हमीरपुर : पड़ोसी राज्यों में हो रही झमाझम बारिश का असर हमीरपुर में भी दिखाई देने लगा है. यहां यमुना और बेतवा नदी उफान पर हैं, जिसकी चपेट में अभी तक कई गांव हैं और हजारों बीघा फसल भी जलमग्न हो गई है. गुरुवार को माताटीला बांध से पानी छोड़े जाने के बाद हालात धीरे-धीरे विकराल होते चले जा रहे हैं, स्थिति यह है कि यमुना और बेतवा नदी खतरे के निशान के बेहद करीब पहुंच गई हैं. निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घुसने से लोग खुले में गुजर-बसर करने को मजबूर हैं.
यमुना और बेतवा का जलस्तर बढ़ा
- यमुना और बेतवा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा, जिससे कई गांव बाढ़ की चपेट में हैं.
- निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घुसने से लोग खुले में गुजर-बसर करने को मजबूर हैं.
- बाढ़ की चपेट में आई हजारों बीघा फसल जलमग्न हो गई है, जिससे ग्रामीणों के सामने रोजी रोटी का संकट भी खड़ा हो गया है.
- बाढ़ पीड़ितों को जिला प्रशासन की ओर से राहत एवं बचाव की पहल न किए जाने से ग्रामीणों में नाराजगी है.
- बाढ़ की भयावह स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन सब कुछ चाक-चौबंद होने का दावा कर रहा है.
ग्रामीणों ने सुनाई आपबीती
- कलौलीतीर गांव निवासी दुर्गेश कहते हैं कि घर में बाढ़ का पानी घुस जाने से सभी लोग सड़क पर खुले में गुजर-बसर करने को मजबूर हैं.
- जिला प्रशासन के अधिकारियों के कान में अभी तक जूं तक नहीं रेंगी, कोई भी जिम्मेदार अधिकारी उनकी सुध लेने तक नहीं आया.
बीते गुरुवार को माताटीला बांध से चार लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जिसके बाद यमुना का जलस्तर बढ़कर 103.510 मीटर तथा बेतवा का जलस्तर 103.690 मीटर पर पहुंच गया है, जो कि खतरे के निशान से कुछ ही सेंटीमीटर कम है. आशंका जताई जा रही है यदि दोनों नदियां खतरे के निशान को पार करती हैं तो निचले इलाकों में बसे लगभग 80 गांव प्रभावित होंगे.
माताटीला बांध से पानी छोड़े जाने के चलते यमुना और बेतवा नदी का जलस्तर बढ़ा है, लेकिन स्थिति नियंत्रण में है. सभी बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है. साथ ही बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए एनडीआरएफ की टीम से भी संपर्क किया जा रहा है.
-विनय प्रकाश श्रीवास्तव, अपर जिलाधिकारी