हमीरपुर: बुंदेलखंड में पेयजल संकट गहराता जा रहा है. हमीरपुर जिले में हालात इतने बदतर हो चुके हैं कि पानी की मांग को लेकर बीते चार दिनों से लोग आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं. बुंदेलखंड नवनिर्माण सेना के बैनर तले आमरण अनशन पर बैठे लोगों का कहना है कि जब तक जिला प्रशासन उन्हें शुद्ध पेयजल की व्यवस्था नहीं करता, उनका अनशन जारी रहेगा.
पानी की समस्या से जूझ रहे हैं लोग
- तमाम कोशिशों के बाद भी हमीरपुर में पेयजल संकट का कोई समाधान नहीं हो सका है.
- इस समस्या से आक्रोशित लोगों ने अब आमरण अनशन पर बैठने का फैसला किया है.
- लगभग एक दर्जन लोग जिले के मौदहा तहसील परिसर में पांच दिनों से अनशन पर बैठे हैं.
- लोगों की मांग है कि मौदहा ब्लाक क्षेत्र के गांवों में भीषण पेयजल संकट की उचित व्यवस्था की जाए.
अनशन पर बैठे बुंदेलखंड निर्माण सेना के अध्यक्ष विनय तिवारी ने बताया कि मौदहा ब्लाक के छानी, बक्छा, सायर और गुसियारी सहित दर्जनों गावों में भीषण जल संकट है. छानी और बक्छा गांव के लोग कैन और नदी का प्रदूषित पानी पीने को मजबूर हैं. बड़ी आबादी वाले इस गांव के लोग भी गांव के बाहर बने इकलौते कुंए के भरोसे जी रहे हैं.
यहां के लोग सुबह से ही नदी पर पहुंच जाते हैं और बैल गाड़ियों से पानी लेकर आते हैं. वहीं सायर गांव में भी लोग दूर दराज से पानी लाने को मजबूर हैं. कुछ ऐसा ही हाल गुसियारी गांव का भी है.-विनय तिवारी, (अध्यक्ष, बुंदेलखंड नवनिर्माण सेना)
जिला प्रशासन द्वारा सभी तालाब भरवाए जा रहे हैं. जहां पर जल संकट है वहां टैंकरों से सप्लाई सुनिश्चित की जा रही है. पेयजल की समस्या को दूर करने के प्रशासन जल्द से जल्द प्रयास कर रहा है.
-राम कुमार सिंह, (मुख्य विकास अधिकारी )