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हमीरपुर: चुनाव आयोग की नई पहल, उपचुनाव में क्यूआर कोड वाली पर्ची से मतदान

उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में सदर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में मतदान के लिए इस बार साधारण मतदान पर्ची के बजाय क्यूआर कोड मतदाता पर्ची से मतदान कराया गया. चुनाव आयोग की इस नई पहल से मतदाताओं को सहूलियत हुई.

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Published : Sep 23, 2019, 7:39 PM IST

उपचुनाव में क्यूआर कोड वाली पर्ची से मतदान हुआ.

हमीरपुर: हमीरपुर सदर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के लिए मतदान में चुनाव आयोग ने अबकी बार एक नई पहल की. चुनाव आयोग ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत विधानसभा क्षेत्र के 476 पोलिंग बूथों में से 5 बूथों पर साधारण मतदान पर्ची के बजाय क्यूआर कोड मतदाता पर्ची से मतदान कराया. चुनाव आयोग की इस पहल से मतदाताओं को खासा सहूलियत हुई.

जानकारी देते मतदान कर्मी.

स्कैन करते ही मतदाता विवरण आता है स्क्रीन पर
मतदान कर्मी अनिरुद्ध ने बताया कि बिना इंटरनेट के चलने वाले एंड्रायड फोन पर ऐप के माध्यम से मतदाता की क्यूआर कोड पर्ची को स्कैन करते ही मतदाता का सारा विवरण स्क्रीन पर आ जाता है, जिससे मतदान की प्रक्रिया में तेजी आई. उन्होंने बताया कि इस ऐप के माध्यम से फर्जी वोटिंग पर भी लगाम लगाई जा सकती है.

क्यूआर कोड मतदाता पर्चियों से मतदान में सहूलियत
मतदाता अविरल ने बताया कि क्यूआर कोड वाली मतदाता पर्चियों से उन्हें मतदान करने में बहुत सहूलियत हुई. बीएलओ और मतदान कर्मी द्वारा बटन दबाते ही उनकी सारी जानकारी मोबाइल पर दिखने लगी, जिसके बाद उन्होंने अपने मताधिकार का प्रयोग किया.

पढ़ेंः हमीरपुर: उपचुनाव में नियमों की खुलेआम उड़ रही धज्जियां, प्रशासन बेखबर

चुनाव आयोग कर सकता है पूरे देश में लागू
पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर जिले के 5 बूथों में क्यूआर कोड वाली पर्चिओं से मतदान कराया गया. जानकार बताते हैं कि यह प्रयोग सफल होने पर चुनाव आयोग इस व्यवस्था को पूरे देश में लागू कर सकता है. जिसके बाद मतदाता चुनाव आयोग द्वारा उपलब्ध कराए गए ऐप के माध्यम से घर बैठे अपने पोलिंग बूथ पर डाले गए वोटों की जानकारी प्राप्त कर सकता है.

हमीरपुर: हमीरपुर सदर विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव के लिए मतदान में चुनाव आयोग ने अबकी बार एक नई पहल की. चुनाव आयोग ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत विधानसभा क्षेत्र के 476 पोलिंग बूथों में से 5 बूथों पर साधारण मतदान पर्ची के बजाय क्यूआर कोड मतदाता पर्ची से मतदान कराया. चुनाव आयोग की इस पहल से मतदाताओं को खासा सहूलियत हुई.

जानकारी देते मतदान कर्मी.

स्कैन करते ही मतदाता विवरण आता है स्क्रीन पर
मतदान कर्मी अनिरुद्ध ने बताया कि बिना इंटरनेट के चलने वाले एंड्रायड फोन पर ऐप के माध्यम से मतदाता की क्यूआर कोड पर्ची को स्कैन करते ही मतदाता का सारा विवरण स्क्रीन पर आ जाता है, जिससे मतदान की प्रक्रिया में तेजी आई. उन्होंने बताया कि इस ऐप के माध्यम से फर्जी वोटिंग पर भी लगाम लगाई जा सकती है.

क्यूआर कोड मतदाता पर्चियों से मतदान में सहूलियत
मतदाता अविरल ने बताया कि क्यूआर कोड वाली मतदाता पर्चियों से उन्हें मतदान करने में बहुत सहूलियत हुई. बीएलओ और मतदान कर्मी द्वारा बटन दबाते ही उनकी सारी जानकारी मोबाइल पर दिखने लगी, जिसके बाद उन्होंने अपने मताधिकार का प्रयोग किया.

पढ़ेंः हमीरपुर: उपचुनाव में नियमों की खुलेआम उड़ रही धज्जियां, प्रशासन बेखबर

चुनाव आयोग कर सकता है पूरे देश में लागू
पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर जिले के 5 बूथों में क्यूआर कोड वाली पर्चिओं से मतदान कराया गया. जानकार बताते हैं कि यह प्रयोग सफल होने पर चुनाव आयोग इस व्यवस्था को पूरे देश में लागू कर सकता है. जिसके बाद मतदाता चुनाव आयोग द्वारा उपलब्ध कराए गए ऐप के माध्यम से घर बैठे अपने पोलिंग बूथ पर डाले गए वोटों की जानकारी प्राप्त कर सकता है.

Intro: क्यूआर कोड मतदान पर्चियों से मतदाताओं को हुई सहूलियत, नहीं लगानी पड़ी लाइन

हमीरपुर। हमीरपुर सदर विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए मतदान में चुनाव आयोग ने अब की बार एक नई पहल की है। चुनाव आयोग ने पायलट स्टडी के तहत विधानसभा क्षेत्र के 476 पोलिंग बूथों में से 5 बूथों पर साधारण मतदान पर्ची के बजाय क्यूआर कोड मतदाता पर्ची से मतदान कराया। चुनाव आयोग की इस पहल से मतदाताओं को खासा सहूलियत हुई है। मतदाताओं का कहना है कि क्यूआर कोड स्कैन करते ही स्क्रीन पर मतदाता की सारी जानकारी आ जाती है, जिस कारण वोटर लिस्ट में मतदाता का नाम ढूंढने में लगने वाला समय बच जाता है और मतदान करने के लिए लोगों को लाइन में नहीं खड़ा रहना पड़ता।


Body:मतदान कार्मिक अनिरुद्ध बताते हैं कि बिना इंटरनेट के चलने वाले एंड्राइड फोन पर ऐप के माध्यम से मतदाता की क्यूआर कोड पर्ची को स्कैन करते ही मतदाता का सारा विवरण स्क्रीन पर आ जाता है जिससे मतदान की प्रक्रिया में तेजी आ गई है उन्होंने बताया कि इस ऐप के माध्यम से फर्जी वोटिंग पर भी लगाम लगाई जा सकती है। अपने मताधिकार का प्रयोग करने आए अविरल बताते हैं कि क्यू आर कोड वाली मतदाता पर्चियों से उन्हें मतदान करने में बहुत सहूलियत हुई। बीएलओ व मतदान कार्मिक द्वारा बटन दबाते ही उनकी सारी जानकारी मोबाइल पर देखने लगी जिसके बाद उन्होंने अपने मताधिकार का प्रयोग किया।


Conclusion:बताते चलें कि पायलट स्टडी के तौर पर जिले के 5 बूथों में क्यूआर कोड वाली पर्चिओं से मतदान कराया जा रहा है।जानकार बताते हैं कि यह प्रयोग सफल होने पर चुनाव आयोग इस व्यवस्था को पूरे देश में लागू कर सकता है। जिसके बाद मतदाता चुनाव आयोग द्वारा उपलब्ध कराए गए ऐप के माध्यम से घर बैठे अपने पोलिंग बूथ पर डाले गए वोटों की जानकारी प्राप्त कर सकता है।

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नोट : पहली बाइट मतदान कार्मिक अनिरुद्ध की व दूसरी बाइट मतदाता अविरल की है।
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