकित्सकों ने इलाज से पहले ब्लड चढ़ाने के लिए कहा. डॉक्टरों ने शारीरिक कमजोरी के चलते हमारा ब्लड लेने से इनकार कर दिया. तब वहां उपेंद्र पहुंचे और उन्होंने अपना ब्लड दिया. अब जच्चा और बच्चा बिल्कुल स्वस्थ हैं.
हरिहरन, महिला का ससुर

Intro:आशीष द्विवेदी
हरदोई up
9918740777,8115353000

स्लग--एम्बुलेंस चालक ने पेश की इंसानियत की मिशाल रक्तदान कर बचाई गर्भवती महिला और बच्चे की जान

एंकर-- यूपी के हरदोई में एक एंबुलेंस चालक ने मानवता की मिसाल पेश की है दरअसल खून के अभाव में इलाज के लिए जूझ रही गर्भवती विवाहिता को जब परिजनों से भी खून मिलने का आसरा ना रहा तो तड़पती विवाहिता को देख कर एक एंबुलेंस चालक ने उसको खून देकर न सिर्फ उसकी जान बचाई बल्कि उसके पेट में पल रहे बच्चे की भी जान बचा ली एंबुलेंस चालक की इंसानियत की वजह से जच्चा और बच्चा दोनों सुरक्षित हैं और उनके परिवार वाले जी भर कर उसे दुआएं दे रहे हैं।


Body:vo- इंसानियत की मिसाल पेश करने की यह तस्वीरें उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के जिला महिला अस्पताल की है। जहां जनपद मैनपुरी के परसादपुर गांव के रहने वाले पेशे से एंबुलेंस चालक उपेंद्र सिंह ने इंसानियत की मिसाल पेश करते हुए एक जच्चा और बच्चा की जान बचाई है दरअसल कोतवाली हरपालपुर इलाके के एकनौरा गांव के रहने वाले कल्लू की पत्नी सोनी प्रसव पीड़ा से ग्रसित थी लिहाजा परिजन सोनी को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हरपालपुर ले गए जहां से उसे जिला महिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। महिला के ससुर हरिहर ने बताया कि वह अपनी बहू को लेकर जिला महिला अस्पताल पहुंचा यहां चिकित्सकों ने इलाज से पहले ब्लड चढ़ाने के लिए कहा क्योंकि शारीरिक रूप से कमजोर सोनी का पति कल्लू, ससुर हरिहर और सास की हालत ऐसी नहीं थी कि वह ब्लड डोनेट कर पाते लिहाजा जिला महिला अस्पताल में एंबुलेंस लेकर पहुंचे उपेंद्र सिंह ने जब रोते बिलखते परिवार को देखा तो उनकी इंसानियत जाग उठी उपेंद्र सिंह ने उस परिवार को ढांढस बंधाया और रक्तदान कर महिला और उसके बच्चे की जान बचाई। एंबुलेंस चालक के रक्तदान करने के बाद महिला के परिजन उसे शहर के एक शहर हॉस्पिटल में लेकर गए जहां चिकित्सकों ने महिला को ब्लड चढ़ाया और वहां महिला ने एक स्वस्थ बालिका को जन्म दिया एंबुलेंस चालक की इंसानियत से जच्चा और बच्चा दोनों की जान बच गई चिकित्सकों के मुताबिक जिस समय महिला अस्पताल में भर्ती हुई थी उस समय उसकी हालत काफी खराब थी लेकिन अब जच्चा और बच्चा दोनों की हालत ठीक है।

बाइट-- हरिहरन महिला का ससुर
बाइट-- उपेंद्र सिंह एंबुलेंस चालक
बाइट--डॉ अहमद चिकित्सक


Conclusion:voc- किसी की जान बचाना ही जिंदादिली और इंसानियत की सच्ची मिसाल है और ऐसी ही सच्ची इंसानियत की मिसाल पेश की है एंबुलेंस चालक उपेंद्र सिंह ने उपेंद्र की मानवता के इस कार्य से जहां पीड़ित परिवार जी भर कर दुआएं दे रहा है तो वहीं हर कोई उसकी इंसानियत को लेकर उसकी जमकर तारीफ कर रहा है।
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