हमीरपुर: जिले से होकर गुजरने वाली बेतवा और यमुना नदियों में आई बाढ़ का पानी धीरे-धीरे उतरने लगा है. बाढ़ की चपेट में आए सभी कच्चे मकान जमींदोज हो चुके हैं और जलमग्न हुईं सारी फसलें पूरी तरह से सड़ गई हैं. बाढ़ की चपेट में आकर बेघर हुए लोग अब भी सड़क किनारे खुले में रहने को मजबूर हैं. जिला प्रशासन ने बाढ़ प्रभावितों को जल्द से जल्द राहत पहुंचाने के लिए तहसील स्तर पर टीमें गठित कर दी हैं.
बाढ़ पीड़ितों ने सुनाया अपना दर्द
बाढ़ की चपेट में आकर अपना घर खोने वाले कलौलीतीर निवासी शिवराम कहते हैं कि जब बाढ़ का पानी धीरे-धीरे बढ़ने लगा तो वह अपने परिवार के साथ घर की छत पर रहने लगे. इसके बाद पानी के बढ़ते जलस्तर के चलते उनका घर डूब गया और वे राहत शिविर में रहने को मजबूर हो गए. उन्होंने बताया कि पानी उतरने के बाद जब वे अपने घर आए तब उनका घर पूरा जमींदोज हो चुका था. शिवराम कहते हैं कि उन्हें अभी तक किसी भी प्रकार की सरकारी मदद का आश्वासन नहीं मिला है, जिसके चलते वे चिंतित हैं.
बाढ़ पीड़ित भूरेलाल बताते हैं कि बाढ़ में उनकी पूरी फसल के साथ-साथ उनका घर भी नष्ट हो गया. अभी तक किसी भी तरह की सरकारी मदद उन्हें नहीं मिली है.
अपर जिलाधिकारी विनय प्रकाश श्रीवास्तव का कहना है कि बाढ़ प्रभावितों को राहत पहुंचाने के लिए तहसील स्तर पर टीमों का गठन कर दिया गया है. टीमें जल्द से जल्द बाढ़ से हुए नुकसान का सर्वेक्षण करेंगी, जिसके बाद बेघर हुए लोगों को मुआवजा दिलाया जा सकेगा. इसके अलावा बाढ़ में जिन लोगों की फसलें नष्ट हुई हैं उन्हें भी सर्वेक्षण करवाकर मुआवजा दिलाया जाएगा.