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हमीरपुर : घरों में घुसा बेतवा का पानी, खुले में गुजर-बसर करने को मजबूर ग्रामीण

उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में यमुना और बेतवा नदियों के उफान ने तटीय इलाकों में दहशत पैदा कर दी है. गुरुवार को बेतवा नदी में माताटीला बांध से छोड़े गए चार लाख क्यूसेक पानी के चलते कई गांवों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा.

यमुना और बेतवा का जलस्तर बढ़ा.
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Published : Sep 14, 2019, 9:30 PM IST

हमीरपुर : पड़ोसी राज्यों में हो रही झमाझम बारिश का असर हमीरपुर में भी दिखाई देने लगा है. यहां यमुना और बेतवा नदी उफान पर हैं, जिसकी चपेट में अभी तक कई गांव हैं और हजारों बीघा फसल भी जलमग्न हो गई है. गुरुवार को माताटीला बांध से पानी छोड़े जाने के बाद हालात धीरे-धीरे विकराल होते चले जा रहे हैं, स्थिति यह है कि यमुना और बेतवा नदी खतरे के निशान के बेहद करीब पहुंच गई हैं. निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घुसने से लोग खुले में गुजर-बसर करने को मजबूर हैं.

यमुना और बेतवा का जलस्तर बढ़ा.

यमुना और बेतवा का जलस्तर बढ़ा

  • यमुना और बेतवा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा, जिससे कई गांव बाढ़ की चपेट में हैं.
  • निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घुसने से लोग खुले में गुजर-बसर करने को मजबूर हैं.
  • बाढ़ की चपेट में आई हजारों बीघा फसल जलमग्न हो गई है, जिससे ग्रामीणों के सामने रोजी रोटी का संकट भी खड़ा हो गया है.
  • बाढ़ पीड़ितों को जिला प्रशासन की ओर से राहत एवं बचाव की पहल न किए जाने से ग्रामीणों में नाराजगी है.
  • बाढ़ की भयावह स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन सब कुछ चाक-चौबंद होने का दावा कर रहा है.

ग्रामीणों ने सुनाई आपबीती

  • कलौलीतीर गांव निवासी दुर्गेश कहते हैं कि घर में बाढ़ का पानी घुस जाने से सभी लोग सड़क पर खुले में गुजर-बसर करने को मजबूर हैं.
  • जिला प्रशासन के अधिकारियों के कान में अभी तक जूं तक नहीं रेंगी, कोई भी जिम्मेदार अधिकारी उनकी सुध लेने तक नहीं आया.

बीते गुरुवार को माताटीला बांध से चार लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जिसके बाद यमुना का जलस्तर बढ़कर 103.510 मीटर तथा बेतवा का जलस्तर 103.690 मीटर पर पहुंच गया है, जो कि खतरे के निशान से कुछ ही सेंटीमीटर कम है. आशंका जताई जा रही है यदि दोनों नदियां खतरे के निशान को पार करती हैं तो निचले इलाकों में बसे लगभग 80 गांव प्रभावित होंगे.

माताटीला बांध से पानी छोड़े जाने के चलते यमुना और बेतवा नदी का जलस्तर बढ़ा है, लेकिन स्थिति नियंत्रण में है. सभी बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है. साथ ही बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए एनडीआरएफ की टीम से भी संपर्क किया जा रहा है.
-विनय प्रकाश श्रीवास्तव, अपर जिलाधिकारी

हमीरपुर : पड़ोसी राज्यों में हो रही झमाझम बारिश का असर हमीरपुर में भी दिखाई देने लगा है. यहां यमुना और बेतवा नदी उफान पर हैं, जिसकी चपेट में अभी तक कई गांव हैं और हजारों बीघा फसल भी जलमग्न हो गई है. गुरुवार को माताटीला बांध से पानी छोड़े जाने के बाद हालात धीरे-धीरे विकराल होते चले जा रहे हैं, स्थिति यह है कि यमुना और बेतवा नदी खतरे के निशान के बेहद करीब पहुंच गई हैं. निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घुसने से लोग खुले में गुजर-बसर करने को मजबूर हैं.

यमुना और बेतवा का जलस्तर बढ़ा.

यमुना और बेतवा का जलस्तर बढ़ा

  • यमुना और बेतवा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा, जिससे कई गांव बाढ़ की चपेट में हैं.
  • निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घुसने से लोग खुले में गुजर-बसर करने को मजबूर हैं.
  • बाढ़ की चपेट में आई हजारों बीघा फसल जलमग्न हो गई है, जिससे ग्रामीणों के सामने रोजी रोटी का संकट भी खड़ा हो गया है.
  • बाढ़ पीड़ितों को जिला प्रशासन की ओर से राहत एवं बचाव की पहल न किए जाने से ग्रामीणों में नाराजगी है.
  • बाढ़ की भयावह स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन सब कुछ चाक-चौबंद होने का दावा कर रहा है.

ग्रामीणों ने सुनाई आपबीती

  • कलौलीतीर गांव निवासी दुर्गेश कहते हैं कि घर में बाढ़ का पानी घुस जाने से सभी लोग सड़क पर खुले में गुजर-बसर करने को मजबूर हैं.
  • जिला प्रशासन के अधिकारियों के कान में अभी तक जूं तक नहीं रेंगी, कोई भी जिम्मेदार अधिकारी उनकी सुध लेने तक नहीं आया.

बीते गुरुवार को माताटीला बांध से चार लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था, जिसके बाद यमुना का जलस्तर बढ़कर 103.510 मीटर तथा बेतवा का जलस्तर 103.690 मीटर पर पहुंच गया है, जो कि खतरे के निशान से कुछ ही सेंटीमीटर कम है. आशंका जताई जा रही है यदि दोनों नदियां खतरे के निशान को पार करती हैं तो निचले इलाकों में बसे लगभग 80 गांव प्रभावित होंगे.

माताटीला बांध से पानी छोड़े जाने के चलते यमुना और बेतवा नदी का जलस्तर बढ़ा है, लेकिन स्थिति नियंत्रण में है. सभी बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है. साथ ही बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए एनडीआरएफ की टीम से भी संपर्क किया जा रहा है.
-विनय प्रकाश श्रीवास्तव, अपर जिलाधिकारी

Intro:सैकड़ों घरों में घुसा बेतवा का पानी, खुले में गुजर-बसर करने को मजबूर

हमीरपुर। पड़ोसी राज्यों में हो रही झमाझम बारिश का असर हमीरपुर में भी दिखाई देने लगा है। यहां यमुना और बेतवा नदी उफान पर हैं जिसकी चपेट में अभी तक सैकड़ों घर आ चुके हैं एवं सैकड़ों बीघा फसल भी जलमग्न हो गई है। गुरुवार को माताटीला बांध से पानी छोड़े जाने के बाद हालात धीरे-धीरे विकराल होते चले जा रहे हैं स्थिति यह है कि यमुना और बेतवा नदी खतरे के निशान के बेहद करीब पहुंच गई हैं। निचले इलाकों में बाढ़ का पानी घुसने से सैकड़ों लोग खुले में गुजर-बसर करने को मजबूर हैं। बाढ़ की चपेट में आई सैकड़ों बीघा फसल भी जल मग्न हो गई है जिससे ग्रामीणों के सामने रोजी रोटी का संकट भी खड़ा हो गया है। बाढ़ के खतरे के बीच जिला प्रशासन की ओर से राहत एवं बचाव की पहल ना किए जाने से ग्रामीणों में नाराजगी है वहीं जिला प्रशासन सब कुछ चाक-चौबंद होने का दावा कर रहा है।


Body:कलौलीतीर गांव निवासी दुर्गेश बताते हैं कि बेतवा नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। हालात यह हो गए हैं कि नदी का पानी उनके कच्चे घरों में घुस गया है एवं इलाके की सैकड़ों बीघा फसल भी बाढ़ के पानी की चपेट में आ गई है। दुर्गेश कहते हैं कि घर में बाढ़ का पानी घुस जाने से सभी लोग सड़क पर खुले में गुजर-बसर करने को मजबूर हैं। लेकिन जिला प्रशासन के अधिकारियों की कान में अभी तक जूं तक नहीं रेंगा है। वे बताते हैं कि नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है लेकिन अभी तक जिला प्रशासन से जुड़ा कोई भी जिम्मेदार अधिकारी उनकी सुध लेने तक नहीं आया है। गिरजा शंकर बताते हैं कि बाढ़ की चपेट में उनकी भारी मशक्कत से उगाई हुई फसल चपेट में आ गई है जिससे उनके सामने मुश्किलों का अंबार खड़ा हो गया है।


Conclusion:वहीं अपर जिलाधिकारी विनय प्रकाश श्रीवास्तव हकीकत से उलट सब कुछ चाक-चौबंद होने का दावा कर रहे हैं। वे बताते हैं कि माताटीला बांध से पानी छोड़े जाने के चलते यमुना और बेतवा नदी का जलस्तर बढ़ा है लेकिन स्थिति नियंत्रण में है। सभी बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है साथ ही बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए एनडीआरएफ की टीम से भी संपर्क किया जा रहा है। बताते चलें कि गुरुवार को माताटीला बांध से चार लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था जिसके बाद यमुना का जलस्तर बढ़कर 103.510 मीटर तथा बेतवा का जलस्तर 103.690 मीटर पर पहुंच गया है। जो कि खतरे के निशान से कुछ ही सेंटीमीटर कम है। आशंका जताई जा रही है यदि दोनों नदियां खतरे के निशान को पार करती है तो निचले इलाकों में बसे लगभग 80 गांव प्रभावित होंगे।

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नोट : पहली बाइट दुर्गेश की, दूसरी बाइट गिरिजाशंकर की एवं तीसरी बाइट अपर जिला अधिकारी विनय प्रकाश श्रीवास्तव की है।
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