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अन्ना गायों के कहर से हमीरपुर के किसान बेहाल, सीएम योगी से लगा रहे गुहार

बुंदेलखंड के हमीरपुर में अन्ना गायों के आतंक से किसान कराह रहे हैं. जिले में प्रशासन की लापरवाही के चलते जनपद के कई अस्थाई गोशालाएं खाली पड़ी हैं. अन्ना गाय दिन-रात किसानों के लिए चिंता का सबब बनी हुई हैं.

अन्ना गायों पर नहीं जिला प्रशासन का नियंत्रण.
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Published : Nov 14, 2019, 11:25 PM IST

Updated : Nov 17, 2019, 4:56 PM IST

हमीरपुर: अन्ना गायों के प्रकोप से निजात दिलाने के लिए प्रदेश की योगी सरकार ने जिले की सभी ग्राम पंचायतों में अस्थाई गोशालाएं बनाने के निर्देश दिए थे. इसके बाद किसानों ने राहत की सांस ली थी, लेकिन जिला प्रशासन के ढुलमुल रवैये के चलते जिले की ज्यादातर अस्थाई गोशालाएं खाली पड़ी हैं. अन्ना गाय दिन-रात किसानों के लिए चिंता का सबब बनी हुई हैं. खरीफ की फसल चौपट होने के बाद अब किसान रबी की फसल तैयार करने के लिए दिन-रात खेतों में मेहनत कर रहे हैं. कुछ क्षेत्रों में तो बुआई भी शुरू हो चुकी है. बुआई के साथ-साथ किसानों की चिंता भी दिन पर दिन बढ़ती जा रही है.

अन्ना गायों पर नहीं जिला प्रशासन का नियंत्रण.

अन्ना गायों को लेकर प्रशासन पूरी तरह से नाकाम
जिले के कुछेछा निवासी रामदीन बताते हैं कि अन्ना गायों के लिए बनाई गई अस्थाई गोशाला खाली पड़ी हुई हैं. सभी अन्ना गायें खुले घूम रही हैं. उनका कहना है कि रबी की फसल के लिए बुआई शुरू हो चुकी है, लेकिन अन्ना गायों को अभी तक अस्थाई गोशालाओं में नियंत्रित करने को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह से नाकाम रहा है. रामदीन ने बताया कि खेतों की रखवाली के लिए किसानों को रात-रात भर खेतों में गुजारनी पड़ रही है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी अन्ना गायों को गोशालाओं में बंद करने को लेकर जरा भी चिंतित नहीं हैं.

जनपद में 40 हजार हैं अन्ना गोवंश
जिले मुख्य विकास अधिकारी राम कुमार सिंह ने सभी अन्ना को गोवंश को जल्द से जल्द अस्थाई गोशालाओं में नियंत्रित करने का दावा किया है. उनका कहना है कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार जिले में 1 लाख 42 हजार गोवंश हैं, जिनमें से लगभग 40 हजार गोवंश अन्ना गोवंश हैं, जिन्हें नियंत्रित करने के लिए जिले की 330 ग्राम पंचायतों में से 318 ग्राम पंचायतों में अस्थाई गोशालाएं बनाई गई हैं.

उन्होंने बताया कि गोवंशों के चारे पानी की पर्याप्त व्यवस्था की गई है. जिला प्रशासन द्वारा अन्ना गोवंश को नियंत्रित करने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है. इसके अलावा जो ग्रामीण अपने पालतू गोवंश को छोड़ देते हैं उन्हें भी अपने पालतू गोवंश को बांधकर रखने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. राम कुमार सिंह ने बताया कि जो ग्रामीण अपने पालतू गोवंश को बांधकर नहीं रखेंगे तो अब जिला प्रशासन जल्द ही उनके खिलाफ कार्रवाई भी करेगा. बताते चलें कि बुंदेलखंड क्षेत्र में अन्ना गोवंश किसानों के लिए बहुत बड़ी समस्या बनकर उभरे हैं. हालात इतने बदतर हैं कि इन अन्ना गोवंशों के झुंडों का हाईवे और खेतों पर भारी जमावड़ा नजर आना आम बात है.

हमीरपुर: अन्ना गायों के प्रकोप से निजात दिलाने के लिए प्रदेश की योगी सरकार ने जिले की सभी ग्राम पंचायतों में अस्थाई गोशालाएं बनाने के निर्देश दिए थे. इसके बाद किसानों ने राहत की सांस ली थी, लेकिन जिला प्रशासन के ढुलमुल रवैये के चलते जिले की ज्यादातर अस्थाई गोशालाएं खाली पड़ी हैं. अन्ना गाय दिन-रात किसानों के लिए चिंता का सबब बनी हुई हैं. खरीफ की फसल चौपट होने के बाद अब किसान रबी की फसल तैयार करने के लिए दिन-रात खेतों में मेहनत कर रहे हैं. कुछ क्षेत्रों में तो बुआई भी शुरू हो चुकी है. बुआई के साथ-साथ किसानों की चिंता भी दिन पर दिन बढ़ती जा रही है.

अन्ना गायों पर नहीं जिला प्रशासन का नियंत्रण.

अन्ना गायों को लेकर प्रशासन पूरी तरह से नाकाम
जिले के कुछेछा निवासी रामदीन बताते हैं कि अन्ना गायों के लिए बनाई गई अस्थाई गोशाला खाली पड़ी हुई हैं. सभी अन्ना गायें खुले घूम रही हैं. उनका कहना है कि रबी की फसल के लिए बुआई शुरू हो चुकी है, लेकिन अन्ना गायों को अभी तक अस्थाई गोशालाओं में नियंत्रित करने को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह से नाकाम रहा है. रामदीन ने बताया कि खेतों की रखवाली के लिए किसानों को रात-रात भर खेतों में गुजारनी पड़ रही है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी अन्ना गायों को गोशालाओं में बंद करने को लेकर जरा भी चिंतित नहीं हैं.

जनपद में 40 हजार हैं अन्ना गोवंश
जिले मुख्य विकास अधिकारी राम कुमार सिंह ने सभी अन्ना को गोवंश को जल्द से जल्द अस्थाई गोशालाओं में नियंत्रित करने का दावा किया है. उनका कहना है कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार जिले में 1 लाख 42 हजार गोवंश हैं, जिनमें से लगभग 40 हजार गोवंश अन्ना गोवंश हैं, जिन्हें नियंत्रित करने के लिए जिले की 330 ग्राम पंचायतों में से 318 ग्राम पंचायतों में अस्थाई गोशालाएं बनाई गई हैं.

उन्होंने बताया कि गोवंशों के चारे पानी की पर्याप्त व्यवस्था की गई है. जिला प्रशासन द्वारा अन्ना गोवंश को नियंत्रित करने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है. इसके अलावा जो ग्रामीण अपने पालतू गोवंश को छोड़ देते हैं उन्हें भी अपने पालतू गोवंश को बांधकर रखने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. राम कुमार सिंह ने बताया कि जो ग्रामीण अपने पालतू गोवंश को बांधकर नहीं रखेंगे तो अब जिला प्रशासन जल्द ही उनके खिलाफ कार्रवाई भी करेगा. बताते चलें कि बुंदेलखंड क्षेत्र में अन्ना गोवंश किसानों के लिए बहुत बड़ी समस्या बनकर उभरे हैं. हालात इतने बदतर हैं कि इन अन्ना गोवंशों के झुंडों का हाईवे और खेतों पर भारी जमावड़ा नजर आना आम बात है.

Intro:
ध्यानार्थ : कृपया यह खबर निर्भय जी को प्रेषित कर दें।

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अन्ना गायों पर नहीं जिला प्रशासन का नियंत्रण, चिंता में डूबे किसान

हमीरपुर। अन्ना गायों के प्रकोप से निजात दिलाने के लिए प्रदेश की योगी सरकार ने जिले की सभी ग्राम पंचायतों में अस्थाई गौशालाएं बनाने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद किसानों ने राहत की सांस ली थी। लेकिन जिला प्रशासन के ढुलमुल रवैये के चलते जिले की ज्यादातर अस्थाई गौशालाएं खाली पड़ी हैं और अन्ना गाय दिन रात किसानों के लिए चिंता का सबब बनी हुई हैं। खरीफ की फसल चौपट होने के बाद अब किसानों रबी की फसल तैयार करने के लिए दिन-रात खेतों में मेहनत कर रहे हैं। कुछ क्षेत्रों में तो बुवाई भी शुरू हो चुकी है और बुवाई के साथ-साथ किसानों की चिंता भी दिन पर दिन बढ़ती जा रही है।


Body:कुछेछा निवासी रामदीन बताते हैं कि अन्ना गायों के लिए बनाई गई अस्थाई गौशाला खाली पड़ी हुई है और सभी अन्ना गायें खुला घूम रही हैं। वे बताते हैं कि रबी की फसल के लिए बुवाई शुरू हो चुकी है लेकिन अन्ना गायों को अभी तक अस्थाई गौशालाओं में नियंत्रित करने को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह से नाकाम रहा है। वे बताते हैं कि अपने खेतों की रखवाली के लिए किसानों को रात रात भर खेतों में गुजारनी पड़ रही है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी अन्ना गायों को गौशालाओं में बंद करने को लेकर जरा भी चिंतित नहीं हैं।


Conclusion:वहीं जिले मुख्य विकास अधिकारी राम कुमार सिंह ने सभी अन्ना को गोवंश को जल्द से जल्द अस्थाई गौशालाओं में नियंत्रित करने का दावा करते हुए कहा कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार जिले में 142000 गोवंश हैं जिनमें से लगभग 40000 गोवंश अन्ना गोवंश हैं, जिन्हें नियंत्रित करने के लिए जिले की 330 ग्राम पंचायतों में से 318 ग्राम पंचायतों में अस्थाई गौशालाएं बनाई गई हैं। जिनमें गोवंशों के चारे पानी की पर्याप्त व्यवस्था की गई है। जिला प्रशासन द्वारा अन्ना गोवंश को नियंत्रित करने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा जो ग्रामीण अपने पालतू गोवंश को छोड़ देते हैं उन्हें भी अपने पालतू गोवंश को बांधकर रखने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जो ग्रामीण अपने पालतू गोवंश को बांधकर नहीं रखेंगे अब जिला प्रशासन जल्द ही उनके खिलाफ कार्रवाई भी करेगा। बताते चलें कि बुंदेलखंड क्षेत्र में अन्ना गोवंश किसानों के लिए बहुत बड़ी समस्या बनकर उभरे हैं। हालात इतने बदतर हैं कि इन अन्ना गौवंशों के झुंडों का हाईवे और खेतों पर भारी जमावड़ा नजर आना आम बात हैं।

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नोट : पहली बाइट किसान रामदीन की है दूसरी बाइट जय शंकर की तीसरी बाइट शाजिद अली की है। चौथी बाइट सीडीओ रामकुमार सिंह की है।
Last Updated : Nov 17, 2019, 4:56 PM IST
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