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हमीरपुर: जिला अस्पताल में सुविधाओं की कमी, ठेले से आने को मजबूर मरीज

हमीरपुर जिला अस्पताल में सुविधाओं की कमी के कारण मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अस्पताल में व्हीलचेयर और स्ट्रेचर की कमी के चलते तीमारदार मरीज को ठेले से लाने के लिए मजबूर हैं. इसके साथ ही अस्पताल में हड्डी रोग, दंत रोग व नेत्र रोग विशेषज्ञों के पदों पर लंबे अरसे से तैनाती नहीं हुई है.

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जांच के लिए मां को गोद में ले जाने को मजबूर हुआ युवक
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Published : May 30, 2020, 12:06 PM IST

हमीरपुर: जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं इस समय पूरी तरह से बदहाल हैं. मरीजों को सुविधाएं न मिलने के कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिला अस्पताल में वृद्ध व असहायों के लिए स्ट्रेचर व व्हीलचेयर की कोई व्यवस्था नहीं है. शुक्रवार को मुख्यालय के गौरा देवी निवासी रामदेवी अपनी 70 वर्षीय सास सरजू देवी, पत्नी दुलीचंद्र को ठेले से अस्पताल लाने के लिए मजबूर हुईं. उन्हें सरकारी एम्बुलेंस भी नहीं मिल पायी तो ठेले से मरीज को अस्पताल लाना पड़ा. सरजू देवी को उसके पुत्र ने घरेलू विवाद के चलते पीट दिया था. जिससे उसका पैर टूट गया और जब एंबुलेंस न मिली तो उसकी बहू उसे एक किलोमीटर तक ठेले से लेकर अस्पताल पहुंची, लेकिन अस्पताल में भी हड्डी का डाक्टर न होने के कारण डॉक्टरों ने उसे रेफर कर दिया.

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जांच के लिए मां को गोद में ले जाने को मजबूर हुआ युवक

इसके बाद उसे प्राइवेट अस्पताल का सहारा लेना पड़ा. जिला अस्पताल में जांच न होने के कारण युवक अपनी वृद्ध मां को बाहर जांच कराने के लिए गोद में ले जाने को मजबूर हुआ. वहीं इस मामले में जब जिला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर विनय प्रकाश से पूछा गया तो उन्होंने जांच करा कर जल्द से जल्द व्यवस्था दुरुस्त कराने की बात कही.

जिला अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ, दंत रोग विशेषज्ञ एवं नेत्र रोग विशेषज्ञ जैसे अहम पदों पर लंबे अरसे से डॉक्टरों की तैनाती नहीं की गयी है. जिस कारण मरीजों को काफी परेशानी हो रही है.

हमीरपुर: जिला अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाएं इस समय पूरी तरह से बदहाल हैं. मरीजों को सुविधाएं न मिलने के कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जिला अस्पताल में वृद्ध व असहायों के लिए स्ट्रेचर व व्हीलचेयर की कोई व्यवस्था नहीं है. शुक्रवार को मुख्यालय के गौरा देवी निवासी रामदेवी अपनी 70 वर्षीय सास सरजू देवी, पत्नी दुलीचंद्र को ठेले से अस्पताल लाने के लिए मजबूर हुईं. उन्हें सरकारी एम्बुलेंस भी नहीं मिल पायी तो ठेले से मरीज को अस्पताल लाना पड़ा. सरजू देवी को उसके पुत्र ने घरेलू विवाद के चलते पीट दिया था. जिससे उसका पैर टूट गया और जब एंबुलेंस न मिली तो उसकी बहू उसे एक किलोमीटर तक ठेले से लेकर अस्पताल पहुंची, लेकिन अस्पताल में भी हड्डी का डाक्टर न होने के कारण डॉक्टरों ने उसे रेफर कर दिया.

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जांच के लिए मां को गोद में ले जाने को मजबूर हुआ युवक

इसके बाद उसे प्राइवेट अस्पताल का सहारा लेना पड़ा. जिला अस्पताल में जांच न होने के कारण युवक अपनी वृद्ध मां को बाहर जांच कराने के लिए गोद में ले जाने को मजबूर हुआ. वहीं इस मामले में जब जिला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर विनय प्रकाश से पूछा गया तो उन्होंने जांच करा कर जल्द से जल्द व्यवस्था दुरुस्त कराने की बात कही.

जिला अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ, दंत रोग विशेषज्ञ एवं नेत्र रोग विशेषज्ञ जैसे अहम पदों पर लंबे अरसे से डॉक्टरों की तैनाती नहीं की गयी है. जिस कारण मरीजों को काफी परेशानी हो रही है.

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