हमीरपुर: कृषि यंत्रीकरण योजना में किसानों को मिलने वाला अनुदान डीलर नहीं ले सकेंगे. इसके लिए शासन के निर्देश पर ऑनलाइन आवेदन की व्यवस्था में परिवर्तन किया है. इसमें डीलरों को किसानों का टोकन जनरेट करने में अपना मोबाइल नंबर न डालने की हिदायत दी गई है. ऐसा करने वाले डीलरों को ब्लैक लिस्टेड करने की चेतावनी दी गई है.
यंत्रों की खरीद पर 80 से 90 फीसदी अनुदान
जिला कृषि रक्षा अधिकारी सरस तिवारी ने बताया कि कृषि क्षेत्र के कार्याें को आसान बनाने व लागत कम कर मुनाफा बढ़ाने के लिए यंत्रीकरण पर जोर दिया जा रहा है. इसके लिए यंत्रों की खरीद पर सरकार 80 से 90 फीसद अनुदान दे रही है, लेकिन पहले यह प्रक्रिया मैन्युअल होती थी, जिस पर बिचौलिए किसानों का हक डकार जाते थे. इस वजह से शासन ने पीएम किसान पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन की व्यवस्था कर दी, लेकिन इसके बाद भी किसानों के हक पर डाका डालने के लिए बिचौलियों व डीलरों ने रास्ता निकाल लिया था.
आवेदकों की जगह बिचौलिए अपना नंबर डाल उठाते थे फायदा
योजना का लाभ लेने आने वाले निरक्षर किसानों के आवेदन में टोकन जनरेट कराने के लिए उनके मोबाइल नंबर के स्थान पर अपना मोबाइल नंबर डाल देते थे. इससे टोकन नंबर से लेकर ओटीपी तक सारी चीजें उन्हीं के मोबाइल पर आती थीं. इस तरह बिचौलिए आसानी से उनकी आने वाली अनुदान धनराशि हड़प लेते थे. मामलों की शिकायत आने पर शासन ने गंभीरता दिखाते हुए इसे और पारदर्शी करने का निर्देश जारी किए हैं. उन्होंने बताया कि अब टोकन जनरेट करने के लिए स्वयं किसान या उनके रिश्तेदार का ही मोबाइल नंबर फीड किया जाएगा. सत्यापन के दौरान डीलर या बिचौलियों का मोबाइल नंबर पाए जाने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी.
जिले में 82 यंत्रों का मिला है लक्ष्य
जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने बताया कि जिले में यंत्रीकरण योजना के तहत विभिन्न प्रकार के 82 यंत्रों का लक्ष्य प्राप्त हुआ है. जिसमें 65 लोगों के टोकन जनरेट हो चुके हैं. इनमें सत्यापन के दौरान यदि डीलर या किसी बिचौलिए का मोबाइल नंबर पाया गया तो डीलर को ब्लैक लिस्टेड किया जाएगा.