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हमीरपुर: खेतों में फसलों को तबाह कर रहे आवारा गोवंश, हाथ पर हाथ धरे बैठा प्रशासन - stray animals creating problem for farmers

उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में सड़कों पर खुलेआम घूम रहे आवारा गोवंशों को लेकर अधिकारी कुछ भी स्पष्ट नहीं बोलते हैं. आवारा गोवंशों के साथ-साथ सड़कों पर घरेलू गोवंश की भी भारी तादाद में घूम रहे हैं, जिन्हें किसान दूध न देने के कारण खुला छोड़ देते हैं.

अन्ना गोवंश.
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Published : Aug 28, 2019, 2:19 PM IST

हमीरपुर: 'तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है, 'मगर ये आंकड़े झूठे हैं, ये दावा किताबी है'. जनकवि अदम गोंडवी साहब की लिखी ये पंक्तियां आवारा गोवंशों को नियंत्रित करने का दावा करने वाले प्रशासन की कार्यशैली पर एकदम सटीक उतरती है. एक तरफ किसान भारी मशक्कत से फसल उगाने के बाद उसे बर्बाद होता देखकर कराह रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ जिम्मेदार अधिकारी सिर्फ तारीख पर तारीख गिना रहे हैं.

जानकारी देते संवाददाता.

ये भी पढ़ें-हमीरपुर: हथौड़े से एक ही परिवार के पांच सदस्यों की बेरहमी से हत्या

प्रशासन के दावे झूठे
पहले 15 अगस्त तक आवारा गोवंशों को अस्थाई गोशालाओं में बंद करने का दावा हुआ था. जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों ने अपनी नाकामी छिपाने के लिए तारीख को बढ़ाकर 25 अगस्त कर दिया था, लेकिन हालात अब भी जस के तस हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार जिले में 40,000 आवारा गोवंश हैं, जिनमें अभी तक 17,459 आवारा गोवंशों को अस्थाई गोशालाओं में बंद किया जा सका है.

आवारा गोवंश बन रहे परेशानी का सबब
खुला घूम रहे आवारा गोवंश किसानों की फसलों को तबाह कर रहे हैं. जिम्मेदार अधिकारी अपनी नाकामी को छिपाने की कोशिश में लगे हैं. फिलहाल आवारा गोवंश किसानों के सामने गंभीर संकट बन कर खड़े हुए हैं, जिससे जल्द निजात मिलने कि उम्मीद नहीं नजर आ रही है.

सूखे की मार झेलने वाले बुंदेलखंड में किसान भारी मशक्कत से फसल उगाते हैं, लेकिन आवारा गोवंशों के झुंड दिन-रात किसानों की फसलों को चट कर जा रहे हैं. जिला प्रशासन की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है.
-रामदुलारे, किसान

हमीरपुर: 'तुम्हारी फाइलों में गांव का मौसम गुलाबी है, 'मगर ये आंकड़े झूठे हैं, ये दावा किताबी है'. जनकवि अदम गोंडवी साहब की लिखी ये पंक्तियां आवारा गोवंशों को नियंत्रित करने का दावा करने वाले प्रशासन की कार्यशैली पर एकदम सटीक उतरती है. एक तरफ किसान भारी मशक्कत से फसल उगाने के बाद उसे बर्बाद होता देखकर कराह रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ जिम्मेदार अधिकारी सिर्फ तारीख पर तारीख गिना रहे हैं.

जानकारी देते संवाददाता.

ये भी पढ़ें-हमीरपुर: हथौड़े से एक ही परिवार के पांच सदस्यों की बेरहमी से हत्या

प्रशासन के दावे झूठे
पहले 15 अगस्त तक आवारा गोवंशों को अस्थाई गोशालाओं में बंद करने का दावा हुआ था. जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों ने अपनी नाकामी छिपाने के लिए तारीख को बढ़ाकर 25 अगस्त कर दिया था, लेकिन हालात अब भी जस के तस हैं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार जिले में 40,000 आवारा गोवंश हैं, जिनमें अभी तक 17,459 आवारा गोवंशों को अस्थाई गोशालाओं में बंद किया जा सका है.

आवारा गोवंश बन रहे परेशानी का सबब
खुला घूम रहे आवारा गोवंश किसानों की फसलों को तबाह कर रहे हैं. जिम्मेदार अधिकारी अपनी नाकामी को छिपाने की कोशिश में लगे हैं. फिलहाल आवारा गोवंश किसानों के सामने गंभीर संकट बन कर खड़े हुए हैं, जिससे जल्द निजात मिलने कि उम्मीद नहीं नजर आ रही है.

सूखे की मार झेलने वाले बुंदेलखंड में किसान भारी मशक्कत से फसल उगाते हैं, लेकिन आवारा गोवंशों के झुंड दिन-रात किसानों की फसलों को चट कर जा रहे हैं. जिला प्रशासन की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है.
-रामदुलारे, किसान

Intro:किसानों की फसलें तबाह कर रहीं अन्ना गायें, प्रशासन गिना रहा सिर्फ तारीख पर तारीख

हमीरपुर। तुम्हारी फाइलों में गाँव का मौसम गुलाबी है, मगर ये आंकड़े झूठे हैं ये दावा किताबी है। जनकवि अदम गोंडवी साहब की लिखी ये पंक्तियां अन्ना गायों को नियंत्रित करने का दावा करने वाले हमीरपुर जिला प्रशासन की कार्यशैली पर एकदम सटीक उतरती है। एक तरफ किसान भारी मशक्कत से फसल उगाने के बाद उसे बर्बाद होता देख कराह रहा, वहीं दूसरी तरफ जिम्मेदार अधिकारी सिर्फ तारीख पर तारीख गिना रहे हैं। पहले 15 अगस्त तक अन्ना पशुओं को अस्थाई गौशालाओं में बंद करने का दावा करने वाले जिला प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों ने अपनी नाकामी छिपानेे के लिए तारीख को बढ़ाकर 25 अगस्त कर दिया। लेकिन हालात अब भी जस के तस हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार जिले में 40000 अन्ना गोवंश है जिनमें अभी तक 17459 अन्ना गोवंश को ही अस्थाई गौशालाओं में बंद किया जा सका है। छुट्टा घूम रहे गोवंश धड़ाधड़ किसानों की फसलें तबाह कर रहे हैं और जिम्मेदार अधिकारी अपनी नाकामी छिपाने की कोशिश में लगे हैं। फिलहाल अन्ना गोवंश किसानों के सामने गंभीर संकट बन कर खड़ी हुई हैं जिससे जल्द निजात मिलने कि उम्मीद नहीं नजर आ रही है।



Body:करौलीतीर गांव निवासी राम दुलारे कहते हैं कि सूखे की मार झेलने वाले बुंदेलखंड के जिले हमीरपुर में किसान भारी मशक्कत से फसल उगाते हैं, लेकिन अन्ना गायों के झुंड के झुंड दिन-रात किसानों की फसलों को चट कर जा रहे हैं। जिला प्रशासन की तरफ से ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पहले जिला प्रशासन की तरफ से दावा किया गया था कि 15 अगस्त तक सभी अन्ना गायों को गौशालाओं में बंद कर दिया जाएगा लेकिन उसके बाद तारीख को बढ़ाकर 25 अगस्त कर दिया गया। अब जब 25 अगस्त भी बीत गया है स्थिति जस की तस ही बनी हुई है। इस मसले पर जब जिले के मुख्य विकास अधिकारी रामकुमार सिंह से सवाल किया गया तो उन्होंने आचार संहिता का हवाला देते हुए कैमरे के सामने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।


Conclusion:बताते चलें कि जिले की 330 ग्राम पंचायतों में अस्थाई गौशालाओं का निर्माण कराया जाना है जिनमें 318 गौशालाएं संचालित किए जाने का दावा जिला प्रशासन कर रहा है। सड़कों पर खुला घूम रही अन्ना गायों को लेकर अधिकारी कुछ भी स्पष्ट नहीं बोलते, हालांकि दबी जुबान यह जरूर कहते हैं कि अन्ना गायों के साथ-साथ सड़कों पर घूम रही गायों में घरेलू गायों की भी भारी तादाद है, जिन्हें किसान दूध ना देने के कारण खुला छोड़ देते हैं।


नोट : बाइट किसान रामदुलारे की है।
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