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हमीरपुर: खतरे के निशान के ऊपर बह रही यमुना-बेतवा नदी, दर्जनों घर तबाह - बाढ़ की चपेट में हमीरपुर

उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में यमुना नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. इसकी चपेट में आए दर्जनों गांव में पानी भर गया है और सैकड़ों एकड़ फसल भी पानी में डूब गई है.

गांव में भरा बाढ़ का पानी
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Published : Sep 15, 2019, 5:04 PM IST

हमीरपुर : जनपद में यमुना और बेतवा नदियां खतरे के निशान को पार कर गई हैं. इससे ग्रामीणों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. बाढ़ की चपेट में आने से दर्जनों कच्चे मकान तबाह हो गए हैं. वहीं मवेशियों को भी भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. बाढ़ की चपेट में आए निचले इलाकों में रहने वाले लोगों में जिला प्रशासन के प्रति रोष है.

खतरे के निशान के ऊपर बह रही यमुना.

बाढ़ ने बढ़ाई मुश्किल

  • बेतवा और यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से घाटों के किनारे बसे घरों में पानी भर गया है.
  • टिकरौली मार्ग में पानी भर जाने के कारण कई गांवों का संपर्क भी कट गया है.
  • नदी का जलस्तर बढ़ने से टिकुली, देवगांव, बड़ागांव और पत्यौरा गांव बाढ़ की चपेट में हैं.
  • प्रशासन की अव्यवस्था से गांव वालों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है.
  • इससे गांव वालों में प्रशासन के प्रति भारी आक्रोश है.
  • वहीं जिला प्रशासन स्थिति सामान्य होने का दावा कर रहा है.

इसे भी पढ़ें - कोटा में बाढ़ के हालात, सेना और NDRF के जवानों ने संभाला मोर्चा

ग्रामीणों का है ये कहना
कुछेछा निवासी धीरेंद्र सिंह बताते हैं कि शनिवार रात बेतवा नदी में अचानक पानी तेजी से बढ़ने लगा और उनका घर पानी की चपेट में आ गया. वे बताते हैं कि वह अपने घर का सामान भी नहीं निकाल पाए और उनके पूरे घर में पानी भर गया. धीरेंद्र कहते हैं कि उनकी कई बीघे की फसल भी चौपट हो गई है जिससे उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

बेतवा और यमुना दोनों नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं लेकिन अब बेतवा नदी के जलस्तर में धीरे-धीरे स्थिरता आ रही है. वहीं यमुना नदी के जलस्तर में भी शाम तक स्थिरता आने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के तमाम अधिकारी बाढ़ पर पैनी नजर बनाए हुए हैं. कुछेक स्थानों पर बाढ़ से नुकसान हुआ है.
-विनय प्रकाश श्रीवास्तव, अपर जिलाधिकारी

हमीरपुर : जनपद में यमुना और बेतवा नदियां खतरे के निशान को पार कर गई हैं. इससे ग्रामीणों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है. बाढ़ की चपेट में आने से दर्जनों कच्चे मकान तबाह हो गए हैं. वहीं मवेशियों को भी भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. बाढ़ की चपेट में आए निचले इलाकों में रहने वाले लोगों में जिला प्रशासन के प्रति रोष है.

खतरे के निशान के ऊपर बह रही यमुना.

बाढ़ ने बढ़ाई मुश्किल

  • बेतवा और यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने से घाटों के किनारे बसे घरों में पानी भर गया है.
  • टिकरौली मार्ग में पानी भर जाने के कारण कई गांवों का संपर्क भी कट गया है.
  • नदी का जलस्तर बढ़ने से टिकुली, देवगांव, बड़ागांव और पत्यौरा गांव बाढ़ की चपेट में हैं.
  • प्रशासन की अव्यवस्था से गांव वालों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है.
  • इससे गांव वालों में प्रशासन के प्रति भारी आक्रोश है.
  • वहीं जिला प्रशासन स्थिति सामान्य होने का दावा कर रहा है.

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ग्रामीणों का है ये कहना
कुछेछा निवासी धीरेंद्र सिंह बताते हैं कि शनिवार रात बेतवा नदी में अचानक पानी तेजी से बढ़ने लगा और उनका घर पानी की चपेट में आ गया. वे बताते हैं कि वह अपने घर का सामान भी नहीं निकाल पाए और उनके पूरे घर में पानी भर गया. धीरेंद्र कहते हैं कि उनकी कई बीघे की फसल भी चौपट हो गई है जिससे उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

बेतवा और यमुना दोनों नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं लेकिन अब बेतवा नदी के जलस्तर में धीरे-धीरे स्थिरता आ रही है. वहीं यमुना नदी के जलस्तर में भी शाम तक स्थिरता आने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के तमाम अधिकारी बाढ़ पर पैनी नजर बनाए हुए हैं. कुछेक स्थानों पर बाढ़ से नुकसान हुआ है.
-विनय प्रकाश श्रीवास्तव, अपर जिलाधिकारी

Intro:खतरे के निशान के ऊपर बह रही यमुना बेतवा, दर्जनों घर तबाह

हमीरपुर। ज़िले में यमुना और बेतवा नदियां खतरे के निशान को  पार  कर गई हैं। जिसकी चपेट में आए दर्जनों गांव में पानी भर गया है व सैकड़ों एकड़ फसल भी पानी में डूब गई है। टिकरौली मार्ग में पानी भर जाने के कारण दो दर्जन से अधिक गांवों का संपर्क भी कट गया है। बाढ़ की चपेट में आने से दर्जनों कच्चे मकान तबाह हो गए हैं वहीं मवेशियों को भी भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बाढ़ की चपेट में आए निचले इलाकों में रहने वाले लोगों में जिला प्रशासन के प्रति रोष है। वहीं जिला प्रशासन स्थिति सामान्य होने का दावा कर रहा है।


Body:पुराना बेतवा घाट व जमुना घाट के किनारे बसे घरों में पानी भर गया है जिससे आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। वहीं राठ रोड के दोनों तरफ पानी भर जाने से लोगों ने सड़क पर डेरा जमा लिया है। टिकुली, देवगांव बड़ागांव एवं पत्यौरा गांव भी बाढ़ की चपेट में है। कुछेछा निवासी धीरेंद्र सिंह बताते हैं कि शनिवार रात बेतवा नदी में अचानक पानी तेजी से बढ़ने लगा और उनका घर पानी की चपेट में आ गया। वे बताते हैं कि वह अपने घर का सामान भी नहीं निकाल पाए और उनके पूरे घर में पानी भर गया। धीरेंद्र कहते हैं कि उनकी कई बीघे फसल भी चौपट हो गई है जिससे उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है।


Conclusion:लेकिन जिला प्रशासन की तरफ से अभी तक उन्हें कोई भी मदद मुहैया नहीं कराई गई है। वहीं पर जिलाधिकारी विनय प्रकाश श्रीवास्तव का कहना है कि बेतवा और यमुना दोनों नदियां खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं लेकिन अब बेतवा नदी के जलस्तर में धीरे-धीरे स्थिरता आ रही है। वहीं यमुना नदी के जलस्तर में भी शाम तक स्थिरता आने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के तमाम अधिकारी बाढ़ पर पैनी नजर बनाए हुए हैं कुछेक स्थानों पर बाढ़ से नुकसान हुआ है। बताते चलें कि इस साल बुंदेलखंड में औसत से कम बारिश हुई है, पर बांधों से पानी छोड़े जाने से इन दोनों नदियों में तीसरी बार बाढ़ आई है। यमुना नदी में कोटा बैराज से पानी छोड़ा गया है जबकि बेतवा नदी में माताटीला बांध से 8 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया है जिससे दोनों नदियों का पानी तबाही मचा रहा है।

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नोट : पहली बाइट स्थानीय निवासी धीरेंद्र सिंह की है एवं दूसरी बाइट अपर जिलाधिकारी विनय प्रकाश श्रीवास्तव की


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