हापुड़: भ्रष्टाचार से लड़ाई को लेकर सुर्खियों में रहने वाले उत्तर प्रदेश के PCS अधिकारी रिंकू सिंह राही ने यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली है. रिंकू राही अपनी ईमानदार और तेज-तर्रार छवि के लिए चर्चित हैं. हापुड़ के समाज कल्याण अधिकारी और हापुड़ में राजकीय आईएएस पीसीएस कोचिंग सेंटर के डायरेक्टर रिंकू सिंह राही ने संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission) में 683वीं रैंक हासिल की. रिंकू सिंह राही ने पीसीएस अधिकारी रहते 13वें प्रयास में यूपीएससी क्लियर कर आईएएस बने.
रिंकू सिंह राही का जन्म हाथरस में हुआ था. इन्होंने इंटर तक की शिक्षा अलीगढ़ से की और आगे की पढ़ाई जमशेदपुर से की. 2004 में पीसीएस क्लियर कर 2008 में जिला समाज कल्याण अधिकारी (District Social Welfare Officer) के पद पर तैनात हुए. जिला समाज कल्याण अधिकारी के पद पर सबसे पहले इनकी पोस्टिंग मुजफ्फरनगर में हुई.
मुज्जफरनगर में पोस्टिंग के दौरान उन्होंने स्कॉलरशिप और पेंशन में भष्टाचार का खुलासा किया. सपा सरकार के कार्यकाल में 26 मार्च 2009 को वह एक सहकर्मी के साथ बैडमिंटन खेल रहे थे तो उन पर दो हमलावरों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं. रिंकू राही को सात गोलियां लगीं, जिनमें से दो उनके चेहरे पर लगी. उनका जबड़ा बाहर आ गया और चेहरा बिगड़ गया. इसके साथ ही एक कान खराब हो गया और एक आंख की रोशनी चली गई. इस हमले के बाद रिंकू को हायर सेंटर मेरठ ले जाया गया. करीब एक महीने सुभारती मेडिकल कॉलेज (Subharti Medical College) मेरठ में भर्ती रहे. कई ऑपरेशन के बाद वह ठीक होकर लौटे.
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इसके बाद घोटाला का खुलासा के लिए रिंकू ने RTI के तहत विभाग से कुछ सूचनाएं मांगी थीं. लेकिन एक साल का समय दिए जाने के बावजूद उन्हें सूचनाएं नहीं दी गईं. इस पर 26 मार्च 2012 को रिंकू राही ने लखनऊ निदेशालय के बाहर अनशन शुरू कर दिया. पुलिस ने रिंकू राही को वहां से उठाकर मेंटल हास्पिटल लखनऊ भेज दिया था.
इसके बाद रिंकू सिंह राही लखनऊ, अलीगढ़, भदोही, श्रावस्ती, ललितपुर में तैनात रहे. 2019 में जनपद हापुड़ के निजामपुर में स्थित राजकीय आईएएस पीसीएस कोचिंग सेंटर पर बतौर केंद्र प्रभारी इनकी तैनाती हुई. अपनी तैनाती के बाद करीब 300 से ज्यादा बच्चे को इन्होंने ईसीएस और यूपी पीसीएस के इंटरव्यू परीक्षा में उत्तीर्ण कराए. आईएस परीक्षा उत्तीर्ण करने से पहले ही इनका यहां से बलिया ट्रांसफर हो चुका था. 2021 लोक सेवा आयोग में चयनित होने के बाद रिंकू सिंह राही ने इसका सारा श्रेय अपने माता-पिता गुरुजनों को दिया है. उनका कहना है कि अगर सोच पॉजिटिव है तो आप किसी भी परीक्षा में उत्तीर्ण हो सकते हैं.
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