हमीरपुर: जिले में रविवार देर शाम मुख्यालय के चौरा देवी मंदिर में लॉकडाउन के बीच एक अनोखी शादी संपन्न हुई. विदा कराने से वर पक्ष द्वारा मना करने पर दुल्हन अपने जीवनसाथी को अपने साथ विदा कराकर अपने घर ले गई. दुल्हन के घर जाने की बात को दूल्हे ने भी स्वीकार कर लिया. दुल्हन पक्ष का कहना है कि जब तक उनकी बेटी को ससुराल वाले विदा कराकर नहीं ले जाते, तब तक वह दूल्हे को अपने घर में ही रखेंगे. इसके बाद से यह शादी लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है.
दोनों ने किया प्रेम विवाह
सदर कोतवाली क्षेत्र के सहजना-बरदहा गांव निवासी श्रीकांत की पुत्री का प्रेम प्रसंग बड़ागांव निवासी संदीप के पुत्र से चल रहा था. संदीप ने बताया कि उपासना का ननिहाल बड़ागांव में है, जहां पर वह अक्सर आती थी. इसी बीच दोनों के बीच दोस्ती हो गई. इसकी जानकारी जब घरवालों को हुई तो उन्होंने दोनों को अलग करने का प्रयास किया, लेकिन लड़की पक्ष के लोगों को जब यह बात पता चली तो उन्होंने लड़के के खिलाफ कोतवाली में शिकायत कर दी.
विदाई से किया इनकार
वहीं कार्रवाई से बचने को लड़के पक्ष के लोगों ने दोनों की शादी कराने का फैसला लिया. लॉकडाउन के बीच रविवार शाम को मुख्यालय के चौरा देवी मंदिर में दोनों पक्ष के लोग एकत्र हुए और संदीप ने उपासना से शादी कर ली. जैसे ही शादी संपन्न हुई तभी दूल्हे के घरवालों ने बहू को विदा कराकर अपने साथ ले जाने से मना कर दिया. काफी देर मान मनौव्वल के बीच दूल्हा पक्ष के न मानने पर दुल्हन ने अपना फैसला सुनाया. उसने दूल्हे को अपने घर रखने की बात कही. इस पर दूल्हे ने भी अपनी सहमति दे दी. साथ ही दुल्हन पक्ष के लोगों ने भी इसका समर्थन किया और दूल्हे को अपने घर ले गए. मौके पर मौजूद लोग जहां दूल्हे के परिजनों को कोसते नजर आए, वहीं दुल्हन के फैसले की चर्चा करते रहे.