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हमीरपुर: इस अनोखे मन्दिर में शिव के साथ नहीं है उनका वाहन

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Published : Jul 22, 2019, 10:50 AM IST

आज सावन के पवित्र महीने का पहला सोमवार है. सुबह से ही जनपद में यमुना तट के किनारे बने प्राचीन संगमेश्वर मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ जुटने लगी. इस प्राचीन मंदिर में भगवान शिव स्वयं माता पार्वती के साथ विराजमान हैं.

सावन के पहले सोमवार पर प्राचीन संगमेश्वर मंदिर में भक्तों की भारी भीड़

हमीरपुर: आज सावन के पवित्र महीने का पहला सोमवार है. सावन के पहले सोमवार पर मंदिर में शिव भक्तों की भीड़ उमड़ रही है. जनपद हमीरपुर में शिव भक्तों में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है. प्राचीन संगमेश्वर मंदिर में भक्तों का भारी भीड़ सुबह से ही जुटने लगी. एसी मान्यता है कि यहां जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से मनोकामना मानते हैं वह अवश्य पूर्ण होती है. इस प्राचीन मंदिर में भगवान शिव स्वयं माता पार्वती साथ विराजमान हैं.

सावन के पहले सोमवार पर प्राचीन संगमेश्वर मंदिर में भक्तों की भारी भीड़.

सावन के पहले सोमवार पर उमड़ी शिव भक्तों की भीड़ -

  • आज सावन के पावन महीने का पहला सोमवार है.
  • जिले के यमुना तट के किनारे बने प्राचीन संगमेश्वर मंदिर में भक्तों का तांता लगा है.
  • इस प्राचीन मंदिर में भगवान शिव माता पार्वती के संग विराजमान हैं.
  • ऐसी मान्यता है कि सावन के महीने में संगमेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना करने से भक्तों की मुराद अवश्य पूरी होती है.
  • इस वजह से सावन महीने में पड़ने वाले प्रत्येक सोमवार को यहां दर्शन करने के लिए भक्तों की बहुत भारी भीड़ जुटती है.

यह प्राचीन संगमेश्वर मंदिर गुप्तकालीन है. आमतौर पर शिव मंदिर में भगवान नंदी भगवान शिव के सामने विराजमान होते हैं लेकिन संगमेश्वर मंदिर में भगवान शिव माता पार्वती के साथ विराजमान है. जिस कारण इस मंदिर को संगमेश्वर मंदिर व सिंहमहेश्वरी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है.

मंदिर के बारे में मान्यता है कि प्राचीन काल में एक गाय यहां पर आकर एक स्थान पर अपना दूध छोड़ देती थी. जब उस स्थान पर खुदाई कराई गई तो वहां शिवलिंग निकला, जिसके बाद से मंदिर में भगवान शिव की पूजा-अर्चना शुरू हो गई. मंदिर में पूजा-अर्चना करने से भक्तों की मुराद अवश्य पूरी होती है यही कारण है कि यहां भक्तों की भारी भीड़ जुटती है.
- भगवान दास, मंदिर के महंत

हमीरपुर: आज सावन के पवित्र महीने का पहला सोमवार है. सावन के पहले सोमवार पर मंदिर में शिव भक्तों की भीड़ उमड़ रही है. जनपद हमीरपुर में शिव भक्तों में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है. प्राचीन संगमेश्वर मंदिर में भक्तों का भारी भीड़ सुबह से ही जुटने लगी. एसी मान्यता है कि यहां जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से मनोकामना मानते हैं वह अवश्य पूर्ण होती है. इस प्राचीन मंदिर में भगवान शिव स्वयं माता पार्वती साथ विराजमान हैं.

सावन के पहले सोमवार पर प्राचीन संगमेश्वर मंदिर में भक्तों की भारी भीड़.

सावन के पहले सोमवार पर उमड़ी शिव भक्तों की भीड़ -

  • आज सावन के पावन महीने का पहला सोमवार है.
  • जिले के यमुना तट के किनारे बने प्राचीन संगमेश्वर मंदिर में भक्तों का तांता लगा है.
  • इस प्राचीन मंदिर में भगवान शिव माता पार्वती के संग विराजमान हैं.
  • ऐसी मान्यता है कि सावन के महीने में संगमेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना करने से भक्तों की मुराद अवश्य पूरी होती है.
  • इस वजह से सावन महीने में पड़ने वाले प्रत्येक सोमवार को यहां दर्शन करने के लिए भक्तों की बहुत भारी भीड़ जुटती है.

यह प्राचीन संगमेश्वर मंदिर गुप्तकालीन है. आमतौर पर शिव मंदिर में भगवान नंदी भगवान शिव के सामने विराजमान होते हैं लेकिन संगमेश्वर मंदिर में भगवान शिव माता पार्वती के साथ विराजमान है. जिस कारण इस मंदिर को संगमेश्वर मंदिर व सिंहमहेश्वरी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है.

मंदिर के बारे में मान्यता है कि प्राचीन काल में एक गाय यहां पर आकर एक स्थान पर अपना दूध छोड़ देती थी. जब उस स्थान पर खुदाई कराई गई तो वहां शिवलिंग निकला, जिसके बाद से मंदिर में भगवान शिव की पूजा-अर्चना शुरू हो गई. मंदिर में पूजा-अर्चना करने से भक्तों की मुराद अवश्य पूरी होती है यही कारण है कि यहां भक्तों की भारी भीड़ जुटती है.
- भगवान दास, मंदिर के महंत

Intro:सावन के पहले सोमवार पर मंदिर में उमड़ी शिव भक्तों की भीड़

हमीरपुर। आज सावन के पवित्र महीने का पहला सोमवार है। इस मौके पर बुंदेलखंड के जिले हमीरपुर में शिव भक्तों में भारी उत्साह देखने को मिला। यमुना तट के किनारे बने प्राचीन संगमेश्वर मंदिर में भक्तों का भारी भीड़ सुबह से ही जुटने लगी थी। मंदिर में मनोकामना की पूर्ति के लिए श्रद्धालुओं ने भगवान शिव का जलाभिषेक किया एवं पूजा-अर्चना की। इतना ही नहीं भक्ति में डूबे शिव भक्त बोल बम के नारों से भगवान शिव को खुश करते नजर आए। ऐसी मान्यता है कि यमुना किनारे बने इस प्राचीन मंदिर में भगवान शिव स्वयं माता पार्वती के साथ विराजमान हैं। इसलिए यहां जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से मनोकामना मानते हैं वह अवश्य पूर्ण होती है, यही कारण है कि सावन के प्रत्येक सोमवार को यहां भक्तों का तांता लगा रहता है।



Body:प्राचीन संगमेश्वर मंदिर में सावन के पहले सोमवार के मौके पर पूजा-अर्चना करने पहुंचे कुरारा निवासी रामेंद्र प्रताप सिंह बताते हैं कि इस प्राचीन मंदिर में भगवान शिव स्वयं माता पार्वती के साथ विराजमान हैं। ऐसी मान्यता है कि सच्चे मन से मानी हुई मुराद यहां जरूर पूरी होती है, जिस कारण पूरे सावन भर यहां भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है। लेकिन सावन महीने में पड़ने वाले प्रत्येक सोमवार को यहां दर्शन करने के लिए भक्तों की बहुत भारी भीड़ जुटती है। वे बताते हैं कि मंदिर में आने के बाद जिन भक्तों की मनोकामना पूर्ण हो जाती है वे मंदिर में भंडारा व पूजन इत्यादि कराते रहते हैं।


Conclusion:मंदिर के महंत भगवान दास बताते हैं कि यह प्राचीन संगमेश्वर मंदिर गुप्तकालीन है। वे बताते हैं कि आमतौर पर शिव मंदिर में नंदी भगवान भगवान शिव के सामने विराजमान होते हैं लेकिन संगमेश्वर मंदिर में भगवान शिव माता पार्वती के साथ विराजमान है जिस कारण इस मंदिर को संगमेश्वर मंदिर व सिंहमहेश्वरी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। वे बताते हैं कि संगमेश्वर मंदिर के बारे में मान्यता है कि प्राचीन काल में एक गाय यहां पर आकर एक स्थान पर अपना दूध छोड़ देती थी जब उस स्थान पर खुदाई कराई गई तो वहां शिवलिंग निकला। जिसके बाद से मंदिर में भगवान शिव की पूजा-अर्चना शुरू हो गई। भगवान दास कहते हैं कि सावन के महीने में संगमेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना करने से भक्तों की मुराद अवश्य पूरी होती है यही कारण है कि यहां भक्तों की भारी भीड़ जुटती है।

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नोट : पहली बाइट श्रद्धालु रामेंद्र प्रताप सिंह की है व दूसरी बाइट मंदिर के महंत भगवान दास की।
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