हरदोई: अपराधियों के खिलाफ उत्तर प्रदेश पुलिस के ऑपरेशन क्लीन अभियान के अंतर्गत यूपी एसटीएफ की टीम को बड़ी सफलता हाथ लगी है. एसटीएफ टीम ने एक अवैध शस्त्र के कारोबार के बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ करते हुए अवैध शस्त्र के कारोबार के सरगना और सप्लायर समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इनके कब्जे से 23 अवैध पिस्टल और 23 मैगजीन बरामद की हैं. यह सभी अवैध पिस्टल मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के पहाड़ियों में बनाए जाने के बाद देश के विभिन्न इलाकों में बेची जाती थी.
- जनपद की संडीला कोतवाली पुलिस के कड़े पहरे में रखी सभी 23 पिस्टल और मैगजीन इन सभी आरोपियों के पास से यूपी एसटीएफ ने बरामद की हैं.
- आजमगढ़ जिले के सौरभ यादव, केहर यादव, सद्दाम और गौरव मिश्रा जबकि मध्य प्रदेश के बड़वानी जिले के आकाश को यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है
- यूपी एसटीएफ को अवैध असलहे के बड़े कारोबार की सूचना मिली थी, जिसके बाद यूपी एसटीएफ की टीम ने आरोपियों को पकड़ने के कार्रवाई की.
- पुलिस के मुताबिक आजमगढ़ जिले का सौरभ यादव अवैध शस्त्र कारोबार का सरगना है.
- पुलिस के मुताबिक मध्यप्रदेश के खरगोन जिले की पहाड़ियों में अवैध पिस्टलों का निर्माण किया जाता है.
- जहां से बड़वानी जिले का रहने वाला करतार इन असलहों की बिक्री करता है.
आजमगढ़ जिले का अवैध असलहा गिरोह का सरगना सौरभ यादव हरदोई के संडीला रेलवे स्टेशन पर साथियों के साथ असलहों की खेप लेने पहुंचा था. जहां पर मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले का आकाश असलहों को लेकर आया था. जैसे ही सौरभ यादव और उसके गिरोह के लोगों ने अवैध असलहों की सप्लाई अपने हाथ में ली. पुलिस ने सभी को मौके से गिरफ्तार कर लिया.
6 लोगों के खिलाफ अवैध शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज
पुलिस के मुताबिक इन लोगों ने काफी बड़ी संख्या में उत्तर प्रदेश सहित देश के कई इलाकों में इन पिस्टलों की बिक्री की है, जिनके बारे में पूछताछ की जा रही है. यूपी एसटीएफ की टीम की तहरीर पर संडीला कोतवाली इलाके में 6 लोगों के खिलाफ अवैध शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने इनमें से 5 लोगों को गिरफ्तार किया ह,. जबकि फरार करतार सिंह की गिरफ्तारी के लिए टीमें जुटी हुई हैं.
पूछताछ में इन्होंने बताया है कि खरगोन जिले में बनाई गई इन पिस्टलों को करतार सिंह अपने साथी आकाश के जरिए यूपी में भेजता था. जहां आजमगढ़ जिले का सौरभ यादव इन पिस्टलों को 12 हजार रुपये में खरीदकर अपने गिरोह के लोगों से 20 से 25 हजार में इनकी बिक्री कराता था.
आलोक प्रियदर्शी, पुलिस अधीक्षक