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हमीरपुर: कानपुर मुठभेड़ के बाद सक्रिय अपराधियों का ब्यौरा जुटा रही पुलिस

कानपुर मुठभेड़ के बाद यूपी के हमीरपुर जिले का पुलिस महकमा भी सक्रिय हो गया है. जिले में चिन्हित 17 गैंग की फाइल खंगाली जा रही है. वहीं इसके अलावा 974 हिस्ट्रीशीटर भी हैं, जिनके खिलाफ भी कार्रवाई के मूड में पुलिस नजर आ रही है.

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Published : Jul 6, 2020, 8:51 PM IST

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कानपुर मुठभेड़ के बाद से सक्रिय अपराधियों के गैंग का ब्यौरा जुटाने में लगी पुलिस

हमीरपुर: कानपुर मुठभेड़ में 8 पुलिसकर्मियों की शहादत के बाद जिले का पुलिस महकमा भी सक्रिय हो गया है. डीजीपी के निर्देश के पर जिले में चिन्हित 17 गैंग की फाइल खंगाली जा रही है. हालांकि मौजूदा में करीब 6 गैंग सक्रिय बताए जा रहे हैं. वहीं पुलिस नए बदमाशों की हिस्ट्रीशीट खोले जाने के साथ पहले से हिस्ट्रीशीट में दर्ज जिले के 974 अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के मूड में दिख रही है.

गुरुवार रात कानपुर के हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस पर हुई फायरिंग में सीओ समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. जिसके बाद पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. मौजूदा में जिले में 17 गैंग रजिस्टर्ड हैं. जिसमें सबसे पहला नाम राठ कस्बा निवासी भूपेंद्र यादव गैंग का है, जिसके खिलाफ जिले के विभिन्न थानों में हत्या व हत्या का प्रयास जैसे 52 मामले दर्ज हैं. इसे वर्ष 2014 में सपा सरकार से विरोध कर पत्नी को लोकसभा चुनाव लड़ाना भारी पड़ गया. बीते काफी समय से भूपेंद्र हत्या के आरोप में बांदा जेल में निरुद्ध है. वहीं दूसरा नाम कुरारा थानाक्षेत्र के पतारा गांव निवासी रोहित यादव का है, जिसके खिलाफ जिले के विभिन्न थानों के अलावा अन्य जनपदों में कुल 32 मुकदमे दर्ज हैं. इसमें हत्या व हत्या का प्रयास व लूट के मुकदमे भी शामिल हैं. रोहित पर चार बार पुलिस पर हमला करने का भी आरोप है. रोहित को बीते 12 जून को कुरारा थानाध्यक्ष समेत पुलिस कर्मियों पर जानलेवा हमला करने के आरोप में जेल भेजा गया था.

इसके अलावा पतारा के ही दीपक यादव पर 19, उदय प्रताप उर्फ झल्लू पर 17 मामले रजिस्टर्ड हैं. हालांकि मौजूदा में सात गैंग सक्रिय माने जा रहे हैं. इनमें भूपेंद्र यादव गैंग, रोहित यादव के अलावा पतारा निवासी स्वराज उर्फ बबलू, राजाबाबू बिवांर, बसीम कुंजड़ा राठ, अजय उर्फ मोटा निवासी मौदहा व सुभाष खंगार निवासी मौदहा का नाम शामिल हैं. वहीं जिले के विभिन्न थानों में कुल 974 हिस्ट्रीशीटरों के नाम दर्ज हैं.

वहीं पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार ने बताया कि जिले में कुल 17 गैंग चिन्हित हैं. इनमें सब अलग-अलग कामों से संबंधित हैं. इसके अलावा 974 हिस्ट्रीशीटर भी हैं. वहीं अब अपराध के क्षेत्र में आने वाले नए नामों की भी हिस्ट्रीशीट तैयार कराई जाएगी. ताकि जिले में अपराध पर अंकुश करने के लिए इन पर निगरानी रखते हुए कार्रवाई की जा सके. इसके अलावा अपराध की दुनिया में सक्रिय नए अपराधियों का भी ब्यौरा जुटाया जा रहा है.

हमीरपुर: कानपुर मुठभेड़ में 8 पुलिसकर्मियों की शहादत के बाद जिले का पुलिस महकमा भी सक्रिय हो गया है. डीजीपी के निर्देश के पर जिले में चिन्हित 17 गैंग की फाइल खंगाली जा रही है. हालांकि मौजूदा में करीब 6 गैंग सक्रिय बताए जा रहे हैं. वहीं पुलिस नए बदमाशों की हिस्ट्रीशीट खोले जाने के साथ पहले से हिस्ट्रीशीट में दर्ज जिले के 974 अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई के मूड में दिख रही है.

गुरुवार रात कानपुर के हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस पर हुई फायरिंग में सीओ समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. जिसके बाद पुलिस ने अपराधियों के खिलाफ शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. मौजूदा में जिले में 17 गैंग रजिस्टर्ड हैं. जिसमें सबसे पहला नाम राठ कस्बा निवासी भूपेंद्र यादव गैंग का है, जिसके खिलाफ जिले के विभिन्न थानों में हत्या व हत्या का प्रयास जैसे 52 मामले दर्ज हैं. इसे वर्ष 2014 में सपा सरकार से विरोध कर पत्नी को लोकसभा चुनाव लड़ाना भारी पड़ गया. बीते काफी समय से भूपेंद्र हत्या के आरोप में बांदा जेल में निरुद्ध है. वहीं दूसरा नाम कुरारा थानाक्षेत्र के पतारा गांव निवासी रोहित यादव का है, जिसके खिलाफ जिले के विभिन्न थानों के अलावा अन्य जनपदों में कुल 32 मुकदमे दर्ज हैं. इसमें हत्या व हत्या का प्रयास व लूट के मुकदमे भी शामिल हैं. रोहित पर चार बार पुलिस पर हमला करने का भी आरोप है. रोहित को बीते 12 जून को कुरारा थानाध्यक्ष समेत पुलिस कर्मियों पर जानलेवा हमला करने के आरोप में जेल भेजा गया था.

इसके अलावा पतारा के ही दीपक यादव पर 19, उदय प्रताप उर्फ झल्लू पर 17 मामले रजिस्टर्ड हैं. हालांकि मौजूदा में सात गैंग सक्रिय माने जा रहे हैं. इनमें भूपेंद्र यादव गैंग, रोहित यादव के अलावा पतारा निवासी स्वराज उर्फ बबलू, राजाबाबू बिवांर, बसीम कुंजड़ा राठ, अजय उर्फ मोटा निवासी मौदहा व सुभाष खंगार निवासी मौदहा का नाम शामिल हैं. वहीं जिले के विभिन्न थानों में कुल 974 हिस्ट्रीशीटरों के नाम दर्ज हैं.

वहीं पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार ने बताया कि जिले में कुल 17 गैंग चिन्हित हैं. इनमें सब अलग-अलग कामों से संबंधित हैं. इसके अलावा 974 हिस्ट्रीशीटर भी हैं. वहीं अब अपराध के क्षेत्र में आने वाले नए नामों की भी हिस्ट्रीशीट तैयार कराई जाएगी. ताकि जिले में अपराध पर अंकुश करने के लिए इन पर निगरानी रखते हुए कार्रवाई की जा सके. इसके अलावा अपराध की दुनिया में सक्रिय नए अपराधियों का भी ब्यौरा जुटाया जा रहा है.

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