हरदोई: जिले में हर वर्ष आयोजित होने वाले नुमाइश मेले का इतिहास करीब 112 साल पुराना है. इस मेले के शुरू होने से पहले रामलीला का आयोजन किया जाता है. इस दौरान जिले में गुरुवार को राम बारात भी निकाली गई. इस मेले में लगभग एक किलोमीटर तक 40 झांकियां निकाली गई. इस दौरान जनपदवासियों ने बारात का लुफ्त भी उठाया. इस राम बारात में राष्ट्रीय एकता व कौमी एकता को बढ़ावा देने वाली झांकियां भी देखने को मिली.
राम बारात में निकाली गई करीब 40 झांकियां
इस रामलीला का आयोजन मेला के अंत तक कराया जाता है. जिले में रामलीला शुरू होने से पूर्व राम बारात निकाली जाती है. इस राम बारात को शहर के बीचों बीच मुख्य चौराहों और रिहायशी इलाकों से होकर निकाला जाता है. इस राम बारात का इतिहास जितना पुराना है उतना ही अधिक पौराणिक भी है. जनपदवासियों में इस बारात को देखने की उत्सुकता भी हर वर्ष बनी रहती है. इस बार भी राम बारात में करीब 40 विशाल झांकियां निकली गईं.
राम बारात राष्ट्रीय एकता और कौमी एकता की मिसाल है
सभी देवी देवताओं को झांकियों के माध्यम से भगवान राम के बारातियों के रूप में प्रदर्शित किया गया. पौराणिक महत्व से हटकर ये राम बारात राष्ट्रीय एकता और कौमी एकता की मिसाल भी है. जिले के हिन्दू समाज के साथ ही मुस्लिम समाज के लोग भी इस बारात का स्वागत धूम-धाम से करते हैं. देवी देवताओं की झांकियों के साथ ही इस बारात में कुछ ऐसी झांकियों की झलक भी देखने को मिलीं, जिनसे राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा मिल सके. इन झांकियों में देश की शान कहे जाने वाले बहादुर आर्मी ऑफिसर अभिनंदन की झांकी भी देखने को मिली.
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रामलीला कमेटी के मुख्य संरक्षक राम प्रकाश शुक्ला ने जानकारी देते हुए बताया
जितना ऐतिहासिक व पौराणिक महत्व इस नुमाइश मेले और इसमें आयोजित होने वाली रामलीला का है, उतना ही महत्व जिले में इस मेले और रामलीला से पूर्व निकलने वाली राम बारात का भी है. 2 बजे नुमाइश मैदान से निकली इस राम बारात को रात 10 बजे कमेटी कार्यालय पर लाया गया. हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी भव्यता के साथ इस बारात का आयोजन किया गया. रामलीला कमेटी को पुलिस अमले का भी पूरा सहयोग मिला. वहीं जाम की समस्या न पैदा हो इसका भी खास ख्याल रखा गया.